कोटा के एक सरकारी अस्पताल में सौ से अधिक बच्चों की मौत को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) से जोड़ चुके राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि CAA वापस नहीं लिया गया तो देश के टुकड़े हो जाएँगे। उन्होंने यह बात शुक्रवार (जनवरी 3, 2020) को अपने गृहनगर जोधपुर में कही। उसी दिन यहॉं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सीएए के समर्थन में एक रैली को संबोधित किया था।
एक ही दिन जिले में मुख्यमंत्री और भाजपा अध्यक्ष के होने के कारण सियासी पारा वैसे ही गर्म था। इस दौरान नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर निशाना साधा। शाह ने आक्रामक रुख दिखाते हुए विपक्ष को चेताया। कहा कि विपक्षी पार्टियाँ एक साथ मिल कर जितनी अफवाहें फैलानी है फैला ले, भाजपा घर-घर जाकर लोगों को सीएए के फायदों के बारे में बताएगी। इससे एक इंच पीछे नहीं हटेगी।
वहीं गहलोत ने सीएए और एनआरसी को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर बने मुल्क कभी भी एक नहीं रह पाते हैं। गहलोत ने केंद्र सरकार पर हिन्दू राष्ट्र की विचारधारा को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया और चेताया कि आगे चल कर ये काफ़ी घातक सिद्ध होगा। उन्होंने उदाहरण के रूप में पाकिस्तान और रूस का नाम गिनाया। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कुछ फिरकापरस्त लोगों ने पाकिस्तान तो बना लिया, लेकिन बाद में उसके दो टुकड़े हो गए।
उधर, अमित शाह ने जोधपुर में राज्य की सत्ताधारी पार्टी कॉन्ग्रेस को घेरा। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन दोनों को सीएए पढ़ना चाहिए। शाह ने तंज कसते हुए कहा कि अगर उन दोनों को क़ानून समझ में नहीं आते है तो वो इसका इटालियन में अनुवाद कराने को भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भारत पर जितना उनका हक़ है, उतना ही पीड़ित शरणार्थियों का है। उन्होंने याद दिलाया कि 2005 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने राजस्थान में 13, 000 शरणार्थियों को नागरिकता दी थी।
इससे पहले गहलोत कोटा में बच्चों की मौत को भी नागरिकता संशोधन कानून से जोड़ चुके हैं। 2 जनवरी को उन्होंने कहा था, “सीएए के खिलाफ पूरे देश में जो माहौल बना हुआ है, उससे ध्यान हटाने के लिए इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। मैं पहले ही कह चुका हूॅं इस साल शिशुओं की मौत के आँकड़ों में पिछले कुछ सालों की तुलना में काफी कमी आई है।” राजस्थान के कोटा के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर से अब तक 105 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस मामले में लगातार गहलोत सरकार की लापरवाही और असंवदेनशीलता सामने आ रही है। बजट की कमी का रोना रोने वाले राज्य के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के उलट बयान देते हुए मंत्री प्रताप सिंह ने बताया कि 6 करोड़ रुपए जेके लोन अस्पताल के पास पड़े रह गए।
इस बीच, सोनिया गाँधी ने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को हालात का जायजा लेने कोटा भेजा। वहाँ स्थिति देखने के पास पायलट ने कहा कि राज्य सरकार को कुछ और सहानुभूति के साथ कार्य करना चाहिए था। पायलट का मानना है कि गहलोत सरकार ने स्थिति के प्रति उतनी संवेदनशीलता नहीं दिखाई।
सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि एक वर्ष से भी अधिक तक सत्ता में रहने के बाद पूर्ववर्ती सरकारों पर इल्जाम लगाने का कोई तुक नहीं बनता है। बकौल पायलट, सबकी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। उधर, गहलोत ने जोधपुर में बच्चों की मौत के अलावा हर विषय पर बेबाकी से अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आज बिखरने की कगार पर है, उसी तरह भारत में हिन्दू राष्ट्र की विचारधारा को आगे बढ़ाना भी विनाशकारी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह को सीएए को वापस लेने पर विचार करना चाहिए।
Rajasthan Deputy Chief Minister Sachin Pilot on #KotaChildDeaths: I think our response to this could have been more compassionate and sensitive. After being in power for 13 months I think it serves no purpose to blame the previous Govt’s misdeeds. Accountability should be fixed. pic.twitter.com/kpD9uxMfUy
— ANI (@ANI) January 4, 2020
सचिन पायलट के बयान को कई लोग राजस्थान में कॉन्ग्रेस के आंतरिक कलह से जोड़ कर भी देख रहे हैं। उपमुख्यमंत्री पायलट राजस्थान कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। पिछले दिनों वो दिल्ली में थे, जहाँ कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने कोटा में बच्चों की मौत को लेकर नाराज़गी जताई। इसके बाद उन्होंने कोटा पहुँच कर पीड़ित परिजनों से मुलाक़ात की। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की पहल के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम भी सक्रिय है।