कोयला घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ममता बनर्जी के भतीजे व तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी सोमवार (6 सितंबर) को दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुए। रविवार (5 सितंबर) को दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले टीएमसी सांसद ने कोलकाता हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा कि अगर वह दोषी साबित होते हैं तो ‘सार्वजनिक रूप से फाँसी’ लगा लेंगे। बनर्जी ने भाजपा पर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव हारने के बाद राजनीतिक प्रतिशोध लेने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा, ”जैसा कि मैंने नवंबर में जनसभाओं में जो कहा था, मैं दोहराता हूँ कि अगर कोई केंद्रीय एजेंसी 10 पैसे के भी किसी अवैध लेन-देन में मेरी संलिप्तता साबित करती है तो सीबीआई या ईडी की जाँच की कोई आवश्यकता नहीं होगी, मैं मंच पर खुद को सार्वजनिक रूप से फाँसी पर लटका लूँगा।”
अभिषेक बनर्जी ने कहा, “मैं किसी भी तरह की जाँच का सामना करने के लिए तैयार हूँ। चुनाव हारने और तृणमूल कॉन्ग्रेस से राजनीतिक रूप से निपटने में नाकाम रहने के बाद वे (भाजपा नेता) अब बदला लेना चाहते हैं।” टीएमसी सांसद ने आगे कहा कि बीजेपी का एकमात्र उद्देश्य जाँच एजेंसियों का इस्तेमाल करके अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकना है।
वहीं, इस मामले में ईडी ने अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा को भी एक सितंबर को पूछताछ के लिए दिल्ली तलब किया था, लेकिन रुजिरा ने कोरोना महामारी का हवाला देकर दिल्ली जाने से मना कर दिया था। उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर कोलकाता में ही अधिकारियों के समक्ष पेश होने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।
बता दें कि कोयला घोटाला मामले में सीबीआई पिछले साल से अभिषेक बनर्जी के कई करीबियों के खिलाफ छापेमारी कर रही है। दिसंबर 31, 2020 को कोलकाता में तृणमूल यूथ कॉन्ग्रेस के जनरल सेक्रेटरी विनय मिश्रा के खिलाफ पशु तस्करी और अवैध कोयला खनन के मामले में तलाशी अभियान चलाया गया था और उनके खिलाफ एजेंसी ने लुकआउट नोटिस तक जारी किया था। ED ने अप्रैल 7, 2021 को इसका खुलासा किया। पश्चिम बंगाल के पुलिस अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा, जो बाँकुड़ा पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर इंचार्ज हैं, उनको कस्टडी में लेने के लिए एक स्पेशल कोर्ट में दायर किए गए रिमांड नोट में ये दावा किया गया था। उक्त पुलिस अधिकारी के साथ TMC यूथ विंग के नेता विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा को भी गिरफ्तार किया गया था।