चुनाव आयोग ने शुक्रवार (14 अक्टूबर, 2022) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। हिमाचल प्रदेश में 25 अक्टूबर तक नामांकन होगा। 12 नवंबर को चुनाव होंगे और 8 दिसंबर को मतगणना होगी।
बात गुजरात की करें तो वहाँ के लिए अभी फैसला नहीं लिया गया है। 2001 से लेकर अब तक लगातार भाजपा की सरकार है। 21 वर्षों का ये क्रम आगे भी चलता रहेगा, ऐसा भाजपा को उम्मीद है। 2017 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 182 में से 99 सीटें अपने नाम की थी। उसकी 16 सीटें कम हो गई थीं। वहीं कॉन्ग्रेस ने 16 सीटें ज्यादा जीतते हुए 77 सीटों को अपने नाम किया था। हालाँकि, इस बार कॉन्ग्रेस की स्थिति डाँवाडोल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य में भाजपा मजबूत है।
गुजरात में तो भाजपा ने बीच में ही विजय रुपाणी को हटा कर भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन हिमाचल प्रदेश में पार्टी आलाकमान का भरोसा 2017 से ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर ही रहा है। 68 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने पिछली बार 18 सीटें जोड़ते हुए 44 सीटें अपने नाम की थी। कॉन्ग्रेस की 15 सीटें कम हुईं और वो 21 विधायकों के साथ सत्ता से बेदखल हो गई। भाजपा के वयोवृद्ध नेता प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए, जिस कारण भाजपा ने जयराम ठाकुर पर भरोसा जताया।
फ़िलहाल राहुल गाँधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ भी चल रही है, ऐसे में इन दोनों राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस की भी परीक्षा होगी कि वो कितनी सीटें जीत पाती है। किसी भी सर्वे या ओपिनियन पोल में वो मजबूत नहीं दिख रही। अरविंद केजरीवाल की AAP ज़रूर दोनों राज्यों में हाथ-पाँव मार रही है और खासकर गुजरात को लेकर उसका रुख आक्रामक है, लेकिन पार्टी अपना खाता खोल ले यही बड़ी बात होगी।