Saturday, July 27, 2024
Homeबड़ी ख़बरवो तो अपना काम कर गए, तुमने देश के लिए कुछ करना शुरू किया...

वो तो अपना काम कर गए, तुमने देश के लिए कुछ करना शुरू किया है?

मोदी ने तो उनके आर्थिक स्रोत सुखाने के लिए डब्ल्यूटीओ के नियमों के वाबजूद उस एमएफएन स्टेटस से पाकिस्तान को वंचित कर दिया है। आपने देश के लिए क्या किया है?

अंग्रेज़ी में बनी “एनिमी एट द गेट्स”, सत्य घटनाओं पर बनी फिल्मों में से एक थी। सन 2001 में आई ये फिल्म, आज से करीब पचास साल पहले आई विलियम क्रैग की किताब पर आधारित थी। युद्ध पर बनी इस फिल्म में घटनाओं को बहुत सटीकता से दिखाया गया था ऐसा बिलकुल भी नहीं है। उदाहरण के तौर पर ये फिल्म स्टालिनग्राड की 1942-43 की लड़ाई पर आधारित है। फिल्म में जो रुसी राष्ट्रगान सुनाई देता है उसे 1944 में बनाया गया था।

ये लड़ाई इसलिए अनूठी थी क्योंकि हिटलर की नाज़ी सेना के हमले को ब्लिट्जक्रिग (Blitzkrieg) कहा जाता था। लड़ाई के इस तरीके में टैंक और मशीनों के जरिये सुरक्षा के लिए खड़ी पहली पंक्ति पर बहुत तेज हमला किया जाता था। हवाई मदद के ज़रिये पहली कतार को तोड़ दिया जाता था। पिछली पंक्तियाँ जो सिर्फ सुरक्षात्मक तैयारी में होती थीं, हमले के लिए तैयार नहीं होती, उन्हें चौंकाया जा सकता था। इसके इस्तेमाल से नाज़ी सेनाएं लगातार जीतती आ रही थीं।

स्टालिनग्राड की लड़ाई वो पहली लड़ाई थी जहाँ ब्लिट्जक्रिग काम नहीं आया। रुसी सेनाओं ने पहली बार नाजी सेनाओं की बढ़त को रोक दिया था। इसी युद्ध पर आधारित फिल्म में पूरे युद्ध पर ध्यान नहीं दिया गया है। इस फिल्म की कहानी वसीली ज्यात्सेव नाम के एक स्नाइपर के इर्द गिर्द घूमती है। शुरूआती दृश्यों में ही उसकी निशानेबाजी को पहचाना जाता है। एक प्रचार-तंत्र का अधिकारी उसके निशाने के कारनामे देख लेता है।

इस मोर्चे पर जीतना रूसियों के लिए कितना महत्वपूर्ण था इसे दर्शाने के लिए थोड़ी ही देर बाद के एक दृश्य में एक बड़ा अधिकारी रूसियों से पूछता है कि आखिर हम जीत क्यों नहीं रहे? जो अफसर पीछे हटने की कोशिश कर रहा था उसे आत्महत्या करने को मजबूर करते दर्शाया जाता है। डरे हुए बाकी अधिकारी चुप थे तभी जिस प्रचार तंत्र के अधिकारी ने वसीली का निशाना देखा था वो बोल पड़ता है कि हमें जीतने के लिए हमारे नायक चाहिए!

जो मासूम ये तर्क देते पाए जाते हैं कि “हिंसा का इलाज हिंसा नहीं हो सकता”, वो क्यूट लोग अक्सर भूल जाते हैं कि हिटलर को रोकने के लिए हिंसा का ही इस्तेमाल करना पड़ा था। इदी अमीन हिंसा से ही रुका था। पोल पॉट को रोकने के लिए हिंसा का इस्तेमाल करना पड़ा था। हाल में ओसामा बिन लादेन जैसों को भी हिंसा से ही रोका गया था। नाज़ियों के भीतर डर पैदा करने के लिए भी वसीली नाम के इस स्नाइपर के कारनामे प्रकाशित कर सामने लाये जाते हैं।

हर सुबह अखबार दिखाना शुरू करते हैं कि आज वसीली ने इतने नाज़ी मार गिराए, कल उतने मारे थे। प्रचार तंत्र इतने पर ही नहीं रुकता। वो पूछना शुरू करता है कि वसीली ने तो आज इतने नाज़ी मारे हैं, तुमने कितने मारे? जहाँ पूरा शहर ही युद्ध का मैदान बना हुआ हो, सभी सैनिक ही हों, वहां इस सवाल का नतीजा क्या हुआ होगा ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। स्टालिनग्राड की लड़ाई वो पहली लड़ाई थी जहाँ नाज़ियों को हार का सामना करना पड़ा था।

बाकी लंबे समय से जिस एमएफएन स्टेटस की बात होती थी, मोदी ने तो उनके आर्थिक स्रोत सुखाने के लिए डब्ल्यूटीओ के नियमों के वाबजूद उस एमएफएन स्टेटस से पाकिस्तान को वंचित कर दिया है। आप बताइये, आपने उनसे आर्थिक लेन-देन बंद किया है क्या?

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Anand Kumar
Anand Kumarhttp://www.baklol.co
Tread cautiously, here sentiments may get hurt!

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -