Tuesday, October 15, 2024
Homeविचारसामाजिक मुद्देडियर लड़की! यह जोश यह जवानी 'भाड़े की गर्लफ्रेंड' बनने के लिए नहीं है,...

डियर लड़की! यह जोश यह जवानी ‘भाड़े की गर्लफ्रेंड’ बनने के लिए नहीं है, क्योंकि रील के आगे जहाँ और भी हैं

लड़कियों को अपनी शिक्षा लेकर समाज को साक्षर बनाने की जरूरत है, स्किल में महारत हासिल करके अपनी पहचान बनाने की जरूरत है न कि ऐसे कंटेंट क्रिएटर्स के इन्फ्लुएंस में आने की जो अश्लीलता का प्रसार करके वायरल हुए हों।

इंंस्टाग्राम रील के जमाने में वायरल होने का क्रेज लोगों में गजब है। कुछ लोग अच्छा कंटेंट देकर फेमस होने की ख्वाहिश रखते हैं तो कुछ सामान्य… लेकिन इन दोनों लोगों की श्रेणी के बीच एक वर्ग वो भी है जो ये मान चुका हैं कि ऐसे प्लेटफॉर्म पर बिन अश्लीलता किए, आगे बढ़ा ही नहीं जा सकता। ऐसे लोगों की मानसिकता ही है कि आज रील का प्रयोग घातक होता जा रहा है।

हाल में एक बहुत ही अजीबो-गरीब मामला खबरों में आया है। एक भारतीय लड़की ने सोशल मीडिया पर अपना रेट चार्ट साझा कर दिया है। इस रेट चार्ट में उसने अपने साथ कॉफी पीने से लेकर, डिनर करने, शॉपिंग करने, खाना बनाने और वीकेंड पर साथ रहने तक का रेट तय किया हुआ है। सबसे कम 1500 रुपए है और सबसे अधिक 10000 का प्राइज तय किया हुआ है। ये बिलकुल ऐसा ऑफर है जैसे ‘किराए पर गर्लफ्रेंड’ दी जा रही हो। जहाँ आप चाहें तो लड़की का किराया देकर उसे अपनी दोस्त बनाकर घुमा सकते हैं।

वायरल पोस्ट

इस पोस्ट को देखने के बाद सबसे बड़ा डर ये उठता है कि लड़कियाँ कैसे इंस्टा की दुनिया में खुद को आधुनिक दिखाने के लिए कंटेंट और अपनी अस्मिता के बीच का फर्क नहीं समझ पा रहीं… दूसरा ये कि अगर चुनिंदा लड़कियाँ ऐसा रील की दुनिया में फेम पाने के लिए करने भी लगी हैं और उनकी वीडियो इंस्टा पर वायरल हो गई है तो इसके ट्रेंड बनते ही इसका असर क्या होगा।

अमूमन इंस्टा पर रील्स की दुनिया में यही पैटर्न फॉलो होता है कि जब किसी का ओरिजनल कंटेंट वायरल होता है तो उसके बाद लोग उसी टॉपिक को कॉपी-पेस्ट करके अपनी वीडियो बना लेते हैं और इस तरह एक ट्रेंड सेट हो जाता है। इसके बाद देखा जाता है कि उसी जैसी तमाम वीडियो इंस्टा फीड में दिखने लगती है।

अब चूँकि जिस लड़की की हम बात कर रहे हैं, उसके अकॉउंट से इस वीडियो को 14 मिलियन व्यूज मिले हैं तो जाहिर हैं ये कम लोगों ने नहीं देखा और न ही कम ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। इस वीडियो के बढ़ते व्यू लड़की के लिए खुशी का कारण हो सकते हैं क्योंकि उसने इसे बनाया इसीलिए लेकिन हमारे-आपके लिए ये चिंता का कारण होना चाहिए क्योंकि सोचिए, वायरल होने की इच्छा में बैठी लड़कियों की जमात अगर इस ट्रेंड को फॉलो करने लगी तो क्या होगा।

जरूरी नहीं, ऐसा सब करें… पर अगर कोई एक दो सामान्य लड़कियाँ भी वायरल होने के कारण ऐसा करती हैं तो हम समझ सकते हैं एक रील का दुष्प्रभाव कैसा होता है। आप कल्पना कर पाते हैं क्या कि घर में बैठी सामान्य लड़की सोशल मीडिया पर ऐसे ट्रेंड फॉलो करने के चक्कर में अपने रेट चार्ट बनाकर डाल रही है या बता रही है कि लोग उसे गर्लफ्रेंड बनाने का कितना रुपए दे सकते हैं या फिर उसके साथ समय बिताने का कितने का…।

कहना गलत नहीं है कि धीरे-धीरे लोग सोशल मीडिया के प्रति सतर्क भी हो रहे है, लेकिन इन सतर्क लोगों की तादाद से ज्यादा जमात उनकी बड़ी है जो इससे बुरी तरह ग्रसित हैं… अलग से किसी एक अकॉउंट का नाम न भी लिया जाए तो आपने अपने आसपास या फिर रील्स फीड में जरूर छोटी-छोटी लड़कियों को ऐसी वीडियोज बनाते देखा होगा जिसमें टैलेंट कम और अश्लीलता ज्यादा नजर आती है और व्यूज लाखों में पहुँचा हुआ होता है। लोग इसका विरोध करने की बजाय इसे ट्रेंड मानते हैं और खुद भी उसमें छलांग लगा लेते हैं।

आज हाल यहाँ तक पहुँच गया है कि रील्स की दुनिया में पहचान बनाने के लिए लड़कियाँ खुद अपना रेट चार्ट बना रही हैं और उसको पब्लिकली पोस्ट भी कर रही हैं। उनके लिए शायद ये मजाक हो या वो जानती हों कि पोस्ट के बाद मिलने वाले रिएक्शन से कैसे डील करना है, लेकिन जरूरी नहीं कि उनकी वीडियो देख जो लड़कियाँ प्रभावित हों, उन्हें भी ये सब आता ही हो। उनके लिए तो ये ट्रेंड घातक साबित हो सकता है न। वहीं समाज उन्हें किस नजर से देखेगा क्या इस पर विचार होना जरूरी नहीं है।

कुछ लोग शायद इस रील को मुद्दा बनाने पर ये सोचें कि लड़कियों के मॉडर्न होने पर सवाल खड़े हो रहे हैं, उनकी आजादी छीनी जा रही है या फिर कुछ और भी… मगर, आप खुद एक बार विचार करके देखिए कि क्या इंस्टाग्राम पर कपड़े उतारकर रील बनाना या फिर अपना रेट लोगों के साथ शेयर करना आज के समय में लड़कियों की जरूरत है या फिर शिक्षा पाकर या स्किल सीखकर अपनी मजबूत पहचान बनाने की जरूरत है।

सोशल मीडिया आभासी दुनिया है, जो आज नहीं कल जीवन से शायद गायब हो जाएगी और हम शून्य रह जाएँगे। उस समय के लिए हमने सोचा है क्या कि इस दुनिया के गायब होने के बाद हम समाज में कैसे रहेंगे? क्या हम तैयार होंगे कमाई के लिए खुले में अश्लीलता फैलाने के लिए? क्या हमारे लिए कपड़े उतारकर उसे सबके आगे बदलना इतना ही आसान होगा जितना आज कैमरे पर लगता है? या फिर घरवाले इतने आधुनिक हो जाएँगे कि घर के बाहर वो रेट चार्ट चिपकानें देंगे कि कोई आए आपको किराए पर लेकर चला जाए?

ये वो सारे सवाल हैं जिनका जवाब हमें ढूँढना है और अपनी जिंदगी के बारे में सोचना है। पहले लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल खाली समय में मनोरंजन के लिए करते थे लेकिन अब धीरे-धीरे वो समय आ गया है कि सोशल मीडिया से खाली होकर लोग अपने जीवन के बाकी कामों को करते हैं। हमारा ये रवैया हमारे लिए, हमारी पीढ़ियों के लिए खतरनाक है।

लड़कियों को आज ये समझने की जरूरत है कि ये सोशल मीडिया सिर्फ एक मनोरंजन का माध्यम है। इसके लिए अपनी जिंदगी समर्पित कर देना कहीं से उचित नहीं है। जैसे टिकटॉक बैन हुआ है अगर आने वाले समय में किसी भी कारण ये ये प्लेटफॉर्म बंद हो जाएँगे तो सोचिए आसपास के लोगों में आपकी क्या इज्जत होगी या आपके आसपास के लोग आपका उतना ही सम्मान करेंगे। क्या आपकी निजता सच में निजी रह जाएगी या आप उतना ही ओपन होकर लोगों से मिल पाएँगे जितना आपने अपने आपको सोशल मीडिया पर रिवील किया हुआ है।

रील से लगाव का दुष्प्रभाव है कि लोग अपने परिजनों से दूर होने लगे हैं। उनके जिंदगी में दोस्त या तो बचे ही नहीं है या जो बचे हैं वो सिर्फ इसलिए हैं ताकि सोशल मीडिया के कंटेंट के काम आ सकें। डिप्रेशन और अकेलापन लोगों को सोशल मीडिया के ज्यादा इस्तेमाल से पहले के मुताबिक अधिक घेरने लगा है। वहीं घरवाले अपने बच्चों को ये सोचकर कुछ नहीं कहते क्योंकि उन्हें लगता है बच्चों को उनकी आजादी देना जरूरी है और उनकी यही सोच बच्चों को छोटी उम्र में वो सब करने को दे देती है जो उनके करियर और भविष्य के लिए खतरनाक होती है, लेकिन जब उनकी इसी हरकत से पैसे आने लगते हैं तो माता-पिता को वो उचित लगने लगता है।

उदाहरण इसी लड़की के इस पोस्ट से समझिए जिसने अपना रेट चार्ट साझा किया है। लड़की जब तक सामान्य कंटेंट बना रही थी उसकी रील पर 5-7 व्यूज आते थे। फिर धीरे-धीरे उसकी रील के 28-30 हजार व्यूज पहुँचे और जब उसने ऐसा कंटेंट पोस्ट किया जिससे उसकी छवि भी धूमिल हो और भारतीय समाज पर भी गलत असर जाए तब उसकी रील पर 14 मिलियन व्यूज आ गए। इस रील के बाद से लड़की के अकॉउंट की रीच ने जोर पकड़ा हुआ है। 1 से 2 लाख व्यूज तो आ ही रहे हैं।

जाहिर है ऐसा रिस्पांस देख वो लड़की ऐसे कंटेंट को ही आगे भी प्रमोट करेगी… हो सकता है इस दौरान लोग उसकी आलोचना करें या उसे समझाएँ… लेकिन इन दोनों स्थितियों में उस पर चर्चा होगी और इंटरनेट की दुनिया में यही वायरल होने की परिभाषा होती है। फॉलोवर्स को 10 हजार हैं वो 1 लाख होंगे। फिर उसे प्रमोटर्स मिलेंगे, कोलैब मिलेगा, पैसे आएँगे और जस्टिफाई कर दिया जाएगा कि जो उसने किया वो सही है। माता-पिता को भी लगेगा कि लड़की ने अपनी पहचान बना ली है। वहीं उसे फॉलो करने वालों के लिए वो एक उदाहरण बन जाएगी।

इस पूरी प्रक्रिया में जो छाप बचेगी वो सिर्फ ये वायरल होने के लिए ऐसे ही कंटेंट काम आते हैं जबकि हकीकत तो ये है कि सोशल मीडिया पर फेमस होने के लिए अश्लीलता फैलाना मानक नहीं है। लोगों ने इसे ऐसा बना दिया है। कुछ लड़कियाँ वाकई अपने टैलेंट के दम पर लोगों को इन्फ्लुएंस कर रही हैं। हाल में कान्स फिल्म महोत्सव में पहुँचीं नैंसी त्यागी इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। उन्होंने भी इंस्टाग्राम चलाया, उनके आगे भी ऐसे कंटेंट आए होंगे, मगर उन्होंने वायरल होने के लिए उस कंटेंट को फॉलो न करके अपनी प्रतिभा को इंस्टा के माध्यम से उभारा और दुनिया की नजर में तब आईं जब वो कान्स फिल्म महोत्सव में पहुँच गई। आज उनके टैलेंट पर हर मीडिया में जगह है।

देखा जाए तो नैंसी ने समय के साथ अपने टैलेंट का प्रचार किया था। इसी तरह अंकित बयानपुरिया को देखिए। फिटनेस रील्स बनाकर उन्हें पीएम मोदी से मिलने का मौका मिला। बड़े मंच से लोगों को वो ये संदेश दे पाए कि व्यायाम जीवन में कितना जरूरी है। उसके अलावा छोटा बच्चा ‘भक्त भागवत’ को शायद आपने देखा हो। वो बच्चा कम उम्र का है पर उसके ज्ञान का प्रसार सोशल मीडिया से होता है तो बड़े-बड़े धार्मिक जगहों पर उसका स्वागत होता है। वर्षा सोलंकी इंस्टा का बड़ा चेहरा हैं। एक हाउसवाइफ होते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने डांस की कला दिखाई और आज वो रिएलिटी शो का जाना-माना चेहरा बनी हुआ

ऐसे तमाम इन्फ्लुएंसर हैं जिनके कंटेंट का सकारात्मक प्रभाव समाज पर धीरे-धीरे पड़ रहा है। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर बहुत लोग कुछ सीख रहे हैं। लड़कियों को उन वाले उदाहरणों से सीखने की जरूरत है, लड़कियों को अपनी शिक्षा लेकर समाज को साक्षर बनाने की जरूरत है, स्किल में महारत हासिल करके अपनी पहचान बनाने की जरूरत है न कि ऐसे कंटेंट क्रिएटर्स के इन्फ्लुएंस में आने की जो अश्लीलता का प्रसार करके वायरल हुए हों।। अपने आपको बेचना या फिर किराए पर देने का धंधा समाज में लोग करते आए हैं लेकिन इस काम को करने वालों के लिए एक अलग शब्द होता है, जिसे अभी भारतीय संस्कृति में सम्मान की दृष्टि से देखा जाना नहीं शुरू हुआ है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जब मर चुके थे रामगोपाल मिश्रा, तब भी उनके मृत देह पर मुस्लिम कट्टरपंथी बरसा रहे थे पत्थर: तलवार से काटने, गोलियाँ मारने के...

बहराइच में मृतक रामगोपाल मिश्रा की लाश जब उनके साथी निकल कर ला रहे थे तब उन पर भी मुस्लिम भीड़ ने गोलियाँ और पत्थर बरसाए थे।

दुर्गा पूजा पर झारखंड पुलिस ने नहीं बजने दिया DJ… विरोध में हिंदुओं ने नहीं किया माँ दुर्गा का विसर्जन, रात भर प्रतिमाएँ सड़क...

झारखंड के चक्रधरपुर में पुलिस ने दुर्गा पूजा विसर्जन जुलूस का डीजे पुलिस ने जब्त कर लिया। इसके बाद विसर्जन नहीं हो पाया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -