केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की तरफ से दायर मानहानि मामले में दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार (29 जुलाई 2022) को कॉन्ग्रेस नेताओं जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूजा को समन जारी किया है। स्मृति ईरानी ने उनकी और उनकी बेटी जोइश ईरानी के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए कॉन्ग्रेस नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराते हुए 2 करोड़ रुपए से अधिक हर्जाने की माँग की है।
Illegal Bar row: Delhi High Court issues summons to Congress leaders Jairam Ramesh, Pawan Khera and Netta D’souza in civil suit filed by Union Minister Smriti Irani
— ANI (@ANI) July 29, 2022
जस्टिस मिनी पुष्कर्ण ने कॉन्ग्रेस के तीन नेताओं को ईरानी एवं उनकी बेटी के खिलाफ लगे आरोपों के संबंध में सोशल मीडिया पर किए गए ट्वीट, रीट्वीट, पोस्ट, वीडियो और फोटो हटाने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि अगर यह नेता 24 घंटे के भीतर उसके निर्देशों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब को सामग्री को हटाना होगा।
“The Delhi High Court has issued notice asking us to formally reply to the case filed by Smriti Irani. We look forward to presenting the facts before the court. We will challenge and disprove the spin being put out by Ms. Irani,” tweets Congress leader Jairam Ramesh pic.twitter.com/KMt1AW82Yv
— ANI (@ANI) July 29, 2022
समन जारी होने के बाद जयराम रमेश ने ट्वीट किया, “दिल्ली उच्च न्यायालय ने हमें स्मृति ईरानी द्वारा दायर मामले का औपचारिक जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है। हम अदालत के सामने तथ्यों को पेश करने के लिए उत्सुक हैं। हम ईरानी द्वारा दी जा रही स्पिन को चुनौती देंगे और खारिज करेंगे।”
बता दें कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कॉन्ग्रेस नेताओं- जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूजा को कानूनी नोटिस भेजकर उनकी बेटी पर लगाए आरोपों के लिए माँफी माँगने के लिए कहा था। कॉन्ग्रेस नेताओं के आरोप लगाने के एक दिन बाद ही स्मृति ईरानी ने ये कदम उठाया था। अब दिल्ली होई कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेते हुए समन भेज दिया है।
क्या है मामला?
कॉन्ग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि जोइश ईरानी गोवा में अवैध बार चला रही है। गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और महासचिव जयराम रमेश ने मीडिया अध्यक्ष पवन खेड़ा और गुजरात की अखिल भारतीय महिला कॉन्ग्रेस अध्यक्ष नेट्टा डिसूजा के साथ मिलकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लाइसेंस सिर्फ रेस्टोरेंट रेस्तरां चलाने के लिए मिला था, लेकिन ईरानी की बेटी ने अपने राजनीतिक दबदबे का इस्तेमाल किया।
कॉन्ग्रेस द्वारा जोइश पर लगाए जाने वाले इल्जाम एक RTI पर आधारित थे। ये आरटीआई गोवा के ‘आयर्स रॉड्रिक्स’ नाम के कार्यकर्ता ने डाली थी। रॉड्रिक्स वही हैं जिन पर 2017 में एक महिला ने यौन शोषण तक के आरोप लगाए थे। आयर्स ने ही अपनी आरटीआई के नाम पर गोवा के सिली सोल्स कैफे एंड बार पर झूठ फैलाना शुरू किया। उसने दावा किया कि रेस्टोरेंट को फर्जी ढंग से लाइसेंस मिला जो कि ईरानी परिवार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का सबूत है। उसने ये भी बताया कि एक्साइज विभाग रेस्टोरेंट को नोटिस भेज चुका है। उसके दावे के मुताबिक रेस्टोरेंट में फर्जी कागज देकर शराब का लाइसेंस लिया गया।
24 जुलाई को लिखे नोट में उसने कहा कि रेस्टोरेंट को शराब का लाइसेंस एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर मिला जो अब इस दुनिया में भी नहीं है। इसके बाद उसने कहा कि गोवा में स्मृति ईरानी और अन्य केंद्र के नेताओं द्वारा खरीदी गई ‘बेनामी’ संपत्ति की जाँच होनी चाहिए ताकि सच सामने आए।
स्मृति ईरानी ने किया आरोपों का खंडन
स्मृति ईरानी ने यह कहते हुए कि इन आरोपों का खंडन किया कि कॉन्ग्रेस ने उनकी बेटी के चरित्र पर आक्षेप लगाया और इसे धूमिल किया है। इसके साथ ही उन्होंने कॉन्ग्रेस नेताओं को इस आरोप का सबूत देने की चुनौती दी। भाजपा नेता ने यह भी कहा कि वह अदालत में इसका जवाब माँगेंगी। स्मृति की बेटी जोइश ने भी कॉन्ग्रेस के आरोपों का खंडन किया और कहा कि वह न तो मालकिन थीं और न ही रेस्टॉरेंट चला रही थीं।