उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई हिंसा में मारे लोगों के लिए सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हिंसा में मारे गए प्रत्येक मृतक के परिजनों को 45-45 लाख रुपये और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। वहीं, घायलों को 10-10 लाख रुपये देने का ऐलान किया गया है। वहीं, घटना की निष्पक्ष जाँच के लिए सरकार उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से मामले की न्यायिक जाँच कराएगी।
#UPDATE | Govt will give Rs 45 lakhs and a govt job to the families of every person who died in Lakhimpur Kheri violence yesterday. The injured will be given Rs 10 lakhs: Uttar Pradesh Govt
— ANI UP (@ANINewsUP) October 4, 2021
लखीमपुर घटना के बाद प्रदेश में राजनीतिक राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। तमाम दलों के नेता अपनी-अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस मुद्दे को अपने हित में इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश प्रशासन ने जिले में राजनीतिक दलों के नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि हिंसाग्रस्त लखीमपुर खीरी जिले में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है और किसी भी राजनीतिक दल के नेता को यहाँ आने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के सदस्यों को यहाँ आने पर कोई रोक नहीं है।
Leaders of political parties have not been allowed to visit the district because Section 144 of CrPC is in place. However, members of farmer unions are allowed to come here: ADG (Law & Order) Prashant Kumar in Lakhimpur Kheri https://t.co/drsWrZlvhD
— ANI UP (@ANINewsUP) October 4, 2021
लखीमपुर खीरी में किसानों से मिलने निकली कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी को सीतापुर पुलिस ने हरगांव में सुबह 4 बजे हिरासत में ले लिया। पुलिस हिरासत में प्रियंका उपवास पर बैठ गईं। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों के परिवारों व अन्य किसानों से वे नहीं मिलेंगी, तब तक अन्न ग्रहण नहीं करेंगी।
इधर, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को लखीमपुर जाने से रोक दिया, जिसके बाद वे अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। कुछ देर बाद अखिलेश को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वहीं, इस बीच गौतमपल्ली थाने के पास कुछ अराजक तत्वों ने एक पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया।