Wednesday, September 27, 2023
Homeराजनीति350 बनाम 45: गुजरात पंचायत चुनाव में कॉन्ग्रेस का सूपड़ा साफ़, क्लीन स्वीप करने...

350 बनाम 45: गुजरात पंचायत चुनाव में कॉन्ग्रेस का सूपड़ा साफ़, क्लीन स्वीप करने की ओर बढ़ रही BJP

खबर लिखे जाने तक गुजरात के 6 म्युनिसिपल कॉर्पोरेशंस की 576 सीटों में से 418 के नतीजे आ गए थे और उनमें से 300 भाजपा ने जीत ली थी। कॉन्ग्रेस मात्र 45 पर अटकी हुई है और AAP ने 21 सीटें हासिल की है। राजकोट मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का गृह क्षेत्र है, ऐसे में यहाँ से भाजपा की प्रतिष्ठा भी जुडी हुई थी। वहाँ कॉन्ग्रेस का सबसे बुरा प्रदर्शन रहा है।

गुजरात पंचायत चुनाव में भाजपा का क्लीन स्वीप होता हुआ दिख रहा है। खबर लिखे जाने तक पार्टी ने राजकोट म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में 78 सीटों पर विजय हासिल करने (बढ़त/जीत) की स्थित में है। वहीं कॉन्ग्रेस मात्र 2 सीटों पर आगे है। सूरत में 17 सीटें जीत कर AAP दूसरे नंबर की पार्टी बन कर उभरी है, जबकि भाजपा को 51 सीटें मिली हैं। कॉन्ग्रेस वहाँ भी खाता खोलने की बाट ही जोह रही है।

वड़ोदरा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में भी भाजपा ने 76 में से 44 सीटें जीत कर बहुमत हासिल कर लिया है। वहीं कॉन्ग्रेस को मात्र 7 सीटें मिली हैं। जामनगर में जहाँ भाजपा 40 सीटें जीत गई, कॉन्ग्रेस मात्र 5 सीटों पर अटक गई। बसपा को यहाँ 3 सीटें मिलीं। अहमदाबाद राज्य का सबसे बड़ा कॉर्पोरेशन है और वहाँ भी भाजपा ने 192 में से 60 सीटें जीत कर बहुमत की तरफ कदम बढ़ा दिया है। कॉन्ग्रेस यहाँ भी फिसड्डी है।

खबर लिखे जाने तक गुजरात के 6 म्युनिसिपल कॉर्पोरेशंस की 576 सीटों में से 418 के नतीजे आ गए थे और उनमें से 300 भाजपा ने जीत ली थी। कॉन्ग्रेस मात्र 45 पर अटकी हुई है और AAP ने 21 सीटें हासिल की है। राजकोट मुख्यमंत्री विजय रुपाणी का गृह क्षेत्र है, ऐसे में यहाँ से भाजपा की प्रतिष्ठा भी जुडी हुई थी। वहाँ कॉन्ग्रेस का सबसे बुरा प्रदर्शन रहा है। हाल ही में राज्य की दो राज्यसभा सीटें भी भाजपा के खाते में गई है।

भाजपा के दिनेशचंद्र जमलभाई अननवदिया और रामभाई हरजीभाई मोकरिया ने जीत हासिल की थी। गुजरात की ये दोनों सीटें कॉन्ग्रेस के अहमद पटेल और भाजपा के अभय गणपतराय भारद्वाज के निधन के बाद खाली हो गई थीं। राज्यसभा सांसद रामभाई मोकारिया मारुति कोरियर्स के संस्थापक सीएमडी हैं और राजकोट में भाजपा के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं। रामभाई 1974 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य थे और बाद में 1978 में जनसंघ में शामिल हो गए।

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

वैज्ञानिकों को पहचान दिलाती फिल्म, गिरोह की पोल खोलती फिल्म: पैनी होती विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन की धार, ‘Vintage’ नाना पाटेकर के लिए भी...

'The Vaccine War' क्यों देखें? इसका जवाब होगा - वास्तविकता के उन पहलुओं को समझने के लिए देखिए, जिनका असर आप पर पड़ता है लेकिन आप समझ नहीं पाते।

मणिपुर घोषित किया गया ‘अशांत क्षेत्र’: 19 थानों को छोड़ कर पूरे राज्य में 6 महीने के लिए AFSPA लागू, 2 मैतेई छात्रों की...

मणिपुर में इंफाल सहित 19 पुलिस स्टेशन छोड़कर राज्य के सभी अशांत इलाकों में 6 महीने के लिए 'सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम' लागू कर दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
276,623FollowersFollow
419,000SubscribersSubscribe