Saturday, April 27, 2024
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मदरसे बंद करना सही, मुल्ले-मौलवी की कौन सुनता है: अजमल के ‘टोपी-बुर्का’ पर हिमांत बिस्वा सरमा का पलटवार

"जहाँ तक मस्जिद की बात है तो भारत में किसी भी हिंदू ने कहीं भी मस्जिद को नहीं तोड़ा है। लेकिन अजमल भाई के पूर्वज हमारे कई मंदिरों को तोड़ चुके हैं। यह बात सभी जानते हैं।"

असम में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के नेता बदरुद्दीन अजमल ने बेहद भड़काऊ बयान देकर भाजपा के खिलाफ मुस्लिमों में डर पैदा करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा राज्य में दोबारा सत्ता में आती है, तो वह मदरसे बंद करवा देगी, मस्जिदों को नष्ट कर देगी। अजमल के इस आरोप पर बीजेपी नेता और असम सरकार में शिक्षा मंत्री हिमांत बिस्वा सरमा ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए जवाब दिया है।

हिमांत बिस्वा सरमा ने कहा, ”मदरसा खत्म करना तो सही है, अभी सरकारी मदरसा तो खत्म किया है और आगे जाकर उनके जो मजहबी मदरसे हैं उसमे भी मजहबी शिक्षा के साथ साइंस, मैथ, कम्प्यूटर की शिक्षा देनी होगी। लोग यदि मदरसा से बाहर निकलना चाहते है तो निकलने की सुविधा देनी पड़ेगी। कई बच्चों को बचपन में पिताजी मदरसे में डालते हैं। लेकिन कई बच्चे सर्वे में बोलते हैं कि हमें मदरसे में नहीं रहना। प्राइवेट मदरसे में बहुत बड़ा मॉर्डनाइजेशन तो होगा ही। सरकारी मदरसे तो हम पहले ही बंद कर चुके हैं। यह बात तो अजमल भाई सही बोल रहे हैं, क्योंकि ये तो हम करेंगे ही।”

वहीं बदरुद्दीन अजमल के मस्जिद तोड़ने के आरोपों का भी सरमा ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, “जहाँ तक मस्जिद की बात है तो भारत में किसी भी हिंदू ने कहीं भी मस्जिद को नहीं तोड़ा है। लेकिन अजमल भाई के पूर्वज हमारे कई मंदिरों को तोड़ चुके हैं। यह बात सभी जानते हैं। इसलिए मंदिर तोड़ना, मस्जिद तोड़ना यह उनकी भाषा है, हमारी नहीं।”

मदरसे के मामले में मौलवियों के विरोध के सवाल पर सरमा ने कहा कि उनकी बात कौन सुनेगा? विद्यार्थी का कल्याण करना सरकार की जिम्मेदारी होती है। एक छात्र डॉक्टर बने, इंजीनियर बने, आगे बढ़े ये एक शिक्षा मंत्री का काम होता है। अब कौन मुल्ला-मौलवी कहाँ क्या बोलता है, उसमें समय कौन खर्च करे? 

उन्होंने कहा, ”मुल्ला-मौलवी का काम होता है मस्जिद में जाना और मजहब की शिक्षा देना। छात्रों को शिक्षा देने की जिम्मेदारी सरकार की होती है, शिक्षा मंत्री का काम होता है। हम हमारी जिम्मेदारी निभाएँगे और वह अपनी जिम्मेदारी निभाएँ। इसमें विवाद कहाँ है?”

गौरतलब है कि बदरुद्दीन अजमल ने कहा था, “भाजपा दुश्मन है, देश की दुश्मन, भारत की दुश्मन, महिलाओं की दुश्मन, मस्जिदों की दुश्मन, दाढ़ी की दुश्मन, तलाक की दुश्मन, बाबरी मस्जिद की दुश्मन। क्या आप इस तरह एक पार्टी को वोट देंगे? अब आपको अधिक सावधान रहने की जरूरत है। अगर आप सावधान नहीं हैं, और अगर भाजपा असम में फिर से सरकार बनाती है तो आपको बुर्का पहनकर आने की इजाजत नहीं होगी, आप चेहरे पर दाढ़ी के साथ घर से बाहर नहीं निकल पाएँगे, आपको ये स्कलकैप (जालीदार टोपी) पहनने की इजाजत नहीं होगी, आपको मस्जिदों में अज़ान जपने की इजाजत नहीं होगी। हम इस तरह एक जगह पर रह पाएँगे?”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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