Thursday, May 15, 2025
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ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI सर्वेक्षण को मंजूरी मिलने पर भड़के ओवैसी, कहा- इतिहास दोहराया जाएगा

ओवैसी ने बाबरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय से जुड़ी सरकारी एजेंसी जहाँ तक है धोखाधड़ी करेगी और इतिहास दोहराया जाएगा जैसा बाबरी मामले में हुआ था। वह बोले कि किसी भी व्यक्ति को मस्जिद की प्रकृति बदलने का कोई अधिकार नहीं है।

काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद केस में सर्वेक्षण के लिए वाराणसी जिला अदालत से मंजूरी मिलने के बाद AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कोर्ट के फैसले की वैधता पर संदेह जताया है।

ओवैसी ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मस्जिद कमेटी को इस आदेश पर तुरंत अपील करके इसपर सुधार करवाना चाहिए। ओवैसी ने ASI पर भी आरोप लगाया है कि वो हिंदुत्व के हर प्रकार के झूठ के लिए दाई की तरह काम कर रही है।

उन्होंने, बाबरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय से जुड़ी सरकारी एजेंसी जहाँ तक है धोखाधड़ी करेगी और इतिहास दोहराया जाएगा जैसा बाबरी मामले में हुआ था। वह बोले कि किसी भी व्यक्ति को मस्जिद की प्रकृति बदलने का कोई अधिकार नहीं है। 

अपने ट्विटर पर ओवैसी ने कहा, बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने का आपराधिक कृत्य करने वाले लोगों को गले लगा लिया गया है और ये लोग भारत को 1980-90 के हिंसा के समय में वापस ले जाने के लिए यहीं नहीं रुकेंगे और काल्पनिक इतिहास पर लगातार कलह करेंगे।

ओवैसी ने पीएम मोदी से भी कहा कि उन्हें धार्मिक स्थलों के धर्मांतरण निषेध कानून 1991 (Places of Worship Act 1991) को लागू करने की आवश्यकता है। अपने ट्वीट में ओवैसी ने पीएम से कहा, “उन्हें हस्तक्षेप करने की हिम्मत करनी चाहिए। जब हमने बाबरी के बारे में अपनी निराशा व्यक्त की, तो कई लोगों ने हमें बात बंद करने को कहा। अब तुम सब कहाँ हो?”

बता दें कि वाराणसी कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाते हुए ज्ञानवापी परिसर में ASI को सर्वेक्षण करने की मंजूरी दे दी है।  कोर्ट ने कहा है कि सर्वेक्षण का सारा खर्चा सरकार करेगी। कोर्ट ने ASI को भी यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मस्जिद को कोई नुकसान न हो।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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