Saturday, April 27, 2024
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नीतीश कुमार के खाने में कौन मिला रहा है ‘विष’? जीतनराम मांझी ने गिनाए लक्षण, पासवान बोले- तेजस्वी यादव के CM बनने के बँटे लड्डू

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार को एक साजिश के तहत के विषैला पदार्थ खिलाया जा रहा है, ताकि जल्दी किसी को मुख्यमंत्री बनाया जा सके। वहीं, भाजपा के विधायक लखेंद्र पासवान ने कहा कि उन्हें राजद के एक विधायक ने लड्डू देते हुए कहा कि खाइए, छठ के बाद तेजस्वी सीएम बनेंगे।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने जातीय गणना और उसके आधार पर आरक्षण बढ़ाने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी तो भरे सदन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें जलील कर दिया था। इतना ही नहीं, भाषाई मर्यादा को पार करते हुए सीएम नीतीश ने मांझी से तू-तड़ाक तक कर डाला था। अब मांझी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार की मानसिक हालत ठीक नहीं है।

राष्ट्रीय जनता दल और तेजस्वी यादव पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि एक साजिश के तहत सीएम नीतीश कुमार को पिछले कई दिनों से विषैला पदार्थ खिलाया जा रहा है, ताकि किसी को जल्दी मुख्यमंत्री बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री को विषैला पदार्थ खिलाया जा रहा है।

वहीं, भाजपा के विधायक लखेंद्र पासवान ने कहा कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की साजिश है कि बहुत जल्द नीतीश कुमार जी को पागल करके पागलखाने भेज दें। पासवान ने कहा, राजद का विधायक लड्डू लेकर आया और कहा कि लड्डू खाइए, क्योंकि छठ के बाद बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव होने वाले हैं।”

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेक्युलर के संस्थापक मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिछली तीन घटनाएँ बता रही हैं कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उन्हें कोई विषैला पदार्थ खिला रहा है। पहली घटना को लक्षण के रूप में गिनवाते हुए मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी के पिता महावीर चौधरी पर माल्यार्पण करने की जगह अशोक चौधरी पर ही माल्यार्पण कर दिया।

दूसरी घटना को गिनवाते हुए उन्होंने कहा कि सदन में नीतीश कुमार ने महिलाओं के बारे में जो बयान दिया था, वह बेहद घटिया था। यह हद हो गई थी। मांझी ने आगे कहा, “उसके बाद गुरुवार (9 नवंबर 2023) को जिस तरह से उन्होंने मुझे जलील किया, उससे वे साबित करते हैं कि कहीं-न-कहीं नीतीश कुमार को विषैला खाना खिलाया जा रहा है।”

दरअसल, नीतीश कुमार द्वारा सदन में जलील होने के बाद मांझी ने इसे महादलितों का अपमान बताया है। नीतीश कुमार के विरोध में दलित समुदाय आ गया है और उनसे इस्तीफे की माँग की है। वहीं, मांझी ने इसको लेकर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है और कहा है कि वे दिवाली बाद राष्ट्रपति से मिलेंगे और बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की माँग करेंगे।

बता दें कि जीतनराम मांझी सदन में आरक्षण की व्यवस्था की खामियों को लेकर अपनी बात रख रहे थे, तभी नीतीश कुमार तमतमा कर उठे और जीतनराम मांझी को खरी खोटी सुनाने लगे। सीएम नीतीश कुमार ने तो यहाँ तक कह दिया कि ‘इसे (जीतनराम मांझी को) कोई सेंस नहीं है। इसे तो मैंने अपनी मूर्खता के चलते मुख्यमंत्री बना दिया था’।

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन सदन में नीतीश कुमार का व्यवहार चर्चा में है। मांझी को लेकर नीतीश कुमार ने कहा, “इसको कुछ आइडिया नहीं है। ये तो मेरी गलती है कि मैंने इस आदमी को बना दिया मुख्यमंत्री। इसको कोई सेंस नहीं है। अइसे ही बोलते रहता है। कोई मतलब नहीं है। हम कह रहे थे कि आप लोगों के साथ ही रहिए, भाग के चला आया 7 पार्टी में। यही जानकर हमने भगा दिया उधर।”

भाजपा विधायकों की तरफ से आवाज उठने पर भी नीतीश कुमार नहीं रुके। नीतीश कुमार ने आगे कहा, “अरे सुनो बैठो ना यार, बैठिए, भूलिए मत, जब 2013 में आप लोगों को छोड़ दिए थे… अरे चुप ना रहो यार। कुछ जानते हो? हम इसको (माँझी की तरफ इशारा करके) (मुख्यमंत्री) बना दिए। इसके बाद जितने लोग मेरा पार्टी के थे, सब हमको दो ही महीने में कहने लगा कि गड़बड़ है, इसको हटाइए। अंत में हमको बाध्य किया तो फिर हम सीएम बन गए। कहता रहता है कि ये भी मुख्यमंत्री था। ये क्या मुख्यमंत्री था? ये तो मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री बना।”

नीतीश कुमार ने पत्रकारों की तरफ इशारा करके कहा कि वो मांझी को भाव ना दिया करें। नीतीश कुमार बोले, “आप बिना मतलब के इसको (मांझी) को रोज पब्लिश करते हो। कोई सेंस है इसमें?” इस बीच जब भाजपा विधायक हंगामा करने लगे तो नीतीश कुमार ने कहा, “एक मेरा सुझाव है कि आप ही लोगों के पीछे ये (मांझी) घूम रहा है। ये गवर्नर बनना चाहता है। ये हम लोगों के साथ था तो भी उल्टा-पुल्टा बोलता था। लगा दीजिए गवर्नर इसको… यही बनना चाहता है ये।”

गुस्से में मानो नीतीश कुमार गुस्से में सब कुछ भूल बैठे हों। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार चौधरी ने हस्तक्षेप किया और कहा कि क्यों नहीं एक महादलित को मुख्यमंत्री बना देते तो उन्होंने भाजपा को भी लपेटे में लेने की कोशिश की। उन्होंने अपील को अनसुना करते हुए कहा, “आप बनाए थे? कौन बनाया? तुम जानते हो, हम्हीं ने बनाया। अरे गर्वनर काहे नहीं बना देते।”

नीतीश ने आगे कहा, “यह गर्वनर बनने के चक्कर में ही रोज चक्कर लगाता है। इसके परिवार का लोग इसके खिलाफ है। आप जान लीजिए ये कोई काम का आदमी नहीं है। अरे इसको ले जाइए न। नारा लगा रहे हो? क्या जानते हो, इसको कौन मुख्यमंत्री बनाया। मैं चाहता हूँ कि तुम इन लोगों के साथ रहो।”

मैं भुइयाँ मुसहर, इसीलिए नीतीश कुमार ने किया जलील

इस घटना को लेकर सदन के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “मैं नीतीश कुमार से हर मामले में सीनियर हूँ, फिर भी उन्होंने हमारा अपमान किया। नीतीश कुमार ने अपनी लाज बचाने के लिए सीधे-साधे आदमी का इस्तेमाल किया। मैं मुसहर हूँ, इसलिए मुझे सदन में जलील किया गया।”

मांझी ने कहा, “नीतीश कुमार 1985 में विधायक बने। हम 1980 में विधायक बने। उनकी उम्र 74 साल है। मेरी उम्र 80 साल है। मैं उनसे सीनियर हूँ। इसके बावजूद वो तुम-ताम करते हैं। विधानसभा में तुम-ताम करना कहाँ तक उचित है। इसलिए मुझे लगता है कि वो मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।”

नीतीश कुमार द्वारा गवर्नर बनाए जाने के ताने पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि उन्हें साल 2017 में ही राज्यपाल बनने का ऑफर दिया गया था, लेकिन उन्होंने जनता के बीच में रहकर जनसेवा की राह चुनी थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने गवर्नर बनने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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