Saturday, April 20, 2024
Homeराजनीतिचुनावी समर में उतरे आदित्य, महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में ठाकरे परिवार के पहले...

चुनावी समर में उतरे आदित्य, महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में ठाकरे परिवार के पहले प्रत्याशी

उद्धव ठाकरे ने अपने पिता बाल ठाकरे के सामने यह प्रतिज्ञा ली थी कि वह एक शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाएँगे। उन्होंने कहा था कि शिवसेना का भगवा ध्वज महाराष्ट्र विधानसभा के ऊपर लहराना चाहिए।

आख़िरकार शिवसेना परिवार ने चुनाव में ख़ुद उतरने की घोषणा कर ही दी। कभी बाल ठाकरे ने ऐलान किया था वह व्यक्तिगत तौर पर जीवन में कभी भी किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे। बाल ठाकरे ने जीत के बाद अपनी पार्टी के मनोहर जोशी और फिर नारायण राणे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया लेकिन ख़ुद न तो सांसद का चुनाव लड़े और न ही विधायक का। इसके बाद से ही यह अघोषित तौर पर माना जाता था कि ठाकरे परिवार का कोई भी सदस्य व्यक्तिगत रूप से चुनावों में हिस्सा नहीं लेगा बल्कि अपने उम्मीदवार उतारेगा।

उद्धव ठाकरे ने भी जीवन में कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा। अब ठाकरे परिवार ने इस क्रम को तोड़ते हुए आदित्य ठाकरे को वर्ली से प्रत्याशी के रूप में उतारा है। आदित्य ठाकरे काफ़ी दिनों से राजनीति में सक्रिय हैं और फिलहाल शिवसेना के युथ विंग ‘युवा सेना’ के अध्यक्ष हैं। वर्ली सीट अपने-आप में काफ़ी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ से शिवसेना के दिवंगत वरिष्ठ नेता दत्ताजी नलावड़े ने 4 बार जीत दर्ज की थी। मुंबई के मेयर से लेकर महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर तक का सफर तय करने वाले नलावड़े ने यह सीट 1990, 1995, 1999 और 2004 में जीती थी।

वर्ली को शिवसेना के लिए सुरक्षित सीट इसीलिए भी माना जा रहा है क्योंकि अभी भी शिवसेना के सुशील शिंदे ही यहाँ से विधायक हैं। हाल ही में आदित्य ठाकरे को लेकर विवाद भी उपजा था, जब आजतक की पत्रकार अंजना ओम कश्यप ने उन्हें ‘शिवसेना का पप्पू’ बताते हुए उनकी तुलना राहुल गाँधी से कर दी थी। हालाँकि, बाद में उन्होंने अपने उस बयान के लिए माफ़ी माँग ली थी। अब देखना यह है कि कमज़ोर होती एनसीपी और जूझती कॉन्ग्रेस के बीच आदित्य ठाकरे को उतारने के पीछे शिवसेना की क्या रणनीति है?

अगर थोड़ा और पीछे जाएँ तो इसी वर्ष मार्च में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने ऐसी किसी भी सम्भावना से इनकार कर दिया था। उस समय भी कयास लगाए जा रहे थे कि आदित्य ख़ुद चुनावी राजनीति में उतर सकते हैं। अब जब वो समय आ गया है, उद्धव ठाकरे के कुछ दिन पहले के दिए गए बयान की भी चर्चा हो रही है। उद्धव ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने अपने पिता बाल ठाकरे के सामने यह प्रतिज्ञा ली थी कि वह एक शिवसैनिक को मुख्यमंत्री बनाएँगे।

उद्धव ने कहा था कि शिवसेना का भगवा ध्वज महाराष्ट्र विधानसभा के ऊपर लहराना चाहिए। पार्टी ने आदित्य सहित 11 उम्मीदवारों की सूची फाइनल कर दी है और उन्हें नामांकन भरने के लिए अधिकृत कर दिया है। हालाँकि, उद्धव यह भी कहते रहे हैं कि वह कभी भी पीठ में चाकू मारने का काम नहीं करेंगे क्योंकि वो खुले तौर पर विरोध करने में विश्वास रखते हैं। सीट शेयरिंग में भाजपा को दबाव में लाने के लिए शिवसेना ऐसे पैंतरे पहले भी आजमाती रही है। हाल ही में ठाकरे परिवार के विश्वस्त संजय राउत ने एनसीपी के संस्थापक-अध्यक्ष शरद पवार से भी मुलाक़ात की थी। आदित्य के चुनावी समर में उतरने से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव कुछ ज्यादा ही दिलचस्प होने वाला है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कॉन्ग्रेस का ध्यान भ्रष्टाचार पर’ : पीएम नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में बोला जोरदार हमला, ‘टेक सिटी को टैंकर सिटी में बदल डाला’

पीएम मोदी ने कहा कि आपने मुझे सुरक्षा कवच दिया है, जिससे मैं सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हूँ।

ईंट-पत्थर, लाठी-डंडे, ‘अल्लाह-हू-अकबर’ के नारे… नेपाल में रामनवमी की शोभा यात्रा पर मुस्लिम भीड़ का हमला, मंदिर में घुस कर बच्चे के सिर पर...

मजहर आलम दर्जनों मुस्लिमों को ले कर खड़ा था। उसने हिन्दू संगठनों की रैली को रोक दिया और आगे न ले जाने की चेतावनी दी। पुलिस ने भी दिया उसका ही साथ।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe