प्रदर्शनकारी वामपंथी छात्रों का समर्थन करने के लिए मंगलवार (7 जनवरी 2020) को दीपिका पादुकोण जेएनयू पहुँची। हालाँकि भीड़ में नज़र आई दीपिका ने इस दौरान सार्वजनिक तौर पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन इस मामले ने सोशल मीडिया पर तूल पकड़ लिया। वामपंथी खेमा इसके लिए दीपिका पर फ़िदा हो गया। वहीं अधिकतर सोशल मीडिया यूजर्स इसे पीआर स्टंट करार दे रहे। ऐसा क्यों कहा गया? आइए जानें…
लोकतांत्रिक भारत में आम नागरिकों की तरह बॉलीवुड कलाकारों को भी अपनी राजनैतिक राय रखने और किसी एक विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता दिखाने का पूरा अधिकार है। लेकिन, ये भी सच है कि फिल्म की रिलीज डेट नजदीक आते-आते कलाकार अपनी फिल्म प्रमोशन के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं। जैसे शाहरुख खान ने अपनी रईस फिल्म का प्रमोशन करने के लिए मुंबई से दिल्ली आने वाली ट्रेन में सफर किया था। उसी तरह दीपिका ने भी अपनी नई फिल्म ‘छपाक’ के रिलीज से ठीक पहले ये स्टंट किया। वे जेएनयू में छात्रों पर हुई हिंसा के विरोध-प्रदर्शन में पहुँची। लेकिन यहाँ उन्होंने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान पीड़ित बच्चों से मिलकर पूरा मामला जानने-समझने की बजाए, जेएनयू अध्यक्ष आइशी घोष से और उनके दोस्तों से मिलना उचित समझा।
कुछ पाठक कह सकते हैं कि दीपिका की मंशा को सोशल मीडिया पर जानबूझकर पीआर स्टंट बताकर पेश किया जा रहा है। लेकिन, सच्चाई यही है। इसका खुलासा तब हुआ जब बीबीसी पंजाबी सोशल मीडिया पर प्रदर्शन में पहुँची दीपिका की एक फोटो अपने ट्वीट में डालता है। साभार ‘स्पाइस पीआर’ को देता है। इसके बाद साफ हो गया कि ये रैंडम क्लिक के नाम पर पीआर का हिस्सा है।
गौरतलब है कि दीपिका साल 2019 से स्पाइस पीआर की क्लाइंट हैं और साथ ही अपनी आने वाली फिल्म ‘छपाक’ की को-प्रोड्यूसर भी हैं। प्रदर्शन में पहुँचने के बाद इसका कन्हैया कुमार ने प्रचार भी किया।
More power to you @deepikapadukone and thank you for your solidarity and support. You might be abused or trolled today, but history will remember you for your courage and standing by the idea of India. pic.twitter.com/q9WkXODchL
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) January 7, 2020
साथ ही इस पीआर स्टंट के लिए दीपिका को सीमा पार से भी समर्थन मिला है। पाकिस्तान ने उनकी पीट थपथपाई है। पाकिस्तान आर्मी के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने खुद ट्वीट कर उनकी प्रशंसा की है।
हालाँकि कुछ समय बाद ही गफूर ने अपना ये ट्वीट डिलीट कर दिया। मगर, इससे पहले साफ हो गया कि जेएनयू जाने के पीछे कोई वैचारिक प्रतिबद्धता नहीं थी, बल्कि ये सिर्फ़ प्रचार-प्रसार की पैंतरेबाज़ी थी। इस पर दीपिका पादुकोण खरी उतरीं और अब लोग उन्हें ‘वुमेन ऑफ स्टील’ तक कह रहे हैं।
Woman of steel! #ISupportDeepika
— Rofl Republic ?? (@i_theindian) January 7, 2020
Reel Life Real Life pic.twitter.com/roH8HAEvcl
गौरतलब है कि दीपिका के इस कदम के पीछे छिपी मंशा का खुलासा होने के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि दीपिका पादुकोण से नाराज होने की जरूरत नहीं हैं। वो आज तक जिसके साथ खड़ी दिखाई पड़ी, उसकी नैया डूब गई। पढ़िए ऐसा ही एक कमेंट;
पाकिस्तान से सराहना पाने वाली दीपिका पादुकोण के पसंदीदा नेता भी पड़ोसी मुल्क को खूब भाते हैं। ये हैं कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गॉंधी। राहुल के बयानों का इस्तेमाल पाकिस्तान कई बार वैश्विक मंचों पर भारत को घेरने के लिए कर चुका है। 2010 में डीडी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में दीपिका ने राहुल गॉंधी को प्रधानमंत्री के तौर पर देखने की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा था कि राहुल जो देश के लिए कर रहे हैं वह नौजवानों के लिए क्लासिक उदाहरण है। इस इंटरव्यू में वह बीएसएनएल का एंबेसडर होने से खुद के हुए प्रचार का भी जिक्र करती हैं।