इंडियन ओवरसीज कॉन्ग्रेस को फिर से अध्यक्ष बने सैम पित्रोदा ‘हुआ तो हुआ’ बयान को लेकर चर्चा में रहे थे। अब उनके कार्यक्रम में राहुल गाँधी और सैम पित्रोदा से सवाल पूछने पर इंडिया टुडे के पत्रकार के साथ मारपीट की गई है, तो वो ये कह कर अपना पीछा छुड़ा रहे हैं कि मारपीट के बारे में ‘मुझे नहीं पता’। सैम पित्रोदा ने कहा कि पत्रकार को मारपीट के मामले को सार्वजनिक करने से पहले ‘मुझसे’ बात करनी चाहिए थी।
बता दें कि इंडिया टुडे के पत्रकार रोहित शर्मा ने दावा किया कि जब उन्होंने सैम पित्रोदा से यह सवाल किया कि क्या राहुल गाँधी अमेरिका में बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे हमलों का मुद्दा उठाएँगे, तो कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता भड़क गए। इसके बाद उनका मोबाइल फोन छीन लिया गया और उनसे इंटरव्यू डिलीट करने के लिए कहा गया। रोहित शर्मा का दावा है कि इस दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की और मारपीट भी की गई।
इंडिया टुडे टीवी से विशेष बातचीत में सैम पित्रोदा ने कहा कि उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने बताया कि वह उस समय जल्दी में थे और उन्हें कहीं और जाना था, इसलिए वह रोहित शर्मा से मिलकर निकल गए। पित्रोदा ने कहा, “मुझे इस घटना की जानकारी नहीं है। मैं वहाँ मौजूद नहीं था। अगर ऐसा कुछ हुआ है, तो मैं इसकी जाँच करूँगा।”
पित्रोदा ने प्रेस की स्वतंत्रता का दिखावा करते हुए कहा कि रोहित को मामले को सार्वजनिक करने से पहले मुझसे बात करनी चाहिए थी। पित्रोदा ने कहा, “मैं किसी भी प्रकार की हिंसा या दुर्व्यवहार का समर्थन नहीं करता। मैं चाहता हूँ कि रोहित शर्मा पहले मुझसे बात करते, बजाय इसके कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह मामला उठाया।”
बता दें कि कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी विदेश में जाकर अफवाह उड़ाते हैं कि भारत की मौजूदा सरकार के शासन में देश में पत्रकारिता की स्वतंत्रता कम हो गई है। वे अपनी हर अमेरिकी यात्रा में इस बात को दोहराते रहे हैं, लेकिन राहुल गाँधी के टीम के लोग ही मनमाफिक सवाल नहीं पूछने पर पत्रकारों के साथ मारपीट करते हैं और उनके मोबाइल फोन छीन लेते है। इस पूरी घटना में खुद राहुल गाँधी का निजी सचिव अलंकार भी शामिल था।
शर्मा ने इंडिया टुडे पर लिखे अपने लेख में बताया, “अपनी तैयारी के हिस्से के रूप में मैंने इंडियन ओवरसीज कॉन्ग्रेस (IOC) के अध्यक्ष सैम पित्रोदा से संपर्क किया। मैंने पहले भी उनका साक्षात्कार लिया है। सैम इंटरव्यू देने के लिए तैयार हो गए। शाम करीब 7.30 बजे मैं टेक्सास के इरविंग में रिट्ज कार्लटन पहुँचा। वहाँ मुझे सैम के विला में ले जाया गया, जहाँ करीब 30 लोग बैठे थे, जिनमें भारत से आए कुछ लोग भी थे।”
इसके बाद पत्रकार शर्मा इंटरव्यू रिकॉर्ड करने के लिए अपना फोन सेट किया और राहुल गाँधी की यात्रा पर चर्चा करने लगे थे। इस दौरान सैम पित्रोदा ने उनके चार सवालों का सहजता से जवाब दिया। उन्होंने अंतिम सवाल पूछा कि ‘क्या राहुल गाँधी अमेरिकी सांसदों के साथ अपनी बैठकों के दौरान बांग्लादेश में मारे जा रहे हिंदुओं का मुद्दा उठाएँगे?’
इस सवाल का जवाब देने से पहले सैम पित्रोदा ने कहा, “यह राहुल और सांसदों पर निर्भर है कि वे तय करें कि क्या प्रासंगिक है। मैं उनकी ओर से नहीं बोल सकता लेकिन…।” इसी बीच वहाँ बैठे लोग हंगामा करने लगे।
रोहित शर्मा ने कहा, “राहुल की टीम के एक सदस्य ने मेरा फ़ोन छीन लिया और चिल्लाने लगा- ‘बंद करो! बंद करो!, साक्षात्कार बंद करो!” उन्होंने आगे कहा, “सैम भी मेरी तरह घबराए हुए थे और लोगों से शांत रहने की अपील कर रहे थे। हालाँकि, राहुल गाँधी के टीम के लोगों एवं समर्थकों ने उनकी बात नहीं मानी और मेरी माइक छीनने लगे। मैंने विरोध किया और उन्होंने मोबाइल की रिकॉर्डिंग बंद कर दी।”
इस हंगामे के बीच ही सैम पित्रोदा को राहुल गाँधी से मिलने के लिए एयरपोर्ट ले जाया गया। हालाँकि, कमरे में कम से कम 15 लोग रह गए। रोहित ने आगे कहा, “उन्होंने मुझसे साक्षात्कार से अंतिम प्रश्न हटाने के लिए कहा। मैं उन्हें समझाता रहा कि प्रश्न में कुछ भी विवादास्पद नहीं है और उनकी हरकतें गलत हैं। इसके बावजूद वे अड़े रहे और मेरा फोन लेकर उसमें खोजबीन करने लगे।”
इसके बाद उन लोगों ने उस साक्षात्कार को पत्रकार की फ़ोटो लाइब्रेरी से डिलीट कर दिया, लेकिन वह डिलीट फ़ोल्डर में वह रह गया और उसे खोलने के लिए पत्रकार के फेस आईडी की जरूरत थी। रोहित ने बताया, “जब मैं वहाँ बैठा था तो दो आदमी मेरे बगल में खड़े थे। उनमें से एक ने चुपके से मेरा फ़ोन मेरे चेहरे के पास लाया और मेरी सहमति के बिना उसे अनलॉक कर दिया।”
इसके बाद उन्होंने डिलीट किए गए फ़ोल्डर से इंटरव्यू को डिलीट करना शुरू कर दिया। iCloud भी चेक किया। रिकॉर्डिंग के दौरान फ़ोन एयरप्लेन मोड में था। इसलिए वीडियो सिंक नहीं हो पा रहा था। इस तरह वे लगभग आधे घंटे तक हर तरह की हरकत करने के बाद शांत बैठ गए। हालाँकि, इसके बाद भी वे फोन नहीं लौटाए और उसे चार दिनों तक अपने पास रखा।
इस तरह इंडिया टुडे के वॉशिंगटन स्थित संवाददाता रोहित शर्मा के साथ राहुल गाँधी की टीम के लोगों ने जबरदस्ती की और प्रेस की स्वतंत्रता को हर तरह से कुचलने की कोशिश की। अब सैम पित्रोदा कह रहे हैं कि वो प्रेस की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। वो भी इस तरह कि पत्रकार को पहले सैम पित्रोदा से बताना चाहिए था कि वो इस मुद्दे को सार्वजनिक मंच पर रखे भी या न? सैम को सीधे-सीधे बताना चाहिए कि उनका जो इंटरव्यू रोहित शर्मा ने रिकॉर्ड किया, वो कहाँ है?