उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के रानीगंज इलाके में गुंडों की फायरिंग की शिकार आठ साल की लाली पांडेय ने प्रयागराज के स्वरूपरानी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। लाली ने 7 दिन तक मौत से संघर्ष किया। लेकिन रीढ़ की हड्डी से गोली नहीं निकल पाने के कारण बुधवार (27 मई 2020) को उसकी मौत हो गई।
लाली के मौत की जानकारी गाँव वालों को मिलते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। बढ़ते हुए तनाव को देखते हुए गाँव में पुलिसबल तैनात कर दिया गया। साथ ही फरार चल रहे तीसरे आरोपी को भी पुलिस ने बुधवार को तलाश कर जेल भेज दिया।
लाली की मौत की सूचना पर रानीगंज एसओ संजय पांडेय पुलिस टीम के साथ स्वरूपरानी अस्पताल प्रयागराज पहुँचे और पुलिस की मौजूदगी में परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार किया।
बता दें प्रेमचन्द्र पांडेय की 8 वर्ष की लाली घर के सामने लगे सबमर्सिबल पम्प पर नहाने गई थी। उसी समय गाँव के तीन गुंडे साहिल, एखलाक और वसीम पहुँचे और लाली से हटने को कहा। मासूम लाली ने उनकी बात नहीं मानी, जिससे तीनों आरोपित बौखला गए।
तभी साहिल ने पिस्टल से लाली पर फायर कर दी। लाली जमीन पर गिरकर तड़पने लगी। गोली की आवाज सुनकर उसके घरवाले दौड़कर पहुँचे और लाली को अस्पताल ले गए। लाली को गंभीर हालत में देखकर डॉक्टरों ने उसे प्रयागराज रेफर कर दिया।
मृतका के परिवार वालों की शिकायत पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया था। साहिल और वसीम को पुलिस ने 21 मई को तमंचा और कारतूस के साथ गिरफ्तार लिया था। इकलाख को पुलिस ने बुधवार को हिरासत में लिया। इन सभी के खिलाफ 307 सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।