Thursday, October 10, 2024
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‘India, That Is Bharat – ये संविधान में भी लिखा है’: ‘भारत’ का विरोध कर रहे विपक्षी दलों को विदेश मंत्री S जयशंकर का जवाब, कहा – पढ़ने के लिए करूँगा आमंत्रित

"देखिए, जब आप 'भारत' शब्द के संदर्भ में बात करते हैं तो उसे समझने के लिए एक ही अर्थ होता है जो उसके साथ ही आता है और वह हमारे संविधान में भी प्रतिबिंबित होता है।"

केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के बाद अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी जी-20 निमंत्रण पत्र पर देश का नाम ‘भारत’ लिखे जाने पर विपक्षी दलों की टिप्पणी का करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि संविधान में ‘इंडिया दैट इज भारत’ का जिक्र है। उन्होंने ये बातें ANI के साथ एक इंटरव्यू में कही।

उन्होंने कहा कि ‘भारत’ शब्द के अर्थ की झलक संविधान में भी दिखती है। दरअसल राष्ट्रपति भवन ने ‘भारत के राष्ट्रपति’ की तरफ से 9 सितंबर को G20 रात्रिभोज के लिए निमंत्रण भेजा था। इसमें ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा था। इस पर ही विपक्षी पार्टियाँ लामबंद होने लगी और इंडिया की जगह भारत शब्द पर एतराज जताने लगी।

S जयशंकर ने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा, “इंडिया, दैट इज़ भारत, यह संविधान में है। मैं सभी को इसे पढ़ने के लिए आमंत्रित करूँगा।” विदेश मंत्री से जब विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया कि क्या सरकार G20 शिखर सम्मेलन के साथ इंडिया को भारत के रूप में प्रतिस्थापित करने जा रही है, इस पर उन्होंने कहा, “देखिए, जब आप ‘भारत’ शब्द के संदर्भ में बात करते हैं तो उसे समझने के लिए एक ही अर्थ होता है जो उसके साथ ही आता है और वह हमारे संविधान में भी प्रतिबिंबित होता है।”

जहाँ एक तरफ विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि सरकार इस शब्द को लेकर इसीलिए ‘ड्रामा’ कर रही है, क्योंकि उन्होंने एकजुट होकर अपने गुट को ‘भारत’ कहा है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं ने सरकार के इस कदम का पुरजोर समर्थन किया है।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्षी दलों से ही उलटा सवाल कर लिया कि देश का राष्ट्रपति भारत का ही राष्ट्रपति होता है तो भारत लिखने में आपत्ति क्यों है? उन्होंने कहा, “मैं भारत सरकार में मंत्री हूँ। इसमें नया कुछ भी नहीं है। G20-2023 (ब्रांडिंग, लोगो) पर भारत और इंडिया दोनों लिखा होगा। तो फिर भारत नाम पर आपत्ति क्यों? भारत से किसी को आपत्ति क्यों है? इससे उनकी मानसिकता का पता चलता है कि वे दिल से इंडिया या भारत के खिलाफ हैं।”

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ‘एक्स (ट्विटर)’ पर राष्ट्रपति की ओर से रात्रिभोज के निमंत्रण की एक तस्वीर पोस्ट की और राष्ट्रगान की कुछ पंक्तियाँ लिखीं। उन्होंने लिखा, “यह पहले ही हो जाना चाहिए था। इससे मन को बहुत संतुष्टि मिलती है। ‘भारत’ हमारा परिचय है। हमें इस पर गर्व है। राष्ट्रपति ने ‘भारत’ को प्राथमिकता दी है। यह औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर आने वाला सबसे बड़ा बयान है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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