Saturday, November 16, 2024
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गहलोत के 15 MLA हमारे साथ, आजाद होते ही आ जाएँगे: पायलट गुट के विधायक ने कॉन्ग्रेस की मुसीबत​ बढ़ाई

“अशोक गहलोत गुट के 10 से 15 विधायक हमारे सीधे संपर्क में हैं। वे कह रहे हैं कि जैसे ही उन्हें छोड़ा जाएगा वे हमारे साथ आ जाएँगे। अगर गहलोत प्रतिबंध हटाते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि कितने विधायक उनके पक्ष में हैं।”

राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार पर मंडरा रहा खतरा टलता नहीं दिख रहा। सचिन पायलट गुट के एक विधायक के दावे ने पार्टी की मुसीबत और बढ़ा दी है। विधायक हेमाराम चौधरी का दावा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट के 10 से 15 विधायक उनके संपर्क में हैं।

हेमाराम ने यह बात ऐसे वक्त में कही है जब गहलोत विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लेकर आने की बात कह रहे हैं।हेमाराम चौधरी ने कहा, “अशोक गहलोत गुट के 10 से 15 विधायक हमारे सीधे संपर्क में हैं। वे कह रहे हैं कि जैसे ही उन्हें छोड़ा जाएगा वे हमारे साथ आ जाएँगे। अगर गहलोत प्रतिबंध हटाते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि कितने विधायक उनके पक्ष में हैं।”

इधर विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर अशोक गहलोत राज्यपाल पर लगातार हमलावर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक़ अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस मुद्दे पर फोन से बात भी की थी। दोनों के बीच बातचीत रविवार को हुई। गहलोत ने बातचीत के दौरान यह आरोप लगाया कि उनकी सरकार गिराने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा उन्होंने राज्यपाल द्वारा विधानसभा सत्र न बुलाए जानी की बात भी कही। साथ ही इस मामले में दखल देने का अनुरोध भी किया।       

वहीं दूसरी तरफ आज राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी इस मामले पर अपना नज़रिया रखा था। उन्होंने राज्य सरकार से कुल 3 पहलुओं पर विचार-विमर्श करने के लिए कहा। सत्र बुलाने से पहले 21 दिन का नोटिस पीरियड। इसके अलावा अगर फ्लोर टेस्ट कराया जाए तो उसमें हर सामाजिक दूसरी के हर नियमों का पालन किया जाए। उनके मुताबिक़ विधानसभा सत्र संवैधानिक तरीके से ही बुलाया जाना चाहिए।    

वहीं कॉन्ग्रेस के विधायक दल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर दखल देने का निवेदन किया गया था।   

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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