केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA/सीएए) के कार्यान्वन को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन अभियान का काम पूरा होते ही सीएए पर अमल की दिशा में सरकार बढ़ेगी। बंगाल के मतुआ में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। वहीं इंडिया टुडे के कॉन्क्लेव में उन्होंने कहा कि बंगाल में बीजेपी 200 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाएगी।
मतुआ की रैली में केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि विपक्ष अल्पसंख्यकों को गुमराह करने का काम कर रहा है। लेकिन वह आश्वस्त करते हैं कि सीएए से किसी भी रूप में भारतीय अल्पसंख्यकों की नागरिकता पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, शाह ने सीएए को लेकर कहा कि इसे कोरोना महामारी के कारण अभी तक लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा, “ममता दीदी ने कहा कि ये झूठा वादा है। उन्होंने इसका विरोध किया और कहा कि वह इसे कभी लागू नहीं होने देंगी। भाजपा जो कहती है, वो करती है। हम ये कानून लाए हैं। इससे शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी।”
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी इस कानून के लागू होने तक उस पद पर नहीं रहेंगी जो विरोध कर पाएँ। जब तक यह लागू होगा तब ममता बनर्जी राज्य में मुख्यमंत्री भी नहीं रहेंगी।
CAA to be implemented after Covid-19 vaccination gets completed: Union Home Minister Amit Shahhttps://t.co/6tMCEOFJG8
— OpIndia.com (@OpIndia_com) February 11, 2021
अमित शाह ने रैली के दौरान ममता सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, “भाजपा पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर रोक कर विकास का नया दौर शुरू करने जा रही है। मैं दूसरी बार ठाकुरनगर की पवित्र धरती पर आया हूँ। कुछ परिस्थितियों की वजह से मेरा पिछला दौरा रद्द हुआ, तो ममता दीदी बहुत खुश हो गईं। अरे ममता दीदी! अभी बहुत समय है अप्रैल तक, मैं बार-बार आऊँगा। जब तक आप चुनाव नहीं हारतीं, तब तक आऊँगा।”
बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने परिवर्तन रैली के चौथे चरण में कूचबिहार के रसमेला ग्राउंड से शुरूआत की। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य राज्य में बुआ-भतीजे का भ्रष्टाचार समाप्त करना है। इसके अतिरिक्त यात्रा का उद्देश्य राज्य में घुसपैठ, बेरोजगारी, बम धमाकों और किसानों की स्थिति में बदलाव लाना है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “मैं कहना चाहता हूँ कि ये लड़ाई भाजपा को मजबूत बनाने की नहीं है। ये लड़ाई ममता दीदी को उखाड़ फेंकने की नहीं है, बल्कि ये लड़ाई हमारे बंगाल को सोनार बांग्ला बनाने की है।”