Saturday, November 16, 2024
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CM केजरीवाल पर अभद्र टिप्पणी का आरोप, यूनिवर्सिटी ने AISA की छात्रा पर लगाया ₹5000 का जुर्माना: बिफरे वामपंथी

"दिसंबर 23, 2020 को हुए विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में यूट्यूब पर नेहा नाम की छात्र द्वारा एक अप्रिय और ठेस पहुँचाने वाली टिप्पणी सामने आई। प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने इसका संज्ञान लिया है।"

जहाँ एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भाजपा विरोधी दलों के नेताओं के साथ हाथ में हाथ डाल कर खड़े होने पसंद करते हैं, वहीं अब वामपंथी नेताओं ने उन पर निशाना साधा है। वामपंथी अरविंद केजरीवाल से इसीलिए नाराज़ हैं, क्योंकि आरोप है कि उन पर ‘अपमानजनक टिप्पणी’ के आरोप में AISA (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) की एक पदाधिकारी नेहा पर 5000 रुपए का जुर्माना लगा है।

‘परफॉरमेंस स्टडीज’ से MA कर रहीं नेहाफाइनल ईयर में हैं। दिसंबर 2020 में आंबेडकर यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह हुआ था। ऑनलाइन हुए इस कार्यक्रम के यूट्यूब लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान नेहा पर अरविंद केजरीवाल को लेकर ‘अपमानजनक टिप्पणी’ करने का आरोप लगा। यूनिवर्सिटी का कहना है कि नेहा की टिप्पणी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के प्रति अपमानजनक है।

इस विश्वविद्यालय की स्थापना ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली’ की सरकार ने ही किया था। लेफ्ट से जुड़े छात्रों ने AUD की एडमिशन नीति को लेकर ऑनलाइन विरोध प्रदर्शन भी किया। यूनिवर्सिटी पर नस सिर्फ फी बढ़ाने, बल्कि SC/ST छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करने के भी आरोप लगाए गए। आरोप है कि यूनिवर्सिटी ने अपनी आरक्षण की नीति में बदलाव किया है। साथ ही छात्रों ने कहा कि सीएम केजरीवाल को छात्रों की कोई परवाह नहीं।

जून 30, 2021 को प्रॉक्टर ने एक आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि नेहा को फाइनल परीक्षाओं में बैठने के लिए 5000 रुपए का फाइन भरना पड़ेगा। यूनिवर्सिटी ने कहा, “दिसंबर 23, 2020 को हुए विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में यूट्यूब पर नेहा नाम की छात्र द्वारा एक अप्रिय और ठेस पहुँचाने वाली टिप्पणी सामने आई। प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने इसका संज्ञान लिया है। इस मामले की तह में जाने के लिए एक सब-कमिटी गठित की गई, जिसे इस मामले की रिपोर्ट सौंपी।”

उक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि नेहा ने सब-कमिटी के सामने स्वीकार किया कि उन्होंने ही ये टिप्पणी की है और साथ ही इस पर खेद जताने से भी इनकार कर दिया। इस रिपोर्ट में उनके इस कृत्य को ‘AUD के अनुशासन कोड और नीतियों का उल्लंघन’ बताते हुए कहा गया है कि यूनिवर्सिटी के ‘मुख्य अतिथि और गेस्ट ऑफ ऑनर’ के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी के माध्यम से जानबूझ कर विश्वविद्यालय और इसके समुदाय को बदनाम करने के लिए किया गया है।

नेहा ने कहा है कि वो इस सज़ा को स्वीकार नहीं कर सकतीं। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन में वो अकेले नहीं थीं, लेकिन कार्रवाई उनके खिलाफ ही हो रही है और औरों को ‘कारण बताओ नोटिस’ नहीं दिया गया। यूनिवर्सिटी का कहना है कि दीक्षांत समारोह एक पवित्र कार्यक्रम है और इस दौरान नेहा का लहजा छात्रों वाला नहीं था। AISA ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। लेफ्ट नेता कविता कृष्णन ने केजरीवाल और सिसोदिया पर बदला लेने का आरोप लगाया।

उन्होंने यूनिवर्सिटी पर आडम्बरवादी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि नेहा की टिप्पणी से किसी का भी अपमान नहीं हुआ है। इससे पहले भी लेफ्टिस्ट और केजरीवाल आमने-सामने आ चुके हैं। अगस्त 2020 में सीएम केजरीवाल ने भाजपा पर शाहीन बाग़ के CAA विरोधी प्रदर्शन के आयोजन और दंगे कराने का आरोप लगाया था। इसके बाद वामपंथियों ने उन्हें ‘संघी साँप’ बताया था। उमर खालिद के खिलाफ UAPA लगाने की मंजूरी देने पर भी वामपंथियों ने उनकी आलोचना की थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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