Wednesday, October 9, 2024
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लक्षद्वीप के स्कूली ड्रेस से हिजाब-स्कार्फ बाहर: कॉन्ग्रेसी नेता से लेकर शरद पवार के सांसद सब विरोध में, कहा- मुस्लिमों के अधिकारों का उल्लंघन

लक्षद्वीप एक केंद्रशासित प्रदेश है। यहाँ मुस्लिमों की आबादी सबसे अधिक है। यहाँ पर 96 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है, जबकि हिंदू एवं ईसाई अल्पसंख्यक हैं।

लक्षद्वीप प्रशासन ने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए नया ड्रेस कोड लागू किया है। इसमें मुस्लिम छात्राओं के लिए हिजाब या स्कार्फ को लेकर कोई बात नहीं कही गई है। कॉन्ग्रेस ने शनिवार (12 अगस्त, 2023) को नया ड्रेस कोड लागू करने के लिए लक्षद्वीप प्रशासन की निंदा की है। पार्टी ने कहा कि वह इसका विरोध करेगी। वहीं, लक्षद्वीप के NCP सांसद मोहम्मद फैजल ने इसे सरकार का तानाशाही फैसला करार दिया है।

कॉन्ग्रेस ने कहा- हिजाब और स्कार्फ पर बैन लगाने की साजिश

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कॉन्ग्रेस नेता और पूर्व सांसद हमदुल्ला सईद ने शुक्रवार (11 अगस्त, 2023) को लक्षद्वीप में मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रशासन के आदेश में हिजाब और स्कार्फ को लेकर बात नहीं कही गई है। यह व्यक्ति के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। इसके खिलाफ उन्होंने राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ने की चेतावनी दी है।

कॉन्ग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि नया ड्रेस कोड मुस्लिम बहुल द्वीपसमूह के लोगों की आंतरिक संस्कृति और जीवन शैली को नष्ट करने जैसा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार और लक्षद्वीप प्रशासन लगातार जनविरोधी नीतियों को लागू करने का प्रयास कर रहे हैं, जो द्वीपों की संस्कृति और लोकाचार के खिलाफ हैं।

सांसद मोहम्मद फैजल ने इसे लड़कियों के स्कार्फ और हिजाब पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि शराब नीति के मसौदे और समान ड्रेस कोड के खिलाफ स्थानीय स्तर पर विरोध तेज हो गया है। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह का कानून लागू किया जाता है तो यह द्वीपवासियों द्वारा सदियों से पालन होने वाले रीति-रिवाजों, धार्मिक विश्वासों और पहनावे के पैटर्न को जड़ से खत्म कर देगा।

वहीं, शिक्षा विभाग द्वारा 10 अगस्त 2023 को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि ड्रेस के नए पैटर्न को छात्रों, अभिभावकों, जन प्रतिनिधियों द्वारा सराहा गया है। शिक्षा विभाग ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए उसी पैटर्न को अपनाने का फैसला किया है। सभी प्रिंसिपल को निर्देश दिया गया है कि सभी छात्र निर्धारित पोशाक में ही स्कूल आएँ। इससे एकता और भाईचारे की भावना के साथ छात्रों में अनुशासन बढ़ेगा।

इस नए सर्कुलर के तहत कक्षा पाँच तक के छात्रों का ड्रेस कोड हाफ पैंट (चेक) और स्काई ब्लू हाफ शर्ट होगा, जबकि लड़कियों के लिए स्कर्ट और स्काई ब्लू शर्ट है। वहीं, छठीं से बारहवीं कक्षा के छात्रों का ड्रेस कोड फुल पैंट और स्काई ब्लू हाफ शर्ट और छात्राओं के लिए नेवी ब्लू स्कर्ट और स्काई ब्लू शर्ट है।

बताते चलें कि लक्षद्वीप एक केंद्रशासित प्रदेश है। यहाँ मुस्लिमों की आबादी सबसे अधिक है। यहाँ पर 96 प्रतिशत आबादी मुस्लिम हैं, जबकि हिंदू एवं ईसाई अल्पसंख्यक हैं। यही कारण है कि मुस्लिम नेता नई शराब नीति और ड्रेस कोड का विरोध कर रहे है। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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