Thursday, March 28, 2024
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कंगना को जानबूझकर हुआ तकलीफ देने का काम: अभिनेत्री से मुलाकात के बाद बोले राम दास अठावले

"आपके ऊपर अन्याय हुआ है। आप जब आ रही थीं तो मुंबई महानगर प्रशासन को आपको नोटिस देना चाहिए था। आपको तीन चार दिन का नोटिस देना चाहिए था। कोर्ट में जाने का मौका देना चाहिए था। अभी कोर्ट ने स्टे दिया है। मगर, उसका कोई मतलब नहीं है। क्योंकि पूरा ऑफिस तोड़ दिया है। उसमें करोड़ों रुपए खर्च हुए।"

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की संपत्ति पर बीएमसी की कार्रवाई के बाद आज (सितंबर 10, 2020) केंद्रीय मंत्री राम दास अठावले ने उनसे मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान अठावले ने करीब 1 घंटे कंगना से बात की। इस बातचीत में उन्होंने अभिनेत्री को आश्वासन दिया कि उन्हें मुंबई में डरने की जरूरत नहीं है।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उन्होंने कहा, “मैंने अभिनेत्री कंगना रनौत से एक घंटे तक बात की। मैंने उनको बताया कि आपको मुंबई में डरने की जरूरत नहीं है। मुंबई शिवसेना की भी है, BJP की है, कॉन्ग्रेस की है। मुंबई सभी धर्म, जाति और भाषाओं के लोगों की है। यहाँ सबको रहने का अधिकार है।”

इस मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए अठावले ने बताया कि कंगना ने उनसे क्या कहा है। उन्होंने कंगना के हवाले से कहा , “मुंबई महानगर प्रशासन ने मेरा बहुत बड़ा अपमान किया है। मैंने बड़े अरमानों से जो ऑफिस बनाया था, अगर उसमें दो तीन इंच आगे था, तो उन्हें वो तोड़ना चाहिए था। मगर, उन्होंने मेरी दीवारें, मेरा फर्नीचर सब तोड़ दिया है। इससे मेरा भारी नुकसान हुआ है। तो मैं कोर्ट में जा रही हूँ। मुझे मुंबई महानगर प्रशासन से मुआवजा मिलना चाहिए।”

राम दास अठावले आगे बताते हैं कि उन्होंने भी कंगना को कहा, “आपके ऊपर अन्याय हुआ है। आप जब आ रही थीं तो मुंबई महानगर प्रशासन को आपको नोटिस देना चाहिए था। आपको तीन चार दिन का नोटिस देना चाहिए था। कोर्ट में जाने का मौका देना चाहिए था। अभी कोर्ट ने स्टे दिया है। मगर, उसका कोई मतलब नहीं है। क्योंकि पूरा ऑफिस तोड़ दिया है। उसमें करोड़ों रुपए खर्च हुए।”

कंगना ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि उन्होंने अपनी कमाई का सारा हिस्सा ऑफिस बनाने में लगाकर बहुत अच्छा ऑफिस बनाया था। इसलिए उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, इसके अलावा अभिनेत्री ने उनसे जातिव्यवस्था पर बात की। उन्होंने कहा कि उनके मन में बाबा साहेब के लिए और उनके द्वारा बनाए गए संविधान के प्रति बहुत बड़ा आदर और सम्मान है। उनका कहना है कि देश में जातिव्यवस्था खत्म होना चाहिए। कंगना कहती हैं कि जब वह अपनी फिल्म करती हैं तो वह ये सब नहीं देखती कि उनके साथी कौन सी जाति के हैं। वो इस देश में जातिव्यवस्था को खत्म करना चाहती हैं।

अठावले कहते हैं कि उनको ऐसा लगता है कि कंगना को जानबूझकर तकलीफ देने का काम हो रहा है। इसलिए वह इस मामले में मुख्यमंत्री से बात करेंगे। इसके अलावा मुंबई महानगर पालिका के जो आयुक्त हैं, उनसे भी बात की जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कंगना से कहा, “आपके ऊपर अन्याय नहीं होना चाहिए। आप जैसी एक महिला को किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होनी चाहिए।”

मीडिया से बात करते हुए वह पूछते हैं कि आखिर बीएमसी ने इसी दौरान नोटिस क्यों निकाला? उनका अधिकार है तो जब कंगना आ ही रहीं थीं, तभी उनके हाथ में नोटिस देना चाहिए था। इसलिए जो अधिकारी जिम्मेदार हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। अब कंगना जब कोर्ट में जा ही रही हैं, तो कोर्ट मुआवजे का आदेश देगा, और जिसने भी उनके ऊपर अन्याय किया है, उन पर जरूर कार्रवाई होगी।

उन्होंने आगे कहा कि ये सब बदले की भावना से हुआ है। कंगना ने सुशांत सिंह राजपूत मामले में सही बातें बताई थीं। ड्रग के बारे में भी उन्होंने ही सूचना दी थी। उसके बाद ही एनसीबी ने जाँच की और रिया चक्रवर्ती, उनका भाई शौविक समेत कई लोग चक्रवर्ती गिरफ्तार हुए।

केंद्रीय मंत्री ने अपनी बातचीत में शिवसेना मुखपत्र सामना पर कार्रवाई की बात की। उन्होंने कहा कि उसमें कंगना के ख़िलाफ़ ड्रग्स के आरोप लगे हैं और जाँच की बात कही गई है। अगर ऐसी ही बात है तो सामना पर भी मामला दर्ज होना चाहिए और संजय राउत पर भी। आखिर बिन सबूत के कोई ऐसे इल्जाम कैसे लगा सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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