Saturday, November 16, 2024
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बिहार में तेजस्वी यादव के समर्थन में खड़े वामपंथी दलों ने यूपी की दी दुहाई, कहा- ‘हम हारे तो नहीं बचेगा लोकतंत्र’

अपनी बिहार की चुनावी सभाओं में भी भाकपा नेता दीपांकर भट्टाचार्य भाजपा पर निशाना साधते हुए कहते रहे है कि अगर बिहार में भाजपा की सरकार बनी तो यहाँ भी 'उत्तर प्रदेश जैसे हालात' पैदा हो जाएँगे। उन्होंने कहा कि भाजपा की 'लोकतंत्र विरोधी और फासीवादी' मुहिम को रोकने के लिए माले ने कॉन्ग्रेस और राजद से गठबंधन किया है।

बिहार में वामपंथी अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए फिर से कुलबुलाने लगे हैं। बिहार में जंगलराज का पर्याय मानी जाने वाली राजद के साथ मिल कर महागठबंधन में चुनाव लड़ रहे भाकपा (माले) के नेता दीपांकर भट्टाचार्य लोगों को उत्तर प्रदेश का डर दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा देश में लोकतंत्र ख़त्म कर रही है और वो नहीं जीते तो बिहार में भी यही होगा। उन्होंने कहा कि बिहार में उनकी सरकार नहीं बनी तो वहाँ लोकतंत्र की हत्या हो जाएगी।

‘न्यूज़ 18’ के इंटरव्यू में वामपंथी नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि राजग को ध्वस्त करने के लिए उन्होंने पार्टी हित को किनारे रख कर लालू यादव की पार्टी के साथ गठबंधन किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी न तो कोई वैचारिक समझौता कर रही है और न ही किसी का पिछलग्गू बन रही है। उन्होंने दावा किया कि गठबंधन के 25 पॉइंट चार्टर में भी वामपंथ का प्रभाव है। उन्होंने कहा कि कृषि ऋण माफी, सुरक्षित रोजगार और समान काम के लिए समान वेतन जैसे मुद्दे वामपंथी पहले से उठाते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने 30 सीटों की माँग रखी थी, पर उन्होंने समझौता किया और राजद ने 19 सीटें दी। उन्होंने दावा किया कि उनके पास मजबूत उम्मीदवार और जनाधार है, जिससे वो चुनावी समीकरणों को बदलने की ताकत रखते हैं। भाकपा (माले) के महासचिव ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए दोनों कैडर आधारित दल साथ आए हैं और एक कॉम्पैक्ट और विश्वसनीय गठबंधन बनाया है।

इस दौरान उन्होंने 2015 में महागठबंधन का चेहरा रहे और अब राजग के मुख्यमंत्री उम्मीदवार नीतीश कुमार को अवसरवादी और अविश्वसनीय करार दिया। उन्होंने कहा कि अब महागठबंधन में पाला बदलने वाला कोई नहीं है और यही उनके पक्ष में गेमचेंजर साबित होगा। हालाँकि, उन्होंने जीतन राम माँझी, मुकेश साहनी और उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेताओं के महागठबंधन छोड़ने पर दुःख जताते हुए कहा कि वो रहते तो अच्छा होता।

अपनी बिहार की चुनावी सभाओं में भी भाकपा नेता दीपांकर भट्टाचार्य भाजपा पर निशाना साधते हुए कहते रहे है कि अगर बिहार में भाजपा की सरकार बनी तो यहाँ भी ‘उत्तर प्रदेश जैसे हालात’ पैदा हो जाएँगे। उन्होंने कहा कि भाजपा की ‘लोकतंत्र विरोधी और फासीवादी’ मुहिम को रोकने के लिए माले ने कॉन्ग्रेस और राजद से गठबंधन किया है। दीपांकर ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि भविष्य में तेजस्वी यादव की सरकार बनी तो उसमें माले शामिल नहीं होगी बल्कि बाहर से ‘नजर रखेगी’।

हाल ही में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने ऑपइंडिया से कहा था, “बिहार में हमारा पहले से ही गठबंधन है, बीच में जदयू निकल गए थे, लेकिन फिर वापस आए, तो आज हम काफी मजबूती से नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने के वादे पर ही चुनाव लड़ रहे हैं। और हमें जनता का आशीर्वाद मिलेगा। पहले चरण के चुनाव के बाद पता चलेगा कि बीजेपी और जदयू कॉम्बिनेशन बहुत आगे निकलेगा। HAM और VIP चार पार्टियों का ये गठबंधन मजबूती से लड़ रहा है और निश्चित रूप से जीतेगा।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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