टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने मंगलवार (10 अगस्त 2021) को राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल कर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने के केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन किया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इतने सालों के बाद पदक जीतकर बहुत अच्छा लगा।
It feels great to win a medal after so many years. The last medal we won was before my birth… The govt has taken right decision by renaming the ‘Khel Ratna’ award after Major Dhyan Chand: Indian Men’s Hockey Captain Manpreet Singh on winning bronze at #Tokyo2020 Olympics pic.twitter.com/4O5zdftRcx
— ANI (@ANI) August 10, 2021
पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह द्वारा केंद्र सरकार के इस फैसले का समर्थन करना कॉन्ग्रेस को अच्छा नहीं लगा। खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलने के लिए उनके समर्थन ने कॉन्ग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सहित सोशल मीडिया पर तमाम लोगों को परेशान किया। डॉ शमा मोहम्मद ने ट्विटर पर कहा, “क्या हमारे पुरुष हॉकी कप्तान इस तथ्य से अनजान हैं कि यह राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार था, न कि केवल खेल रत्न पुरस्कार!”
इस बीच कॉन्ग्रेस से हमदर्दी रखने वाले सुमंत रमन ने भी मनप्रीत सिंह के उस बयान पर अपनी नाराजगी जाहिर की, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने के फैसले का समर्थन किया था।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अगस्त 2021 को घोषणा की थी कि अब से राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के रूप में जाना जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा था कि उन्हें देश भर के लोगों से इस पुरस्कार का नाम भारतीय हॉकी के दिग्गज के नाम पर रखने का अनुरोध मिला है। इसलिए उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए नाम को बदल दिया गया है।
खेल रत्न पुरस्कार भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान है। अब तक इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे राजीव गाँधी (ये भी पूर्व प्रधानमंत्री) के नाम पर रखा गया था। एक राजनेता के बजाय एक खेल के दिग्गज के नाम पर पुरस्कार का नाम रखने के लिए नागरिकों द्वारा लंबे समय से माँग की जा रही थी।