वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) की प्रबंधन समिति अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष एक तत्काल याचिका दायर कर वाराणसी की एक स्थानीय अदालत द्वारा 8 अप्रैल को सुनाए गए उस फैसले पर रोक लगाने की माँग की है, जिसके तहत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा पूरे परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण किए जाने की अनुमति दी गई है।
The management committee of the #GyanvapiMasjid in #Varanasi, has filed an urgent petition before the #AllahabadHighCourt seeking a stay on the April 8 judgment of a local court in Varanasi, allowing an archaeological survey of the entire complex by the @ASIGoI. pic.twitter.com/mzZLtjeoNl
— IANS Tweets (@ians_india) April 13, 2021
सोमवार को दायर अपनी याचिका में प्रबंधन समिति ने कहा है कि इस आदेश को बिना किसी नियम के अवैध ढंग से पारित किया गया है। इस बीच, सुन्नी वक्फ बोर्ड के द्वारा भी वाराणसी की अदालत के दिए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर की जाएगी। याचिका में कहा गया है कि मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले ही फैसला रिजर्व किया हुआ है, ऐसे में हाईकोर्ट का फैसला आने तक एएसआई को जाँच का आदेश देना गलत है
अंजुमन इंतेजामिया के वकील फरमान अहमद नकवी ने कहा, “हमने याचिका दायर की है और अदालत से अनुरोध किया है कि वह तत्काल प्रभाव से इस पर सुनवाई करें क्योंकि मामला गंभीर है।” याचिका में कहा गया है, “ऐसा लगता है कि संबंधित सिविल जज सभी न्यायिक विषयों और नैतिकता के साथ-साथ कानून की प्रक्रियाओं को स्कर्ट करने और सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत परिभाषित न्यायिक पदानुक्रम से ऊपर खुद को स्थापित करने के लिए अधिक इच्छुक हैं और पूरे मामले पर बिना कानूनी बाध्यताओं को देखे खुद को निर्णय लेने का एकमात्र अधिकारी मान लिया है।”
इस बीच, सुन्नी वक्फ बोर्ड मंगलवार (अप्रैल 13, 2021) को वाराणसी कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की तैयारी में है। यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ज़ुफ़र फारूकी ने कहा, “हम अंजुमन इंतेज़ामिया का समर्थन करते हैं। सुन्नी बोर्ड मंगलवार को वाराणसी सिविल कोर्ट के आदेश के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय का भी रुख करेगा।”
वाराणसी कोर्ट ने दिए हैं ये आदेश
दरअसल, काशी विश्वनाथ मन्दिर और ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एएसआई को जाँच का आदेश दिया है। कोर्ट ने पाँच सदस्यीय कमेटी को मस्जिद परिसर की पुरातात्विक जाँच का आदेश दिया है। काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद केस में सर्वेक्षण के लिए वाराणसी जिला अदालत से मंजूरी मिलने के बाद AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कोर्ट के फैसले की वैधता पर संदेह जताया।
ओवैसी ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मस्जिद कमेटी को इस आदेश पर तुरंत अपील करके इसपर सुधार करवाना चाहिए। ओवैसी ने ASI पर भी आरोप लगाया है कि वो हिंदुत्व के हर प्रकार के झूठ के लिए दाई की तरह काम कर रही है।
वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में पुरातात्विक सर्वेक्षण को मंजूरी देने के बाद काशी विश्वनाथ के पक्षकार हरिहर पांडेय को धमकी मिली है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार फोन करने वाले ने हरिहर पांडेय से कहा कि वे भले मुकदमा जीत गए हैं। लेकिन अब वे और उनके साथी मारे जाएँगे। उसने यह भी कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में एएसआई वाले घुस नहीं पाएँगे। न्यूज 18 की रिपोर्ट में धमकी देने वाले का नाम यासीन बताया गया।