Wednesday, November 13, 2024
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‘न्यायपालिका और EC से लोगों की आवाज़ दबाती है मोदी सरकार’: चीन-Pak पर भी राहुल गाँधी को केंद्रीय मंत्री ने पढ़ाया इतिहास

"लोकसभा में राहुल गाँधी ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार चीन और पाकिस्तान को करीब लेकर आई है। शायद, उन्हें एक क्रम में इतिहास का पाठ पढ़ने की जरूरत है।"

संसद के बजट सत्र में बोले हुए कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने न्यायपालिका का भी अपमान कर डाला। उन्होंने कह डाला कि न्यायपालिका, चुनाव आयोग और पेगासस – ये वो माध्यम हैं, जिनका इस्तेमाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने लोगों की आवाज को दबाने के लिए किया। केन्द्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने उनके इस बयान की नींद की है। उन्होंने कहा कि न सिर्फ भारत के कानून मंत्री के रूप में, बल्कि एक सामान्य नागरिक के रूप में भी वो न्यायपालिका और EC को लेकर राहुल गाँधी के कहे शब्दों की निंदा करते हैं।

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका और चुनाव आयोग हमारे लोकतंत्र के महत्वपूर्ण संस्थान हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी को अपने इस बयान के लिए न्यायपालिका और चुनाव आयोग से माफी माँगनी चाहिए। बता दें कि राहुल गाँधी केरल के वायनाड से सांसद हैं। इसके अलावा चीन और पाकिस्तान के मुद्दे पर भी उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को घेरना चाहा, लेकिन केन्द्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें आईना दिखाया है और तथ्यों से अवगत कराया है।

उन्होंने कहा, “लोकसभा में राहुल गाँधी ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार चीन और पाकिस्तान को करीब लेकर आई है। शायद, उन्हें एक क्रम में इतिहास का पाठ पढ़ने की जरूरत है। 1963 में पाकिस्तान ने अवैध रूप से शाख्सगाम घाटी को चीन को सौंप दिया था। चीन ने 1970 के दशक में काराकोरम हाइवे का निर्माण ‘पाक अधिकृत कश्मीर (POK)’ से होकर किया गया। उसी समय से इन दोनों देशों ने परमाणु क्षेत्र में भी अपना गठबंधन शुरू कर दिया था।”

केन्द्रीय विदेश मंत्री ने याद दिलाया कि कैसे 2013 में ‘चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरीडोर’ की शुरुआत हुई। उस समय केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए-2 की सरकार चल रही थी। उन्होंने राहुल गाँधी को खुद से ये सवाल पूछने की सलाह दी कि क्या तब चीन और पाकिस्तान एक-दूसरे के दूर थे। राहुल गाँधी ने ये आरोप भी लगाया कि अबकी गणतंत्र दिवस पर भारत एक विदेशी अतिथि तक नहीं ला पाया। एस जयशंकर ने याद दिलाया कि सेंट्रल एशियाई देशों के जो 5 राष्ट्रपति आने वाले थे, उन्होंने 27 जनवरी को एक वर्चुअल समिट में भारत के साथ हिस्सा लिया। उन्होंने पूछा कि क्या राहुल गाँधी ने ये भी मिस कर दिया?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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