Tuesday, June 17, 2025
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योगी सरकार का पूर्व सैनिकों के लिए 5% आरक्षण का ऐलान, ₹25 लाख से बढ़कर ₹50 लाख होगी बलिदानियों के परिवार को मिल रही आर्थिक मदद

5% आरक्षण के अलावा, उत्तर प्रदेश के मूल निवासी भारतीय सेना, केंद्रीय अर्द्ध सैन्य बलों/प्रदेशों के अर्द्ध सैन्य बलों के बलिदानियों के परिवार को दी जा रही ₹25 लाख की अनुग्रह आर्थिक सहायता बढ़ाकर ₹50 लाख की गई है।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के पूर्व सैनिकों को अहम पदों पर चयनित होने का बड़ा अवसर दिया है। योगी सरकार ने ऐलान किया है कि ग्रुप ‘B’ के पद पर पूर्व सैनिकों को 5% आरक्षण दिया जाएगा। सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से बताया गया कि थल सेना, नौसेना, वायु सेना- तीनों सेवाओं से सेवानिवृत्त और पूर्व सैन्यकर्मी 5% आरक्षण के पात्र होंगे।

यूपी सरकार का इस फैसले पर कहना है कि यह आरक्षण प्रत्येक श्रेणी में क्षैतिज रूप से प्रदान किया जाएगा। इस फैसले से भारतीय सेना के भूतपूर्व अधिकारियों तथा कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और उनके परिवार को प्रभावी संबल प्राप्त होगा।

नौकरी के पात्र होने के लिए, उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना जरूरी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक सरकारी प्रवक्ता ने इस पर बताया है कि, यह कदम पूर्व अधिकारियों और कर्मियों को प्रोत्साहित करेगा और उनके परिवारों की आर्थिक रूप से मदद करेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश भी रक्षा सेवाओं में अधिकांश लोगों को भेजता है और वर्तमान में, राज्य में बड़ी संख्या में पूर्व सैन्यकर्मी रहते हैं।

इसके अलावा यह भी घोषणा हुई कि यूपी के मूल निवासी भारतीय सेना, केंद्रीय अर्द्ध सैन्य बलों/प्रदेशों के अर्द्ध सैन्य बलों के बलिदानियों के परिवार को दी जा रही ₹25 लाख की अनुग्रह आर्थिक सहायता बढ़ाकर ₹50 लाख की गई है।

प्रवक्ता ने बताया कि सरकार वीरगति प्राप्त हुए जवानों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी प्रदान कर रही है। यह निर्णय लिया गया है कि किसी भी रक्षा सेवाओं और अर्धसैनिक बल से जुड़े 1 अप्रैल 2017 के बाद वीरगति प्राप्त हुए सैनिक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।

इस आशय से संबंधित एक आदेश 19 मार्च, 2018 को जारी किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकारों के शासन में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। वहीं योगी सरकार के ट्विटर पर भी जानकारी दी गई कि इससे पहले वीरगति प्राप्त सैनिकों एवं अर्द्धसैनिक बलों के आश्रितों को शासकीय सेवा में लिए जाने की कोई व्यवस्था नहीं थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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