Friday, April 19, 2024
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BJP नेता किरीट सोमैया ने अन्वय नाइक और उद्धव परिवार के बीच हुए भूमि लेनदेन मामले में माँगा स्पष्टीकरण, जारी किए दस्तावेज

“हमनें श्रीमती रश्मि उद्धव ठाकरे और अन्वय नाइक के परिवार के साथ किए गए लेनदेन का विवरण और भूमि रिकॉर्ड 7/12 जारी किया हैं। हमने श्री उद्धव ठाकरे से अनुरोध किया कि वे इस बारे में कुछ जानकारी दें।"

भाजपा नेता किरीट सोमैया ने गुरुवार (19 नवम्बर, 2020) को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के परिवार का स्वर्गीय अन्वय नाइक के परिवार के साथ हुए भूमि के लेन-देन में कथित अनियमितताओं को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण माँगते हुए कई अन्य दस्तावेज सबूत के तौर पर जारी किए है। वहीं एक हफ्ते पहले भी सोमैया ने भूमि लेनदेन को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर कई आरोप लगाए थे।

बता दें रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी को मुंबई के इंटीरियर डिजाइनर अन्वय और उनकी माँ को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में 4 नवंबर बुधवार को पुलिस ने बिना किसी सूचना के गिरफ्तार कर लिया था। यह मामला 2 साल पुराना था, जो कोर्ट द्वारा पहले ही बंद कर दिया गया था।

भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने गुरुवार को उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे से दोनों परिवारों के बीच जमीन के सौदे में अनियमितता को लेकर कई सवाल किए।

पिछले हफ्ते दस्तावेजों को जारी करते हुए, सोमैया ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र सरकार की वेबसाइट में मौजूद मुरुद रायगढ़ के भूमि रिकॉर्ड के अनुसार उद्धव ठाकरे की पत्नी का स्वर्गीय अन्वय नाइक के परिवार के साथ भूमि का लेनदेन हुआ था। भूमि सौदों पर आगे स्पष्टीकरण माँगते हुए, किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को उनकी अचल संपत्ति के भूमि सौदे के विभिन्न लेनदेन के बारे में जनता को बताने के लिए कहा।

अन्वय नाइक परिवार और रवींद्र वायकर परिवार के साथ भूमि सौदों से संबंधित दस्तावेज जारी करते हुए उन्होंने कहा, “हमनें श्रीमती रश्मि उद्धव ठाकरे और अन्वय नाइक के परिवार के साथ किए गए लेनदेन का विवरण और भूमि रिकॉर्ड 7/12 जारी किया हैं। हमने श्री उद्धव ठाकरे से अनुरोध किया कि वे इस बारे में कुछ जानकारी दें।”

किरीट सोमैया ने कहा, शिवसेना नेता आरोपों का जवाब देने के बजाय उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न नेताओं ने दिवंगत अन्वय नाइक और ठाकरे के बीच भूमि सौदे को उजागर करने के लिए उन्हें धमकी दी थी।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे के चुनावी हलफनामों का हवाला देते हुए, भाजपा नेता ने पूछा कि क्यों रश्मि उद्धव ठाकरे के पास वैजनाथ, तालुका कर्जत, जिला रायगढ़ में एक ही सर्वेक्षण नंबर से दो संपत्तियाँ हैं।

डील के दस्तावेज

भाजपा के पूर्व सांसद ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भूमि सौदे में अनियमितता के संबंध में पूछा, “हम सीएम उद्धव ठाकरे से अनुरोध करना चाहते हैं कि एक ही सीरियल नंबर से लैंडहोल्डिंग के बारे में हमें बताए। जोकि सर्वे नंबर पॉइंट 2A और पॉइंट 2B में उल्लेख है। क्या एक ही सर्वेक्षण संख्या के साथ दो अलग-अलग भूमि उपलब्ध / खरीदे गए? श्रीमती ठाकरे के पास कुछ अन्य जमीनें हैं, जिनका विवरण महाराष्ट्र के लोगों को हलफनामे के पॉइंट नंबर B में उपलब्ध नहीं कराया गया है।”

शिवसेना प्रमुख के बेटे आदित्य ठाकरे के व्यापारिक व्यवहार के बारे में दस्तावेज जारी करते हुए, भाजपा नेता किरीट सोमैया ने शिवसेना नेता से तीखे सवाल किए और उनसे पूछा कि वे रियल एस्टेट कारोबार में अपने निवेश के बारे में स्पष्ट करें।

चुनावी हलफनामे के अनुसार, आदित्य ठाकरे एम/एस हिबिस्कस फूड एलएलपी के नामित भागीदार और मालिक थे और उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि उद्धव ठाकरे भी हिबिस्कस फूड एलएलपी में नामित भागीदार थीं।

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के 17 नवंबर 2020 तक के प्राप्त रिकॉर्ड के अनुसार, “आदित्य ठाकरे 2015 में हिबिस्कस फ़ूड एलएलपी में एक नामित पार्टनर बने और यह भी कहा कि उन्होंने 31 दिसंबर 2020 को इस कंपनी से इस्तीफा दे दिया था। वहीं 26 अप्रैल 2016 को एलियोरा सोलर एलएलपी में नामित भागीदार बन गए और उन्होंने इस कंपनी से भी 31 मार्च 2020 को इस्तीफा दे दिया था।”

भाजपा नेता ने कहा कि वह मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे से इस व्यवसाय और इन वेंचर में आदित्य उद्धव ठाकरे की भूमिका के बारे जानना चाहते हैं। बता दें शिवसेना के खिलाफ आरोप यह है कि 28 नवंबर 2019 को उन्हें मंत्री बनाए जाने के बावजूद, वह 31 मार्च 2020 तक हिबिस्कस फूड एलएलपी और एलियोरा सोलर एलएलपी का कारोबार एक साथ चला रहे थे।

उल्लेखनीय है कि कानून के अनुसार, सांसद और विधायक फायदा पहुँचाने वाला कोई भी काम नहीं कर सकते है। साथ ही किसी भी तरह से कंपनसेशन वाली भूमिका में वो लिप्त नहीं हो सकते है। इसलिए, अगर आदित्य ठाकरे वास्तव में 31 मार्च तक दोनों कंपनियों के नामित भागीदार बने रहे, तो इसका मतलब है कि वह महाराष्ट्र सरकार में विधायक और मंत्री रहते हुए लाभ के पद धारण कर रहे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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