Sunday, September 8, 2024
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जिस महिला प्रोफेसर का वामपंथी गुंडों ने बनाया था ‘कब्र’, अब लोकसभा चुनाव में वहीं लेफ्ट को पढ़ाएँगी ‘पाठ’: केरल की अलाथुर से BJP ने टीएन सरासू को बनाया उम्मीदवार

बीजेपी ने रविवार (24 मार्चर 2024) को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की जो पाँचवीं लिस्ट जारी की है, उसमें प्रो. टीएन सरासू का नाम भी है। उन्हें अलाथुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। उनके सामने मौजूदा सांसद और यूडीएफ उम्मीदवार राम्या हरिदास हैं, तो केरल स्टेट देवास्वोम मंत्री और एलडीएफ की कैंडिडेट के राधाकृष्णन की भी चुनौती हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पाँचवीं सूची जारी की है, उसमें केरल की अलाथुर लोकसभा सीट से रिटायर्ट प्रोफेसर टीएन सरासू (Pr. TN Sarasu) का भी नाम है। वो साल 2016 में रिटायर हुई थी और 2019 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई थी। उनके रिटायरमेंट के समय वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े गुंडों ने कॉलेज परिसर में ‘कब्र’ बना दी थी और उनकी फोटो लगाकर उस पर माला-फूल चढ़ा दिए थे। अब वही टीएन सरासू वामपंथियों के गढ़ में उन्हें चुनौती दे रही हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रो टीएन सरासू 134 साल पुराने केरल के पलक्कड़ में स्थित सरकारी विक्टोरिया कॉलेज की प्रिंसिपल रह चुकी हैं। वो साल 2016 में जब रिटायर हुई थी, तो वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई से जुड़े गुंडों ने रिटायरमेंट गिफ्ट के तौर पर उनकी ‘कब्र‘ बनाई थी। उनका रिटायरमेंट 31 मार्च 2016 को हुआ था और उसी दिन छात्रों के वेश में वामपंथी गुंडों ने उस हरकत को अंजाम दिया था। तब प्रो टीएन सरासू ने इसे आल केरल गवर्नमेंट कॉलेट टीचर्स एसो के इशारे पर हुआ बताया था। ये एसोसिएशन लेफ्ट विंग से जुड़ा है।

बीजेपी ने रविवार (24 मार्चर 2024) को लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की जो पाँचवीं लिस्ट जारी की है, उसमें प्रो. टीएन सरासू का नाम भी है। टीएन सरासू को वामपंथियों का गढ़ मानी जाने वाली अलाथुर लोकसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा गया है। उनके सामने मौजूदा सांसद और यूडीएफ उम्मीदवार राम्या हरिदास हैं, तो केरल स्टेट देवास्वोम मंत्री और एलडीएफ की कैंडिडेट के राधाकृष्णन से भी पार पाने की चुनौती उनके सामने हैं। उनके मैदान में आने से अलाथुर लोकसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।

प्रो टीएन सरासू को उनके कड़क स्वभाव और अनुशासन के कारण जाना जाता है। उन्होंने अपने 27 साल के करियर में विक्टोरिया कॉलेज में सख्त प्रशासक और उदार प्रोफेसर की छवि बनाई थी। हालाँकि साल 2016 में जब उनका रिटायरमेंट आया, तो रिटर्न गिफ्ट के तौर उन्हें उनकी ही कब्र मिली।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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