बॉलीवुड के फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने हिंदी फिल्म ‘फुले’ का विरोध करने के लिए ब्राह्मणवादी समाज की आलोचना की। यह फिल्म दलित नेताओं और समाज सुधारकों ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन पर आधारित है। फिल्म में सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने कांट-छांट करने की माँग की है।
सीबीएफसी की इस माँग पर अनुराग कश्यप नाराज हो गए और ब्राह्मण समाज को आड़े हाथों लिया। उनका कहना है कि फिल्म में जातिवाद और समझौतावादी व्यवस्था के मुद्दों को उजागर किया गया है। फिल्म की विषय-वस्तु को लेकर विवाद के कारण इस पर रोक लगाई गई थी। बुधवार को कश्यप ने सेंसरशिप को “धांधली वाली व्यवस्था” कहते हुए आलोचना की है।
अनुराग कश्यप ने कहा है, “मोदी जी ने भारत में कास्ट सिस्टम को खत्म कर दिया। भैया जब जाति प्रथा नहीं है तो काहे का ब्राह्मण। कौन हो आप लोग? जब जातिप्रथा था नहीं तो ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले क्यों थे ?”