मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस नेता आजकल मीडिया के जरिए एक-दूसरे को पाठ पढ़ा रहे हैं। इस कड़ी में राज्य के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने मौजूदा मुख्यमंत्री कमलनाथ को ट्विटर के जरिए सच्चा गोभक्त बनने के नुस्खे बताए हैं। दिग्विजय सिंह ने अपने एक ट्वीट में भोपाल हाईवे की तस्वीरें शेयर की और कहा कि यहाँ आवारा गोमाता बैठती हैं और लगभग हर दिन एक्सीडेंट से मर जाती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री को जवाब देते हुए कमलनाथ ने ट्वीट कर बताया कि दिग्विजय सिंह जिस मामले पर उनका ध्यान केंद्रित करवा रहे हैं, उस पर काम करने के लिए वे पहले से प्रयासरत हैं।
दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ को टैग करते करते हुए 2 ट्वीट किए। एक में उन्होंने भोपाल हाईवे की तस्वीर डाली और लिखा, “यह चित्र है भोपाल इंदौर हाइवे का है, जहॉं आवारा गोमाता बैठी रहती हैं और लगभग हर दिन ऐक्सीडेंट में मर जाती हैं। कहॉं हैं हमारे गोमाता प्रेमी गोरक्षक? मप्र शासन को तत्काल इन आवारा गोमाता को सड़कों से हटा कर गोअभ्यारण्य या गोशालाओं में भेजना चाहिए।“
यह चित्र है भोपाल इंदौर हायवे का जहॉं आवारा गऊ माता बैठी रहती हैं और लगभग हर दिन ऐक्सिडेंट में मर जाती हैं। कहॉं हैं हमारे गौ माता प्रेमी गौ रक्षक? मप्र शासन को तत्काल इन आवार गौ मात को सड़कों से हटा कर गौ अभ्यरण या गौ शालाओं में भेजना चाहिये। pic.twitter.com/LC6sxPq9Xr
— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 11, 2019
इसके तुरंत बाद उन्होंने दूसरा ट्वीट किया और लिखा, “यदि कमलनाथ जी आपने तत्काल ऐसा कर के दिखा दिया तो आप सच्चे गोभक्तों में गिने जाएँगे और तथाकथित भाजपाई नेताओं को नसीहत मिलेगी।“
यदि कमल नाथ जी आपने तत्काल ऐंसा कर के दिखा दिया तो आप सच्चे गौ भक्तों में गिने जायेंगे, और तथा कथित भाजपाई नेताओं को नसीयत मिलेगी।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 11, 2019
इस ट्वीट का सीएम कमलनाथ ने नौ घंटे बाद जवाब दिया। कहा कि वे पहले से ही इस कार्य को करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि अभी कुछ दिन पूर्व ही उन्होंने इस विषय पर चिंता जताते हुए अधिकारियों को एक कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है। उनके अनुसार मध्य प्रदेश में 1,000 गोशालाओं के निर्माण का कार्य प्रगति पर है। उनका कहना है कि अगले साल तक 3,000 गोशालाएँ बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिससे गायों के सड़कों पर बैठने पर कमी आएगी। उनके मुताबिक गाय उनके लिए सियासी मुद्दा नहीं है।
बता दें कि इन ट्वीट्स के बाद सोशल मीडिया पर लोग मध्य प्रदेश की राजनीति पर तरह-तरह की चुटकी ले रहे हैं। लोगों का कहना है कि दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच ही एक-दूसरे को गलत दिखाने की होड़ लगी हुई है। अगर ऐसा रहा तो विपक्ष क्या करेगा?
ये क्या कभी @digvijaya_28 और @OfficeOfKNath तो कभी @JM_Scindia और @CMMadhyaPradesh आपस में रेस-टीप खेल रहे। अरे भाई, लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्ष की अहम भूमिका होती है। विपक्ष को भी खेलने का मौका दें। @ChouhanShivraj@bhargav_gopal https://t.co/zAUmyG91qs
— प्रभु पटैरिया (@PrabhuPateria) October 11, 2019
लोगों का पूछना है कि अगर आपस में ही बात करनी है तो फोन पर बात नहीं कर सकते हैं? ये सब क्या चल रहा है?
क्या चल रहा है ये सब?
— लगभग आशुतोष (@Rahul0427111) October 11, 2019
फ़ोन पर बात नहीं कर सकते क्या? ये सबके सामने ढिंढोरा पीट कर क्यों पार्टी को शर्मिंदा कर रहे हो?
यूजर्स कह रहे हैं कि गोमाता की चिंता कर रहे हो, लेकिन जो व्यापमं में मरे, मंदसौर की फायरिंग में मरे, फर्जी जेल ब्रेक में मरे? सब ठंडे बस्ते में है!
गौ माता की चिंता, और जो व्यापम में मरे, मंदसौर फायरिंग में मरे, फर्जी जेल ब्रेक में मरे?
— Chandeshwar Prasad (@cprasadmuz) October 11, 2019
सब ठंढे बस्ते में!
इसके अलावा एक यूजर ने दोनों नेताओं को सलाह दी है कि वे काम करें, नहीं तो पंचायत चुनाव में सब पता चल जाएगा, जब सारे सरपंच भाजपा के बनेंगे।
kaam kro nhi to abhi Panchayat चुनाव में सब pta chal Jayega,jab sarpach Sare bjp k bnege tab ,,or tum sab BHI inko bata do kaam nhi to vote nhi,,sab Apne vote fr bjp KO de sakte h,, vacancies bharo
— sunil karanjia (@SunilKaranjia) October 11, 2019