उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार 14वें साल शुक्रवार को दिवाली का त्यौहार मनाने के लिए वनटांगिया समुदाय के बीच पहुँचे हैं। वे साल 2007 से ही जंगल तिकोनिया नंबर-3 में बसे पाँच गाँवों में रहने वाले वनटांगिया समुदाय के साथ दिवाली मनाते आ रहे हैं।
संकल्प शक्ति के उजास से वनटांगिया समुदाय का जीवन प्रगति एवं समृद्धि के आलोक से आलोकित हो रहा है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 14, 2020
आज सभी वनटांगिया ग्राम उत्कर्ष एवं उन्नयन के अप्रतिम उदाहरण हैं।
उत्तर प्रदेश के वनटांगिया समुदाय के मध्य दीपावली पर्व में सहभागी बनना मेरे लिए सदैव सुख एवं संतोष का कारक रहा है। pic.twitter.com/9I44C1yhFv
अयोध्या में भव्य दीपोत्सव के कार्यक्रम के बाद सीएम योगी सीधा गाँव पहुँचे। उन्होंने अनोखे तोहफे के तौर पर गाँव में विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। उन्होंने वनटंगिया परिवारों के लिए करीब 65 लाख रूपए की विकास परियोजनाओं का दिवाली गिफ्ट दिया है।
गोरखपुर के वनटांगिया गाँव जंगल तिनकोनिया नंबर 3 में पहुँचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 22.39 लाख रुपए के कार्यों का लोकार्पण और 42.93 लाख रुपए की सड़क, नाली और बिजली से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया।
निर्धनों के जीवन में खुशहाली लाना ही दीपावली की सार्थकता है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 14, 2020
"सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास" के मंत्र पर चलते हुए हम विकास की योजनाओं का लाभ सभी को पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित हैं।
इस प्रक्रिया में क्रम आगे-पीछे हो सकता है किन्तु समाज का एक भी व्यक्ति इससे वंचित नहीं रहेगा। pic.twitter.com/0C3v2yMmF3
सीएम ने परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को उपहार भी दिए। पुष्टाहार योजना के तहत 10 लाभार्थियों को ड्राई राशन पैकेट व वनटांगिया स्कूल के 10 बच्चों को अपने हाथों से स्कूल ड्रेस, स्वेटर वितरित किया। वनटांगिया गाँव के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का स्वीकृति पत्र भी सौंपा गया। मुख्यमंत्री ने वनटांगिया गाँव का भ्रमण कर विकास कार्यों का जायजा लिया।
अधिक जानकारी के लिए बता दें सीएम ने गाँव में खड़ंजा सड़क, रामगढ़ वनटांगिया ग्राम में आँगनबाड़ी केंद्र के भवन का लोकार्पण किया है। वहीं जंगल तिनकोनिया नंबर-3 में सामुदायिक शौचालय, पंचायत भवन, खड़ंजा सड़क कार्यों का शिलान्यास किया।
स्वाधीनता के 70 वर्षों तक विद्यालय दर्शन से भी वंचित रहने वाले वनटांगिया समुदाय के बच्चे आज सुव्यवस्थित ढंग से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
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सदैव की भांति आज दीपावली के पावन अवसर पर वनटांगिया बच्चों को पुस्तकें, मिठाई आदि भेंट कर आत्मिक संतोष की अनुभूति हो रही है।
जय श्री राम! pic.twitter.com/iaTb8laeNg
बता दें वनटांगिया समुदाय सीएम योगी के लिये विशेष स्थान रखता है। आजादी के 70 साल बाद भी यह समुदाय उपेक्षित था। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही वनटांगिया गाँव को राजस्व गाँव का दर्जा दिलाया तो साथ ही मतदान का अधिकार भी दिलवाया।
इस दौरान वनटांगियों के संघर्ष को याद करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ भावुक भी नजर आए। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि देश को आजादी 1947 में ही मिल गई लेकिन वनटांगियों को वास्तविक आजादी पाने में उसके बाद भी सत्तर साल लग गए। यहाँ से जिला मुख्यालय पहुँचने में भले ही सत्तर मिनट से कम समय लगे लेकिन वनटांगिया लोगों को अपना हक पाने के लिए सत्तर साल का इंतज़ार करना पड़ा।
सीएम योगी ने वनटांगियों से निम्न प्रमुख बातें रखी:-
◆ सीएम ने कहा कि, सीधे अयोध्या धाम से आ रहा हूँ। वहाँ की दीपावली आप सब ने देखी होगी। पर्व किस उल्लास और खुशी के साथ मनानी चाहिए ये आपने कल देखा होगा। आज एक दीप शहीदों के नाम जलाइएगा। 492 साल बाद आज अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कोई रोक नहीं पाएगा। डिजिटल दिवाली भी मना सकते हैं।
◆प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर 3.5 साल से शिलान्यास का कार्यक्रम चल रहा है। शासन की योजनाओं का लाभ पहुँचने में यहाँ 70 साल लग गए। 70 मिनट में अब पैदल मुख्यालय तक पहुँच सकते हैं। मैं यहाँ से भलीभाँति परिचित था। इसलिए साथ के लोगों ने यहाँ प्लान किया। वनटांगिया गाँव में झोपड़ी में बैठना पड़ता था। आज यहाँ पक्का मकान बन गया है। यही सच्ची दिवाली है। 4 साल में आज हर सुविधा केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है। इससे अच्छी दीपावली नहीं हो सकती है।
◆विकास की योजनाओं में किसी भी तरह की जाति, मजहब को आधार नहीं बनाया गया। कोई वंचित नहीं रहेगा। बिजली और अन्य योजनाओं का लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुँचे। ये हर आम आदमी को सोचना चाहिए। लाभ की योजनाओं की जानकारी सांसद, विधायक और जन प्रतिनिधि को तो होती है। आम आदमी को भी होनी चाहिए। कोई प्रधानमंत्री आवास योजना में कोई गड़बड़ी करना चाहेगा तो नहीं कर पाएगा। शौचालय हर घर में होगा। किसी ने सोचा नहीं था। हर घर में शौचालय 2 करोड़ 61 लाख शौचालय 2.5 वर्ष में दिया।
◆इंसेफेलाइटिस को लेकर पूर्वी यूपी में बहुत से आंदोलन हुए। इंसेफेलाइटिस से गरीब का बच्चा मरता था। 1977 से लेकर 2017 तक कम से कम 50000 बच्चों की मौत हुई। हर साल 1000 से 1500 बच्चों की मौत होती थी। इस वर्ष सिर्फ 21 मौत हुई है। इसे भी जल्द खत्म कर देंगे।
गौरतलब है कि आजादी के 70 साल बाद जब गाँव में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान के साथ बिजली पहुँची तो शिक्षा की अलख भी जग गई। सरकारी और मूलभूत सुविधाओं ने गाँव की तस्वीर ही बदलकर रख दी। वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा की तरह कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए गाँव वालों के साथ दिवाली का उत्सव मनाने पहुँचे थे।