Saturday, July 27, 2024
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असदुद्दीन ओवैसी ने मथुरा ईदगाह के खिलाफ RSS पर साधा निशाना, कहा- इस पर भी शुरु होगी हिंसक मुहिम

"जिस बात से डर था, वही हो रहा है। बाबरी मस्जिद से जुड़े फैसलों की वजह से संघ परिवार के लोगों के इरादे और भी मजबूत हो गए हैं। याद रखिए, अगर आप और हम अभी भी गहरी नींद में रहेंगे तो कुछ साल बाद संघ इस पर भी एक हिंसक मुहिम शुरू करेगी और कॉन्ग्रेस भी इस मुहिम का एक अटूट हिस्सा बनेगी।"

मथुरा की स्थानीय अदालत द्वारा कृष्णजन्मभूमि विवाद की याचिका स्वीकारने के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर के जरिए एक भड़काऊ बयान दिया है। ओवैसी ने अपने लोगों को संघ के डिजाइनों के प्रति सचेत रहने के लिए कहा। इसके अलावा ओवैसी ने कहा है कि संघ कृष्णजन्मभूमि मामले पर भी हिंसक मुहिम शुरू करेगी। बता दें याचिका में कृष्ण जन्मभूमि से सटे मस्जिद को हटाने की माँग की गई है।

ओवैसी ने ट्वीट किया, “जिस बात से डर था, वही हो रहा है। बाबरी मस्जिद से जुड़े फैसलों की वजह से संघ परिवार के लोगों के इरादे और भी मजबूत हो गए हैं। याद रखिए, अगर आप और हम अभी भी गहरी नींद में रहेंगे तो कुछ साल बाद संघ इस पर भी एक हिंसक मुहिम शुरू करेगी और कॉन्ग्रेस भी इस मुहिम का एक अटूट हिस्सा बनेगी।”

उन्होंने कहा कि मथुरा की जिला अदालत ने मथुरा की ईदगाह पर एक याचिका दाखिल की थी और कहा था कि लोगों को आरएसएस के डिजाइनों के प्रति सचेत रहना चाहिए।

ओवैसी ने पहले कहा था, “पूजा का स्थान अधिनियम 1991 पूजा के स्थान को परिवर्तित करने से मना करता है। गृह मंत्रालय को इस अधिनियम का प्रशासन सौंपा गया है, अदालत में इसकी प्रतिक्रिया क्या होगी? शाही ईदगाह ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ने अक्टूबर 1968 में इस विवाद को हल किया। अब इसे पुनर्जीवित क्यों करें?”

गौरतलब है कि कुछ लोगों के समूह द्वारा श्रीकृष्ण जन्मस्थान के समीप बने ईदगाह को हटाने की माँग को लेकर मथुरा के जिला कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। जिसे जज ने 16 अक्टूबर, 2020 को स्वीकार कर लिया। इस मामले में अब अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी। कोर्ट ने दूसरे पक्ष को भी उनका मत रखने के लिए नोटिस जारी किया है।

इस संबंध में जिला जज मथुरा साधनी रानी ठाकुर की कोर्ट में 12 अक्टूबर को दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के 13 एकड़ के कटरा केशव देव मंदिर के परिसर पर 17वीं शताब्दी में शाही ईदगाह बनाया गया था।

उनका कहना है कि इस समय जहाँ मस्जिद है कभी वहाँ कंस का कारागार था और वहीं पर कृष्ण का मंदिर था। मुगलों ने इसे तुड़वा कर वहाँ शाही ईदगाह मस्जिद बनवा दी।

बता दें इससे पहले मामले को लेकर मथुरा की सिविल जज कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, लेकिन वहाँ से याचिका खारिज कर दी गई थी, जिसके बाद हिंदू पक्ष ने जिला जज की कोर्ट में अपील दाखिल की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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