Sunday, September 29, 2024
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आयुर्वेद की शरण में पहुँचे राहुल गाँधी, 121 साल पुरानी वैद्यशाला में करा रहे हैं घुटने का इलाज; ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से शुरू हुआ था दर्द

इलाज से पहले राहुल गाँधी ने वैद्यशाला परिसर में बने श्री विश्वंभर मंदिर में पूजा की थी। यह मंदिर आयुर्वेद के जनक और देवताओं के चिकित्सक भगवान धन्वंतरि को समर्पित है। भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।

कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी (Congress Leader Rahul Gandhi) केरल के मलप्पुरम में अपने घुटने का इलाज करा रहे हैं। यहाँ वह 121 साल पुराने आयुर्वेदिक संस्थान कोट्टक्कल आर्य वैद्यशाला में भर्ती हैं। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान उन्हें घुटने में दर्द की शिकायत हुई थी। बीते एक सप्ताह से इलाज करवा रहे राहुल गाँधी को वैद्यशाला से शनिवार (29 जुलाई 2023) को छुट्टी मिलेगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोट्टक्कल आर्य वैद्यशाला के पी. मदनवनकुट्टी वेरियर और के. मुरलीधरन के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम राहुल गाँधी के इलाज में जुटी हुई है। इलाज से पहले राहुल गाँधी ने आर्य वैद्यशाला परिसर में बने श्री विश्वंभर मंदिर में पूजा-अर्चना भी की थी। 

यह मंदिर आयुर्वेद के जनक और और देवताओं के चिकित्सक भगवान धन्वंतरि को समर्पित है। भगवान धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। केरल के मलप्पुरम स्थित वैद्यशाला में इलाज कराने के लिए आने वाले सभी रोगी सबसे पहले इस मंदिर में जरूर दर्शन करते हैं।

ज्ञात हो कि घुटने का इलाज कराने के लिए राहुल गाँधी 22 जुलाई 2023 को कोट्टक्कल पहुँचे थे। इस दौरान कॉन्ग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, विधायक अनिल कुमार और मलप्पुरम जिला कॉन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वीएस जॉय भी उनके साथ थे। राहुल गाँधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा की थी। इसी दौरान उनके घुटनों में दर्द होना शुरू हो गया था।

केरल के कोटक्कल में स्थित आर्य वैद्यशाला की वेबसाइट के अनुसार, यह संस्थान एक सदी से भी अधिक पुराना है। साल 1902 में वैद्यरत्नम पीएस वारियर ने इसकी स्थापना की थी। आरंभ में यह वैद्यशाला एक छोटे क्लीनिक के रूप में शुरू हुई थी। अब यह बड़े संस्थान में बदल चुका है।

इसकी दवाइयों की माँग भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है। कोट्टक्कल, कांजीकोड और नंजनगुड में आर्य वैद्यशाला की मेडिसिन मैनुफैक्चरिंग यूनिट हैं, जिसमें 550 से भी ज्यादा आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण किया जाता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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