जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार चुनाव आयोग ने राज्य में पंचायती चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। घोषणा के मुताबिक राज्य में कुल आठ चरणों में चुनाव कराए जाएँगे। पहला चरण 5 मार्च, जबकि आखिरी चरण 20 मार्च को होगा।
जम्मू-कश्मीर के चुनाव आयुक्त शैलेंद्र कुमार ने घोषणा करते हुए बताया कि पंचायती चुनाव का पहला चरण 5 मार्च, दूसरा 7 मार्च, तीसरा 9 मार्च, चौथा 12 मार्च, 5वॉं 14 मार्च, छठा 16 मार्च, 7वाँ 18 मार्च और 20 मार्च को चुनाव का आखिरी चरण होगा। यह चुनाव प्रदेश की एक हजार से अधिक खाली पड़ी सरपंचों की सीटों के लिए होंगे। साथ ही चुनाव आयोग ने साफ किया है कि चुनाव बैलेट पेपर से ही कराए जाएँगे।
https://platform.twitter.com/widgets.jsJ&K Chief Electoral Officer,Shailendra Kr: First phase of elections will be held on 5th March, second phase on 7th March, 3rd phase on 9th March, fourth phase on 12th March, fifth phase on 14th March, sixth phase on 16th March, seventh phase on 18th March& 8th phase on 20th March pic.twitter.com/ajZM9CWTMw
— ANI (@ANI) February 13, 2020
चुनाव आयोग ने बताया कि प्रदेश में सरपंच की 1011 सीटें खाली हैं। इन पदों को भरने के लिए लंबे समय से चुनाव कराने की अटकलें लगाई जा रही थीं। आपको जानकर हैरानी होगी कि जम्मू-कश्मीर में जिन सीटों पर चुनाव होना है। यह वही सीटें है, जहां से आतंकवाद के डर से कोई उम्मीदवार ही खड़ा नहीं हुआ था और तभी से इन गॉंवों का विकास पूरी तरह से अफसरों के हाथों में है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर-लद्दाख के 22 जिलों की आबादी करीब 1 करोड़ 40 लाख लोगों की है, जिसमें से करीब 80 लाख लोग 6,900 गॉंवों में रहते हैं। अगर पंचायतों की बात करें तो जम्मू-कश्मीर प्रदेश में 4,483 पंचायत हैं, जिनमें 3500 पंच और 4500 सरपंच हैं।
गौरतलब है कि बीते साल केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निरस्त कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बॉंट दिया था। जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा है जबकि लद्दाख बगैर विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश है।