भारत-चीन सेना के बीच हुई झड़प के बाद कॉन्ग्रेस सरकार लगातार भाजपा पर सवाल दाग रही है। ऐसे में भाजपा ने भी आज कॉन्ग्रेस पर जोरदार पलटवार किया है। गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, समेत पूरी पार्टी पर निशाना साधा है।
जेपी नड्डा ने आज मध्यप्रदेश में जनसंवाद रैली को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कहा, “मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि 2005-06 में राजीव गाँधी फाउंडेशन (Rajeev Gandhi Foundation) को चीनी दूतावास और चीन की ओर से 3 लाख डॉलर बतौर चंदे के रूप में मिले थे। यह कॉन्ग्रेस और चीन के बीच गुप्त रिश्ता है।”
#WATCH I am amazed that the Rajiv Gandhi Foundation received 3 hundred thousand USD from the People’s Republic of China & Chinese Embassy in 2005-06. This is the secret relation of Congress & China: BJP pres JP Nadda during Madhya Pradesh Jan Samvad Rally via video conferencing pic.twitter.com/rYJFixYbOx
— ANI (@ANI) June 25, 2020
जेपी नड्डा ने कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये वही लोग हैं, जो चाइना से फंड लेकर देश में माहौल बनाते हैं। सभी राजनैतिक दल के लोगों ने पीएम से कहा कि वह सभी देशहित में एक साथ खड़े हैं। बस एक परिवार ने विरोध किया। इनके खाने के दाँत कुछ, और दिखाने के लिए कुछ और है।
डोकलाम के वक्त की घटना को नड्डा ने याद दिलाते हुए राहुल गाँधी पर हमला किया। जेपी नड्डा ने कहा कि गलवान घाटी में घटी घटना पर भी कॉन्ग्रेस ने राजनीति की है। ये वही कॉन्ग्रेस है, जब 2017 के अगस्त में चीन और भारत का स्टैंड ऑफ हो रहा था, उस समय राहुल गाँधी चीन के राजदूत से गुपचुप मुलाकात कर रहे थे।
जेपी नड्डा कॉन्ग्रेस पर वार करते हुए पूछते हैं कि आखिर राजीव गाँधी फाउंडेशन को इतना पैसा किस बात के लिए दिया गया था और उन्होंने देश में क्या स्टडी की थी, ये भी देश जानना चाहता है।
इसके अलावा बता दें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आपातकाल के लिए कॉन्ग्रेस पर जमकर निशाना साधा। साथ ही आपातकाल को कॉन्ग्रेस की अधिनायकवादी मानसिकता का परिचायक करार दिया। भाजपा अध्यक्ष ने एक ट्वीट में लिखा, “भारत उन सभी महानुभावों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएँ सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया। ये हमारे सत्याग्रहियों का तप ही था जिससे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों ने एक अधनियाकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक जीत प्राप्त की।”
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने खोला कॉन्ग्रेस के ख़िलाफ़ मोर्चा
उल्लेखनीय है कि जेपी नड्डा के अलावा कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कॉन्ग्रेस पर गुरुवार को आरोप लगाया। दैनिक जागरण की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि राजीव गाँधी फाउंडेशन को चीन ने 2005-06 में तीन लाख डॉलर (करीब 2 करोड़ 26 लाख रुपए) का डोनेशन दिया था। उन्होंने कॉन्ग्रेस से सवाल किया कि यह रुपए किन शर्तों पर लिए गए और इन रुपयों का क्या किया गया?
उन्होंने कहा, कॉन्ग्रेस के कार्यकाल में चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा किया। कॉन्ग्रेस बताए कि राजीव गाँधी फाउंडेशन को यह रुपए चीन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) यानी कि बिना रोक-टोक के आयात-निर्यात को प्रमोट करने के लिए मिला।
केंद्रीय कानून मंत्री ने बताया कि फॉरेन कांट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के तहत कोई भी राजनीतिक पार्टी विदेश से पैसा नहीं ले सकती है। साथ ही कोई भी एनजीओ बिना सरकार की अनुमति के विदेश से रुपया नहीं ले सकता है।
उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि कानून के मुताबिक कोई भी संस्थान अगर विदेशी फंड लेता है तो उसे इससे संबंधित सभी जानकारी सरकार को देनी होती है। क्या राजीव गाँधी फाउंडेशन ने सरकार को चीन से लिए गए डोनेशेन की जानकारी दी थी? क्या उन्होंने बताया था कि किन शर्तों पर डोनेशन लिया और उन्होंने इसका क्या उपयोग किया?
कानून मंत्री का सवाल है कि अगर कॉन्ग्रेस ने इन सबकी जानकारी नहीं दी तो क्यों नहीं दी और अगर दी तो क्या ये बताया कि वे चीन के साथ फ्री ट्रेड के बदले में ये पैसा ले रहे हैं?
यहाँ बता दें कि डोनेशन देने की शुरुआत तब हुई जब राजीव गाँधी फाउंडेशन ने कई सारे स्टडीज का हवाला देते हुए यह बताने की कोशिश की थी कि भारत और चीन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) यानी कि बिना रोक-टोक के आयात-निर्यात का होना बेहद जरूरी है