पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर विवाद चल रहा है। इसी बीच पंजाब ने विशेष सत्र बुलाकर प्रस्ताव पेश किया, जिसमें हरियाणा को पंजाब के हिस्से से एक बूँद भी पानी नहीं दिए जाने की बात कही गई। करीब 5 घंटे चले इस सत्र में विपक्षी दलों ने भी हरियाणा को पानी देने का विरोध किया। सर्वसम्मति के साथ प्रस्ताव को पारित कर दिया गया।
इस दौरान सीएम भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा को पानी की एक भी बूँद नहीं छोड़ने देगा क्योंकि उनके राज्य के पास अतिरिक्त पानी नहीं है, पंजाब के लिए पानी की हर बूँद बेहद जरूरी है।
जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने सोमवार (5 मई, 2025) को आयोजित विशेष सत्र में यह प्रस्ताव पेश किया, जिसके बाद इस पर चर्चा की गई। प्रस्ताव में कहा गया कि बीजेपी हरियाणा और केंद्र में अपनी सरकारों और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के माध्यम से पंजाब के अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रही है।
सरकार द्वारा यह भी बताया गया कि पंजाब सरकार ने बीते तीन सालों में खेतों तक नहर का पानी पहुँचाने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किए हैं। कहा गया कि 2021 तक पंजाब के केवल 22 प्रतिशत खेतों को पानी मिला करता था, लेकिन अब 60 प्रतिशत खेतों तक पानी पहुँचता है।