उत्तर प्रदेश में इस्लामी धर्मांतरण गिरोह का शिकार हुए मूक-बधिर आदित्य ने मंदिर जाकर नारियल फोड़ा और पूजा की। यह जानकारी उनकी माँ लक्ष्मी गुप्ता ने दी है। उन्होंने बताया, ”धर्मांतरण के बाद घर वापसी करने वाले आदित्य के व्यवहार में तेजी से बदलाव हो रहा है। वह लंबे समय बाद शनिवार (26 जून 2021) को मंदिर गया और नारियल फोड़कर भगवान की पूजा की। यह सब देखते हुए हम सभी सुकून महसूस कर रहे हैं।”
दरअसल, धर्मांतरण गिरोह के चंगुल में फँसकर आदित्य गुप्ता अब्दुल्ला बन गया था। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण कराने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश कर दो मौलानाओं जहाँगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम को दिल्ली से दबोचा था। ये मूक-बधिर बच्चों को अपना निशाना बनाते थे। वहीं, गिरफ्तारियाँ शुरू हुई तो आदित्य भी अपने घर वापस लौट आया।
दैनिक जागरण के साथ बातचीत में कानपुर स्थित काकादेव हितकारी नगर के आदित्य की माँ ने बताया, “उन्होंने फैसला किया है कि अब वह आईएफडी (इस्लामिक फेडरेशन आफ डेफ) की साजिश के खिलाफ लड़ेंगी और ऐसे वीडियो तैयार करेंगी, जिससे बच्चों को धर्मांतरण का शिकार होने से बचाया जा सके।”
उन्होंंने कहा कि यह सच है कि इंटरनेट मीडिया पर मूक-बधिर बच्चों के लिए हिंदू धर्म व अन्य विषयों पर कोई वीडियो नहीं है। ऐसे में उन्होंने फैसला लिया है कि वह इन बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक और धर्मांतरण से बचाव के लिए कई वीडियो तैयार करेंगी और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल करेंगी। ताकि और किसी माँ को उनकी तरह इस समस्या का सामना न करना पड़े।
वहीं, एटीएस की जाँच में सामने आया कि इंटरनेट मीडिया पर आईएफडी (IFD) ने अपने धर्म का महिमामंडन और दूसरे धर्मों को गलत बताते हुए सैकड़ों वीडियो तैयार किए हैं। इस तरह मूक-बधिर बच्चों के लिए केवल एकमात्र वही प्लेटफार्म था, इसलिए जो भी यहाँ गया वह फँस गया।
गौरतलब है कि धर्मांतरण के बाद आदित्य जब घर लौटा तो वो आदित्य नहीं, अब्दुल्ला था। वो घर में ही चोरी-छिपे 5 वक़्त की नमाज अदा किया करता था। जब घर वालों को इसकी भनक लगी तो 10 मार्च, 2021 को फरार हो गया। इसके दो दिन बाद कल्याणपुरी थाने में परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की। इधर ATS ने मूक-बधिर लोगों का धर्मांतरण कराने वाले दो मौलानाओं को गिरफ्तार किया। हालाँकि, इसके एक दिन पहले ही आदित्य घर लौट चुका था। आदित्य को उसके परिजन किसी से मिलने नहीं दे रहे हैं। वो खुद भी किसी से बात नहीं करना चाह रहा है। आदित्य की माँ लक्ष्मी देवी ने अपने बेटे के कारण मूक-बधिर की भाषा सीखी थी।
बता दें नोएडा के सेक्टर-117 स्थित डेफ सोसाइटी के बच्चों को खासकर इस गिरोह ने निशाना बनाया। इनकी साजिश थी कि मूक-बधिर विद्यार्थियों का उपयोग ‘मानव बम’ के रूप में किया जाए। भारत ही नहीं, इन्हें ‘मानव बम’ बना कर विदेश में भी उनका इस्तेमाल करने की साजिश थी। पाकिस्तान और अरब देशों से इन्हें भारी फंडिंग मिल रही थी, जिससे इस्लामी धर्मांतरण का गिरोह फल-फूल रहा था। गाजियाबाद के डासना मंदिर में घुसने वालों से भी इनका कनेक्शन सामने आया है।