आपको याद होगा, जब जनवरी 2022 में पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था। कहने के लिए ये भले ही सुरक्षा में चूक का मामला हो, लेकिन बात 140 करोड़ लोगों के देश के सबसे बड़े नेता की हो तो ये काफी हल्का शब्द लगता है। अब केरल में कुछ उसी तरह का मामला सामने आ रहा है, जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे में आत्मघाती हमले की धमकी दी गई है। सबसे बड़ी बात कि पुलिस पर ही गंभीर आरोप लगे हैं।
यहाँ ये भी देखना चाहिए कि अक्सर विपक्षी दल इससे शुरू में पल्ला झाड़ने के अंदाज़ में हलके में लेते हैं। उन्हें शायद इसकी गंभीरता का भान नहीं होता, या फिर हर एक चीज को लेकर राजनीति खेलने की आदत उन्हें इस कदर धूर्त बता देती है कि प्रधानमंत्री को भी वो विरोधी नेता के रूप में ही देखते हैं। इसी तरह, जब पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था, तब वहाँ चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री थे और कॉन्ग्रेस की सरकार थी।
कुछ ही महीनों पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम के पद से हटा कर उनकी जगह चन्नी को लाया गया था, जिनके नेतृत्व में कॉन्ग्रेस अगला विधानसभा चुनाव लड़ी और बुरी तरह हारी भी। नवजोत सिंह सिद्धू के साथ उनकी अदावत कई बार सामने आई थी। तब पंजाब कॉन्ग्रेस के नेताओं ने पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक की बात स्वीकार नहीं की थी और इसे राजनीति के के नजरिए से देखा था। लेकिन जब जाँच हुई तो सब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया।
पिछले महीने ही खबर आई कि बठिंडा में पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में तत्कालीन मुख्य सचिव और DGP समेत 9 बड़े अधिकारियों पर गाज गिरने वाली है, यानी उनकी लापरवाही सामने आई है। पंजाब में अब भी भाजपा की सरकार नहीं है, AAP की सरकार है जो भाजपा की विरोधी पार्टी ही है। जाँच के बाद जो रिपोर्ट सामने आई थी, उस पर अमल करने में भी पंजाब सरकार ने 6 महीने की देरी की, जिसके बाद केंद्र सरकार को उन्हें याद दिलाना पड़ा।
और ये केंद्र सरकार की जाँच में सच्चाई सामने नहीं आई थी, बल्कि इसकी जाँच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ही समिति गठित की थी। उस समिति ने जाँच की तो उसमें सामने आया कि इन अधिकारियों का व्यवहार काफी लापरवाही भरा था। रिटायर्ड जज इंदु मल्होत्रा इस समिति की अध्यक्ष थीं। पीएम मोदी के रूट को लेकर पंजाब पुलिस को एडवांस में सब कुछ बता दिया गया था। लेकिन, एक फ्लाईओवर पर उन्हें काफी देर रुकना पड़ा था, क्योंकि प्रदर्शनकारी की आड़ में हिंसक तत्वों ने उन्हें घेर लिया था।
इस मामले में पंजाब पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे, जो प्रदर्शनकारियों के साथ चाय की चुस्की लेते हुए दिखी। पंजाब सरकार बयान बदलती रही। प्रोटोकॉल्स का उल्लंघन करते हुए फ्लाईओवर के पास एक बाजार को भी खुला रखा गया था, जिसके अंदर एक शराब की दुकान भी बेधड़क खुली हुई थी। प्रदर्शनकारियों ने गाँव वालों को भी सड़क जाम करने के लिए उकसाया। लाठी लेकर दौड़ रहे युवक ग्रामीणों को जमा कर रहे थे। कई किसान यूनियन वहाँ सक्रिय थे। एक ग्रामीण ने बताया कि गुरुद्वारा पर सन्देश भेजा गया कि लोग जमा हों।
नया मामले कुछ यूँ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केरल दौरे को लेकर आत्मघाती हमले की धमकी वाला पत्र सामने आया है, जिसके बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। पुलिस और जाँच एजेंसियाँ इस पत्र को लेकर छानबीन करने में लग गई हैं। हालाँकि, प्रदेश भाजपा ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी के दौरे को लेकर जो VVIP सिक्योरिटी प्लान है, उसे केरल पुलिस लीक कर रही है। केरल पुलिस के ADG की ही एक रिपोर्ट के सामने आने के बाद ये आरोप लगे हैं।
49 पन्ने की जो रिपोर्ट लीक हुई है, उसे केरल के ADGP (इंटेलिजेंस) टीके विनोद कुमार ने तैयार किया था। उन्होंने इसमें पीएम मोदी के दौरे को लेकर सुरक्षा खतरे पर आगाह किया है। हाल ही में जिस तरह से PFI को देश भर में बैन किया गया, आशंका जाहिर की गई है कि कट्टरपंथी इस्लामी संगठन के कुछ लोग साजिश रच रहे हैं। कोच्चि पुलिस कमिश्नर ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। पीएम मोदी केरल को राज्य की पहली ‘वन्दे भारत’ की सौगात देने वाले हैं।
हाल ही में इस तरह से बंगाल से लेकर हैदराबाद तक ‘वन्दे भारत’ ट्रेनों को कट्टरपंथी सोच वाले पत्थरबाजों द्वारा नुकसान पहुँचाया गया है, ये साफ़ है कि इस ट्रेन के नाम और इससे वो खुश नहीं हैं। ऐसे में केरल सरकार को इसमें पहले से सतर्कता बरतनी चाहिए थी और पीएम मोदी की सुरक्षा के मामले को गंभीरता से हैंडल करना चाहिए था। वो उस राज्य के भी प्रधानमंत्री हैं, जहाँ भाजपा की सरकार नहीं है। जिन्होंने उन्हें वोट नहीं दिया, उनके भी प्रधानमंत्री वही हैं।
#BIG: 'Suicide attack' threat to PM Modi ahead of his Kerala visit.
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) April 22, 2023
+ A serious security breach is an allegedly "leaked" "security scheme" in the public domain, a classified police document, having minor detailing, with a responsibility matrix of individual officers tasked with… pic.twitter.com/V5Q2pnEnyH
केरल पुलिस की लापरवाही बहुत बड़ी है, क्योंकि जो दस्तावेज लीक हुए हैं उसमें पीएम मोदी की VVIP सुरक्षा रूट और इसकी व्यवस्था को लेकर सारे डिटेल्स हैं। इसमें ये भी बताया गया है कि किस पुलिस अधिकारी को कौन सी ड्यूटी दी गई है और कहाँ पर सुरक्षा की कैसी व्यवस्था होगी। इसमें पीएम मोदी के दौरे से संबंधित छोटी से छोटी जानकारी भी है। ऐसे में केरल पुलिस को इसकी जाँच कराते हुए जिम्मेदारी तय कर के कार्रवाई करनी चाहिए।
पीएम मोदी के दौरे में समय नहीं बचा है और भारत जैसे देश में नेता को जनता से अलग रख पाना मुश्किल है। अगर कोई नेता है, तो वो जनता के साथ मिलेगा हो, रैलियाँ करेगा ही और उनके बीच पहुँचेगा ही। प्रधानमंत्री के मामले में कई प्रोटोकॉल्स होते हैं, जिनका पालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस और जाँच एजेंसियों की होती है। ऐसे में देखना है कि केरल पुलिस अपनी इस लापरवाही को लेकर किस तरह की कार्रवाई करती है।
केरल में कम्युनिस्ट सरकार है। वामपंथी CPM की सरकार। राहुल गाँधी भी वायनाड से ही सांसद रहे हैं। कॉन्ग्रेस का यहाँ ‘मुस्लिम लीग’ से गठबंधन है। ऐसे में कम्युनिस्ट पार्टी को कॉन्ग्रेस की राह पर चलने की बजाए प्रोटोकॉल्स का पालन करने और नियम-कानून पर ध्यान देना चाहिए। आशा यही होगी कि मुख्यमंत्री पिनरई विजयन इस मुद्दे को एक राजनीतिक मामले की तरह नहीं देखेंगे, क्योंकि इस पर उत्तर-दक्षिण वाला खेल रच कर माहौल बिगाड़ने की साजिश भी हो सकती है।
ये भी याद रखिए कि पंजाब में सुरक्षा चूक से पहले एक वीडियो जारी किया गया था खालिस्तानियों द्वारा, जिसमें हूबहू उसी स्टाइल में पीएम मोदी की हत्या के लिए उकसाया गया था। एनिमेशन वाले उस वीडियो में दिखाया गया था कि दोनों तरफ से भीड़ पीएम मोदी को एक फ्लाईओवर पर घेर लेती है और उनकी हत्या कर देती है। सुरक्षा चूक भी फ्लाईओवर पर ही हुआ। केरल में ये घटना न दोहराई जाए, इसके लिए विशेष तैयारी करनी पड़ेगी और बगैर राजनीति किए।