Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीतिमंदिरों को मिले दान से कमाई करने के कॉन्ग्रेस सरकार के मंसूबों को झटका,...

मंदिरों को मिले दान से कमाई करने के कॉन्ग्रेस सरकार के मंसूबों को झटका, BJP-JDS की एका से बिल विधान परिषद में नहीं हुआ पास: लगे जय श्रीराम के नारे

विधान परिषद में इस विधेयक के समर्थन में सत्ता पक्ष के 7 सदस्यों ने 'हाँ' कहा, जबकि 18 विपक्षी सदस्यों ने 'ना' कहा, जिसके बाद विधेयक पारित नहीं हुआ। इसके बाद भाजपा विधान परिषद सदस्यों ने सदन में जय श्री राम के नारे भी लगाए।

कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार के मंदिरों की कमाई पर अधिक टैक्स वसूलने के मंसूबों पर पानी फिर गया है। इस सम्बन्ध में लाया गया विधेयक कर्नाटक के विधान परिषद में पारित नहीं हो पाया। भाजपा और जेडीएस के गठबंधन ने इस विधेयक को संयुक्त रूप से विधान परिषद में गिरा दिया।

75 सदस्यों वाली कर्नाटक विधान परिषद में मन्दिरों की कमाई पर टैक्स लगाने वाले इस विधेयक को ध्वनि मत से खारिज कर दिया गया। कर्नाटक विधान परिषद में कॉन्ग्रेस सरकार अल्पमत में है। कर्नाटक के इस उच्च सदन में भाजपा के पास 35 और जेडीएस के पास 8 सदस्य हैं। एक सदस्य निर्दलीय भी है जबकि कॉन्ग्रेस के पास यहाँ मात्र 30 ही सदस्य हैं। एक पद अभी रिक्त है।

ऐसे में कॉन्ग्रेस सरकार का ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024’ विधान परिषद में पारित नहीं हो सका। कर्नाटक की कॉन्ग्रेस सरकार इस विधेयक के जरिए वार्षिक ₹1 करोड़ से अधिक दान पाने वाले मंदिरों से उनकी कमाई का 10% जबकि ₹10 लाख से ₹1 करोड़ तक दान पाने वाले मंदिरों से 5% टैक्स वसूलना चाहती थी।

इससे पहले यह विधेयक कर्नाटक विधानसभा में लाया गया था। सत्ता में होने के चलते विधानसभा में कॉन्ग्रेस सरकार को बहुमत है, इसलिए यहाँ यह विधेयक बिना किसी समस्या के पारित हो गया था। 224 सदस्यों वाली इस विधानसभा में इसे 135 कॉन्ग्रेस विधायकों का समर्थन हासिल हुआ था। इसके बाद इसे विधान परिषद के समक्ष रखा गया, जहाँ यह पारित नहीं हुआ।

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि विधान परिषद में इस विधेयक के समर्थन में सत्ता पक्ष के 7 सदस्यों ने ‘हाँ’ कहा, जबकि 18 विपक्षी सदस्यों ने ‘ना’ कहा। इसके बाद भाजपा विधान परिषद सदस्यों ने सदन में जय श्री राम के नारे भी लगाए। हालाँकि, इस विधेयक को सरकार दोबारा इस सदन में पेश कर सकती है, लेकिन इसकी संभावना कम मानी जा रही है। यह भी कयास लग रहे हैं कि इसे अब लोकसभा चुनावों के बाद ही लाया जाएगा।

मंदिरों की कमाई से सबंधित इस विधेयक का राज्य की विपक्षी पार्टी भाजपा और जेडीएस लगातार विरोध कर रहे थे। उन्होंने सरकार पर हिन्दू विरोधी होने का आरोप लगाया था। कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बी वाई विजयेन्द्र ने इस मामले में कहा था कि सरकार हिन्दू मंदिरों के दान से अपना खजाना भरना चाहती है।

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के बड़े नेता बीएस येदियुरप्पा ने भी इस विधेयक को लेकर कहा था कि आखिर हिन्दू मंदिर ही टैक्स के दायरे में क्यों लाए जा रहे हैं और बाकी मजहबों के पाक स्थलों को इस दायरे में क्यों नहीं लाया जा रहा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -