Saturday, July 27, 2024
Homeबड़ी ख़बरप्रियंका गाँधी वाड्रा, जो लगभग भगवान हैं...

प्रियंका गाँधी वाड्रा, जो लगभग भगवान हैं…

उनके ऊपर के बयानों को देखिये और जब उन्होंने यह बयान दिए, उनके तब के चेहरे को भी देखिये। उनको लगता ही नहीं है कि वे राजनीति जैसे एक गंभीर कार्यक्षेत्र में हैं.. उन्हें क्या मतलब है कि उनकी बातों में क्या कटेंट है। उनको तो यह पता है और यही बताया गया है कि आप का बस भौतिक रूप में मौजूद होना ही काफी है।

“मैं चुनाव नहीं लडूँगी।”
“पार्टी जहाँ से कहेगी, वहाँ से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूँ।”
“तो मैं बनारस चुनाव लड़ जाऊँ?”
– मिसेज वाड्रा

आपने बड़े घरों के बच्चे देखे हैं, असल जिन्दगी में या फिल्मों में भी? जो बहुत सारे नौकर-चाकर और सुख सुविधाओं के बीच पलते हैं, जिनसे उम्र में कई गुना बड़े रामू काका सरीखे बुजुर्गवार दीदी, भैया, बाबा, छोटे साहब, छोटी मालकिन जैसे संबोधन का प्रयोग करते हैं?

जिनकी दुनिया अपने बंगलों, फ़ार्म हाउस, एसी कारों और हवाई जहाजों के बीच ही होती है, जो चीजों को जरूरत के लिए नहीं बल्कि पैसा खर्चने और बोरियत मिटाने के लिए खरीदते हैं, जो सिक्यूरिटी रीजन्स की वजह से घर के बाहर खेलने नहीं जाते, जो घर में ही अपने नौकरों के बच्चों के साथ खेलते हैं तो कभी आउट नहीं होते।

इनके स्कूल के दोस्त यार भी इनके घर ही आ जाते हैं, जो इनके ठाठ और रसूख की तारीफों के पुल बाँधते हैं। और ऐसे माहौल में इन बच्चों को यह आदत हो जाती है कि सारी दुनिया इन्हें पैम्पर करे। यह जो कहें वही सही हो, जो माँगें वही मिल जाए।

गाँव, गरीब, खेत, किसान, मजदूर जैसी चीजें या तो फिल्मों में देखते हैं या फिर कभी पिकनिक मनाने जाएँ तब! कुल मिलाकर कह लीजिये कि यह लोग इस दुनिया में रहकर भी किसी दूसरे ही दुनिया के प्राणी हो जाते हैं।

और ऐसी ही दूसरी दुनिया के प्राणी हैं- राहुल गाँधी और प्रियंका वाड्रा गाँधी। राहुल, चूँकि चर्चाओं से परे हो चुके हैं, जिन राक्षसों पर कायम चूर्ण का असर हो जाता था, राहुल गाँधी पर ऐसे कई क्विंटल कायम चूर्ण बेअसर है। इसलिए उन चर्चा का खर्चा उचित नहीं हैं।

इसलिए थोड़ी चर्चा मिसेज वाड्रा की कर लेते हैं। उनके ऊपर के बयानों को देखिये और जब उन्होंने यह बयान दिए, उनके तब के चेहरे को भी देखिये। वे हँस देती हैं, मुस्कुरा जाती हैं, शरमा जाती हैं। उनको लगता ही नहीं है कि वे भारत की सबसे पुरानी पार्टी की वारिस हैं, उनके घर में तीन-तीन पीएम रहे हैं, उनके खानदान ने देश पर सत्तर साल राज किया है, उनको लगता ही नहीं है कि वे राजनीति जैसे एक गंभीर कार्यक्षेत्र में हैं… क्योंकि उनको लगता है कि उनके आस-पास सब नौकर-चाकर जैसे ही लोग खड़े हुए हैं, वे सब उनकी रियाया है। जो उनको पैम्पर करेगी, उनकी बातों से खुश होगी।

उन्हें क्या मतलब है कि उनकी बातों में क्या कटेंट है। उनको तो यह पता है और यही बताया गया है कि आप का बस भौतिक रूप में मौजूद होना ही काफी है। उनको बताया गया है कि आप इंसान नहीं बल्कि लगभग अवतार हैं कि लोग आपको सुनने नहीं बल्कि आपको देखने आते हैं, वे आपके कपड़े देखने आते हैं, वे आपके आँख, नाक, और कान देखने आते हैं, वे यह भी देखने आते हैं कि भारत जैसे उष्णकटिबंधीय देश में आपकी त्वचा में प्रचूर मॉइस्चराइजेशन आखिर कैसे बना रहता है।

लेकिन जो लोग ऐसे माहौल में नहीं पले होते हैं, जिन्होंने धूल-धक्के खाए होते हैं, जो संघर्ष, मुसीबतों, यश-अपयश को झेलकर आगे बढ़े होते हैं, जिन्होंने जिम्मेदारियों को निभाया होता है, जिन्होंने विपरीत परिस्तिथियों में परिणाम दिया होता है, जिन्होंने अपने विरोधियों के हाथों जेल और तड़ीपार तक झेला होता है, वे लोग किसी को पैम्पर नहीं करते, वे लोग असमान स्थितियों में भी समान होते हैं, वे लोग निर्मम लग सकते हैं, पर वे लोग बुरे नहीं होते।

और ऐसा ही एक शख्स, जो आज गांधीनगर से अपना चुनावी परचा दाखिल करने के लिए 42 डिग्री के टेम्प्रेचर में रोड शो कर रहा था, जब उससे प्रियंका वाड्रा के बयान – ‘क्या बनारस से चुनाव लड़ जाऊँ’ – पर प्रतिक्रिया पूछी गई तो उसका जवाब था, “अगर-मगर से राजनीति नहीं चलती है, जब लड़ेगी तब देखेंगे।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -