Saturday, September 21, 2024
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निकाय चुनाव से पहले J&K के कई नेता आजाद, 58 दिनों से थे नजरबंद

राज्य में हालात नियंत्रण में रखने के लिए इन नेताओं को एहतियातन नजरबंद किया गया था। आशंका थी कि ये नेता भड़काऊ बयान देकर के लोगों को हिंसा के लिए उकसा सकते हैं।

जम्मू-कश्मीर में कई नेताओं की नजरबंदी हटा दी गई है। माना जा रहा है कि निकाय चुनावों के कारण प्रशासन ने यह कदम उठाया है। आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद इन नेताओं को एहतियातन उनके घर में नजरबंद कर दिया गया था। करीब दो महीने तक ये नेता नजरबंद रहे।

जिन नेताओं की नजरबंदी हटाई गई है उनमें पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह का नाम भी शामिल है। जानकारी के मुताबिक जिन नेताओं पर से नजरबंदी हटाई गई हैं उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस, कॉन्ग्रेस, पैंथर्स पार्टी के नेताओं के नाम हैं। इसमें लाल सिंह के अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के देवेंद्र राणा और एसएस सालाथिया, कॉन्ग्रेस रमन भल्ला और पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह का नाम है। एनसीपी के उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस सज्जाद गनी लोन अब भी हाउस अरेस्ट हैं।

पैंथर पार्टी के हर्षदेव ने एएनआई को बताया, “5 अगस्त को मुझे रमण भल्ला, देवेन्द्र राणा, एसएस सालाथिया और जावेद राणा के साथ हिरासत में लिया गया था। मैं अपने घर में बंद था। कल 58 दिन बाद हमें बाहर जाने की अनुमति मिली। हमें कहा गया कि हमारे बयानों पर निगरानी रखी जाएगी।”

बता दें कि राज्य में हालात नियंत्रण में रखने के लिए इन नेताओं को एहतियातन नजरबंद किया गया था। आशंका थी कि ये नेता भड़काऊ बयान देकर के लोगों को हिंसा के लिए उकसा सकते हैं।

कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी इस संबंध में बयान देते हुए कहा था कि किसी भी जम्मू-कश्मीर में किसी भी राजनेता को 18 माह से ज्यादा हिरासत में नहीं रखा जाएगा। यहाँ उन्होंने ये भी साफ़ किया था कि जो नेता हाउस अरेस्ट हैं, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है, बल्कि उन्हें घर में मेहमान की तरह रखा जा रहा है।

वहीं, भाजपा नेता राम माधव की मानें तो शांति बनाने के लिहाज से पहले हिरासत में लिए लोगों की संख्या 2000-2500 से थी, लेकिन धीरे-धीरे ये संख्या घटकर 200-250 हो गई है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के 310 ब्लॉकों में ब्लॉक विकास परिषदों के अध्यक्षों के चुनाव के लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी की गई थी। अधिसूचना के मुताबिक 24 अक्टूबर को चुनाव होंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख नौ अक्टूबर है जबकि नामांकन पत्रों की जांच 10 अक्टूबर को की जाएगी। नामांकन वापस लेने की तारीख 11 अक्टूबर है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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