Wednesday, May 14, 2025
Homeराजनीतिकेरल के शिक्षा मंत्री केटी जलील लोकायुक्त जाँच में दोषी करार: रिश्तेदार की भर्ती...

केरल के शिक्षा मंत्री केटी जलील लोकायुक्त जाँच में दोषी करार: रिश्तेदार की भर्ती के लिए बदल दी योग्यताएँ, पद से हटाने की माँग

वीके मोहम्मद के द्वारा जलील के विरुद्ध की गई शिकायत में यह आरोप लगाया गया है कि जलील ने केरल के राज्य अल्पसंख्यक विकास वित्त कॉर्पोरेशन लिमिटेड में जनरल मैनेजर के रूप में अपने रिश्तेदार केटी अदीब को नियुक्त करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया है।

शुक्रवार (9, अप्रैल) को लोकायुक्त ने केरल के अल्पसंख्यक कल्याण एवं उच्च शिक्षा मंत्री केटी जलील को शक्ति के दुरुपयोग, पक्षपात, नेपोटिज्म और पद की शपथ के उल्लंघन का दोषी पाया है। लोकायुक्त ने यह भी आदेश दिया है कि जलील को मंत्री परिषद का सदस्य नहीं बने रहना चाहिए।

केरल सरकार में मंत्री केटी जलील के विरुद्ध यह कार्रवाई एक शिकायत के आधार पर की गई। वीके मोहम्मद के द्वारा जलील के विरुद्ध की गई शिकायत में यह आरोप लगाया गया है कि जलील ने केरल के राज्य अल्पसंख्यक विकास वित्त कॉर्पोरेशन लिमिटेड में जनरल मैनेजर के रूप में अपने रिश्तेदार केटी अदीब को नियुक्त करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया है।

लोकायुक्त के अनुसार जलील द्वारा अपने पद का उपयोग करते हुए कॉर्पोरेशन में जनरल मैनेजर के पद की योग्यताओं में परिवर्तन किया गया। जलील के रिश्तेदार को जनरल मैनेजर के पद के योग्य बनाने के लिए योग्यताओं में ‘बीटेक के साथ पीजीडीबीए’ को भी एक योग्यता के रूप में जोड़ दिया गया जिससे जलील के रिश्तेदार केटी अदीब को लाभ पहुँचाया जा सके।

लोकायुक्त जस्टिस सिरियक जोसेफ और उप लोकायुक्त हारुल उल राशिद ने कहा कि ‘पद की शपथ के उल्लंघन, नेपोटिज्म, पक्षपात और शक्ति के दुरुपयोग’ के आरोप में जलील के विरूद्ध ‘केरल लोकायुक्त अधिनियम 1956’ की धारा 14 के तहत उचित कार्रवाई करने के लिए केरल के मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंप दी गई है।

वहीं भाजपा नेता और विदेश मामलों के केन्द्रीय राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से उच्च शिक्षा मंत्री केटी जलील के विरुद्ध कार्रवाई की माँग की है। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त ने जलील को पद की शपथ के उल्लंघन, शक्ति के दुरुपयोग और पक्षपात का दोषी पाया है, ऐसे में सरकार का यह कर्त्तव्य है कि जलील को पद से हटाया जाना चाहिए। मुरलीधरन ने कहा, “मैं सरकार से माँग करता हूँ कि जलील को पद से हटाया जाए और उसे कोई भी लाभ न दिया जाए। मुख्यमंत्री विजयन को यह कारण बताना होगा कि वह जलील पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं”।  

मुरलीधरन ने यह भी कहा कि जलील का यह कहना कि वह निर्णय के विरुद्ध कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं, न्यायिक व्यवस्था का अपमान है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PL-15, HQ -9, JF-17… ऑपरेशन सिंदूर ने ‘चाइनीज हथियारों’ का भी निकाल दिया जनाजा: पाकिस्तान ने 5 साल में ₹40 हजार करोड़ फूँके, पर...

भारत के खिलाफ पाकिस्तान ने चीन में बने हथियार प्रयोग किए, लेकिन भारतीय हथियार प्रणालियों ने उन्हें कबाड़ सिद्ध कर दिया।

खाली करना होगा PoK, सिंधु जल समझौता रहेगा निलंबित: भारत ने पाकिस्तान से बातचीत की ‘शर्त’ कर दी क्लियर, कहा- कश्मीर पर तीसरा पक्ष...

भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भले ही पाकिस्तान के साथ सीजफायर हो गया हो, सिंधु जल समझौता निलंबित ही रहेगा।
- विज्ञापन -