खुद को इस्लामोफोबिया के विरुद्ध काम करने वाला एक्टिविस्ट बताने वाले ऑस्ट्रेलियाई लेखक सीजे वर्लमैन ने एक बार फिर से अपनी हिन्दू घृणा का प्रदर्शन किया है। उन्होंने ट्वीट किया, “दुनिया का कोई भी जाति-मजहब-राष्ट्रवादी समूह सेक्स और रेप को लेकर उतना जुनूनी नहीं है, जितने कि हिन्दू राष्ट्रवादी।” उनके इस ट्ववीट को राज्यसभा के पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी ने आगे बढ़ाया। उन्होंने इसे लाइक और रीट्वीट किया।
![](https://i0.wp.com/hindi.opindia.com/wp-content/uploads/sites/6/2021/08/CJ-Werleman-Tweet.jpg?resize=696%2C239&ssl=1)
पाकिस्तान सहित कई देशों के मुस्लिमों ने सीजे वर्लमैन के इस ट्वीट का समर्थन किया। खुद को मानवाधिकार कार्यकर्ता बताने वाले मीर रसूल ने दावा किया कि हिन्दुओं के पुस्तकों में रेप के बारे में लिखा हुआ है। हालाँकि, कई लोगों ने उन्हें आईना भी दिखाया। लोगों ने उन्हें ऐसी कई घटनाएँ दिखाईं, जहाँ मदरसों में मौलवियों द्वारा रेप किया गया। साथ ही ऑस्ट्रेलिया में रेप की घटनाओं पर भी लोगों ने सवाल दागे।
वैसे, ये पहली बार नहीं है जब सीजे वर्लमैन ने इस तरह की हरकत की हो। कुछ ही हफ़्तों पहले सीजे वर्लमैन ने लिखा था, “मैं ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मैच में न्यूजीलैंड का समर्थन कर रहा हूँ। ऐसा इसीलिए, क्योंकि 50 करोड़ हिंदुत्व कट्टरपंथियों को मैं एक सेकेंड के लिए भी खुश नहीं देख सकता। उनके खुश होने से मैं असहज महसूस करता हूँ।” भारत-न्यूजीलैंड में होने वाले WTC फाइनल से पहले उनका ये ट्वीट आया था।
जहाँ तक शाहिद सिद्दीकी की बात है, हाल ही में वायरल हुए उनके एक वीडियो में वो कहते दिखे थे कि उनके जितने भी फंड्स थे, उनमें से एक-एक पैसा उन्होंने मदरसों, स्कूलों और कॉलेजों को दिया। 90 के दशक के अंत में वो कॉन्ग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हुआ करते थे। पेशे से पत्रकार 71 वर्षीय शाहिद सिद्दीकी अभी भी ‘नई दुनिया’ नाम की साप्ताहिक उर्दू पत्रिका के संपादक हैं। वो सपा-बसपा का भी हिस्सा रहे हैं।
अक्सर हिंदू घृणा से सने ट्वीट करने वाले और इस्लामी समर्थक सीजे वेरलेमैन के ऊपर शेखर गुप्ता की वेबसाइट द प्रिंट ने प्रोफाइल किया, उसे एक पत्रकार के रूप में घोषित किया। सच्चाई यह है कि सीजे वर्लमैन एक स्तंभकार है और जगह-जगह अपने लेख छपवाता है।