Saturday, July 27, 2024
Homeबड़ी ख़बरकॉन्ग्रेस के 'चौकीदार चोर है' के प्रसारण पर चुनाव आयोग ने लगाया बैन

कॉन्ग्रेस के ‘चौकीदार चोर है’ के प्रसारण पर चुनाव आयोग ने लगाया बैन

चौकीदार के नाम से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रसिद्ध हैं, जिन्हें विज्ञापन में चोर बताया गया है। अपील में कहा गया कि न सिर्फ यह अपमानजनक है बल्कि संविधान का उल्लंघन भी है।

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान आज जारी हैं। इसी बीच मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस के ‘चौकीदार चोर है’ शीर्षक से प्रस्तुत किए गए विज्ञापनों के प्रसारण पर रोक लगा दी गई है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव की अध्यक्षता वाली कमिटी ने इन विज्ञापनों के प्रसारण की अनुमति को निरस्त करने का फैसला लिया है। भारतीय जनता पार्टी ने इन विज्ञापनों के प्रसारण को रोकने की अपील की थी।

भारतीय जनता पार्टी की ओर से शांतिलाल लोढ़ा ने आपत्ति उठाई थी कि विज्ञापन में अपमानजनक और व्यक्ति को बदनाम करने वाली भाषा का उपयोग किया गया है। उन्होंने अपनी अपील में यह भी कहा था कि चौकीदार के नाम से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रसिद्ध हैं, जिन्हें विज्ञापन में चोर बताया गया है, जो कि अपमानजनक है।

अपील के अनुसार, “किसी भी विज्ञापन में किसी भी व्यक्ति विशेष के नाम से आरोप नहीं लगाए जा सकते हैं, यह संविधान का भी उल्लंघन है। विज्ञापन से प्रधानमंत्री और उनके कार्यालय को ठेस पहुँची है। कॉन्ग्रेस ने यह भी नहीं बताया है कि ‘चौकीदार चोर’ से आशय उनका किस व्यक्ति से है? इसलिए इस विज्ञापन को निरस्त किया जाए।”

स्थानीय मीडिया में विज्ञापन पर बैन लगाए जाने की संभावना पर प्रकाशित रिपोर्ट

भाजपा की आपत्ति पर प्रदेश कॉन्ग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने यह तर्क दिया था कि ‘चौकीदार चोर है’ से आशय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नहीं है। हालाँकि, वे यह स्पष्ट नहीं कर पाईं कि उनका आशय आखिर है किससे?

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और राज्य स्तरीय मीडिया प्रमाणन तथा अनुवीक्षण समिति के अध्यक्ष वीएल कांताराव ने संबंधित ऑडियो और वीडियो विज्ञापन को किसी भी माध्यम से प्रचार-प्रसार करने पर रोक लगा दी है। उन्होंने इन्हें जमा करवाने का आदेश देने के साथ यह भी कहा कि राज्य स्तरीय विज्ञापन प्रमाणन समिति ने जो विज्ञापन आदेश जारी किए थे, उनको निरस्त करते हुए अपील स्वीकार की जाती है। इस आदेश से असंतुष्ट होने पर अपील उच्चतम न्यायालय में की जा सकती है।

निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा जारी आदेश की प्रति
Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -