पश्चिम बंगाल के मालदा में हुई एक ही परिवार के 4 लोगों की हत्या ने सबको झकझोर दिया है। पुलिस का मानना है कि ये कोई सामान्य अपराध नहीं, बल्कि इसके संबंध आतंकवाद से जुड़े हो सकते हैं। कालियाचक के गुरुटोला गाँव में हुए इस हत्याकांड में आरोपित आसिफ मोहम्मद ने अपने माता, पिता, बहन और दादी को मौत के घाट उतारा और फिर उनका शव घर में ही दफना दिया।
आसिफ के बड़े भाई आरिफ की शिकायत पर ये मामला घटना के 4 माह बाद सामने आया है। पुलिस ने आसिफ को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ कर रही है। कहा जा रहा है कि आसिफ मोहम्मद फोटो खिंचवाने के बहाने अपने परिवार के सभी लोगों को मकान के तहखाने में लेकर गया और वहीं लकड़ी के ढाँचे में पानी में डुबोकर सभी की जान ले ली। पुलिस को आशंका है कि इस वारदात के पीछे संपत्ति से जुड़ा विवाद हो सकता है या इसके तार आतंकवाद से भी जुड़े हो सकते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले की छानबीन के दौरान आसिफ के दोस्त पकड़े गए हैं। इनकी पहचान साबिर अली और मोहम्मद मारुफ के तौर पर हुई है। पुलिस ने इनके पास से 5 पिस्तौल, 80 कारतूस, 10 मैग्जीन बरामद की हैं। कथित तौर पर ये हथियार आसिफ ने ही इन्हें एक हफ्ते पहले दिए थे।
मालदा ग्रामीण के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनीश सरकार ने बताया कि हालाँकि हत्याकांड में केवल आसिफ का हाथ था और अब तक दोस्तों के पास से बरामद हथियारों से इनका कोई संबंध नहीं मिला है, लेकिन पता लगाने की कोशिश हो रही है कि उसने ये हथियार कहाँ से इकट्ठा किए थे।
पड़ताल में आसिफ की आपराधिक प्रवृत्ति का भी खुलासा हुआ है। घटना से पूर्व उसने अपने ही अपहरण का षड्यंत्र रचकर अब्बा से 2 लाख की फिरौती ले ली थी। इसमें उसके दोस्तों ने उसका साथ दिया था। यह लोग साइबर अपराधों में भी लिप्त पाए गए हैं।
बता दें कि इस संबंध में आसिफ के बड़े भाई आरिफ ने पुलिस में शुक्रवार को शिकायत की थी। इसके बाद पुलिस ने मकान के कमरे के भीतर खुदाई करके चारों शवों को निकाला और आसिफ को गिरफ्तार किया। मृतकों में आसिफ के अब्बा जावेद अली (50), अम्मी इरा बीबी (45), बहन आरिफा खातून (17) और दादी अलेकजान बीबी (75) थे।
पूरी घटना इसी साल 28 फरवरी को अंजाम दी गई थी। उस दिन आसिफ ने कोल्ड ड्रिंक में नींद की गोलियाँ मिलाकर इन लोगों को दे दीं, जिसे पीने के बाद सभी बेहोशी की हालत में पहुँच गए। इसके बाद वह फोटो खिंचवाने के बहाने उन सबको घर के भीतर बने तहखाने में ले गया और लकड़ी के ढाँचे के भीतर उन्हें जाने को कहा। इसके बाद उसने सबके मुँह पर टेप लगा दिया और हाथों को बाँध दिया। बाद में उसी ढाँचे में पानी भरकर उन्हें मारा और फिर सभी शवों को एक कमरे में दफना दिया।
आसिफ का बड़ा भाई आरिफ बताता है कि घटना वाले दिन वह किसी तरह आरिफ के चंगुल से भाग निकला था और 4 महीने ठिकाने बदल बदल कर रह रहा था। शुक्रवार को इस बाबत पुलिस थाने पहुँचकर उसने शिकायत दी। पुलिस ने जाँच की तो वाकई शव दफन मिले।
घटना वाले घर से पुलिस ने कई ई-उपकरण जब्त किए हैं। पुलिस ने आरिफ से भी क्रॉस सवाल किए लेकिन कुछ संदेहास्पद नहीं मिला। उसने बस यही जानकारी दी कि आसिफ उसकी हत्या भी करना चाहता था लेकिन वह चंगुल से भाग निकला।
उसके मुताबिक, आसिफ लगातार उसको धमका रहा था। इसीलिए उसने इस घटना का किसी को कुछ नहीं बताया, लेकिन जब सहन नहीं हुआ तो हिम्मत इकट्ठा कर पुलिस को घटना के बारे में सूचित किया। अब पुलिस आईपीसी की धारा 302 और हथियार कानून के तहत मामला दर्ज किया है। आगे की पूछताछ जारी है।