Sunday, September 8, 2024
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500 पन्नों की रिपोर्ट, क्या जाएगी महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता: जानिए TMC सांसद पर कार्रवाई की एथिक्स पैनल ने क्यों की सिफारिश

आचार समिति ने माना है कि महुआ मोइत्रा ने अपनी संसद आईडी 'अनाधिकारिक व्यक्ति' से साझा की। कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से महँगी वस्तुएँ और सुविधाएँ ली। इसे गंभीर दुराचार बताते हुए लोकसभा सदस्यता खत्म करने की सिफारिश की है।

तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोकसभा की आचार समिति (Ethics Committee) ने उनकी सदस्यता खत्म करने की सिफारिश की है। टीएमसी सांसद के खिलाफ जाँच कर रही समिति ने 500 पन्नों की रिपोर्ट पेश की है। मोइत्रा पर कारोबारी से पैसे और गिफ्ट लेकर सवाल पूछने का आरोप है।

महुआ मोइत्रा पर संसद में पैसे लेकर प्रश्न पूछने और संसद पोर्टल की लॉगइन आईडी-पासवर्ड कारोबारी दर्शन हीरानंदानी को देने के आरोप हैं। समिति ने महुआ के इन कामों को गंभीर आपराधिक, संदेहास्पद और अनैतिक बताया है। उसने कहा है कि उन पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। समिति ने महुआ पर लगे आरोपों की जाँच की समयबद्ध तरीके से जाँच करने की अनुसंशा भी की है।

गौरतलब है कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अक्टूबर में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को एक पत्र लिख कर महुआ मोइत्रा के खिलाफ जाँच की माँग की थी। उन्होंने कहा था कि मोइत्रा के पूर्व पार्टनर जय अनंत देहाद्राई ने उन्हें इस विषय से अवगत कराया है।

निशिकांत दुबे ने कहा था कि TMC सांसद ने जितने भी प्रश्न बीते दिनों में लोकसभा में पूछे हैं उनमें से अधिकांश अडानी समूह के विरुद्ध हैं और ऐसा दर्शन हीरानंदानी के व्यापार को फायदा पहुँचाने के लिए किया गया था। यह सब हीरानंदानी से महँगे गिफ्ट और पैसे लेने के बदले किया गया।

समिति ने माना है कि महुआ ने अपनी संसद आईडी ‘अनाधिकारिक व्यक्ति’ से साझा की। महुआ ने दर्शन हीरानंदानी से महँगी वस्तुएँ और सुविधाएँ ली। समिति ने इसे गंभीर दुराचार बताते हुए गंभीर कार्रवाई की सिफारिश की है।

अब इस रिपोर्ट को संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंपा जाएगा। इसके बाद वह महुआ मोइत्रा पर कार्रवाई का निर्णय लेंगे। समिति ने इससे पहले निशिकांत दुबे की शिकायत पर जय अनंत देहाद्राई, महुआ मोइत्रा को पूछताछ के लिए बुलाया था।

महुआ ने पहले समिति के सामने तय तारीख पर पेश होने से इनकार कर दिया था। बाद में जब वह 2 नवम्बर 2023 को समिति के सामने पेश हुईं तो बैठक छोड़ कर चली गईं। महुआ के साथ समिति में शामिल विपक्ष के सांसदों ने भी खूब हंगामा काटा था।

आचार समिति ने महुआ के इस आचरण पर भी प्रश्न उठाए हैं और उनसे सहयोग ना मिलने की बात कही है। यदि समिति की अनुशंसा पर लोकसभा स्पीकर एक्शन लेते हैं तो महुआ की सदस्यता जा सकती है। निशिकांत दुबे की शिकायत के आधार पर लोकपाल ने भी महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जाँच के आदेश दिए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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