Wednesday, May 14, 2025
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लोकसभा चुनाव और मतगणना से पहले ही BJP के मुकेश दलाल बन गए सांसद: निर्विवाद जीते, कॉन्ग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द, अन्य 8 ने लिया नाम वापस

चुनाव अधिकारी ने निलेश कुम्भानी के प्रस्तावकों का वीडियो रिकॉर्डिंग भी किया था। प्रस्तावकों के दावे के बाद चुनाव अधिकारी ने जवाब देने के लिए कॉन्ग्रेस उम्मीदवार निलेश कुम्भानी को एक दिन का समय दिया था। कुम्भानी अपने एडवोकेट के साथ जवाब देने पहुँचे थे, लेकिन तीनों प्रस्तावक वहाँ नहीं आए।

गुजरात से भाजपा के लिए एक अहम खबर आई है। मतदान की प्रक्रिया पूरा होने से पहले ही भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार मुकेश दलाल ने जीत हासिल कर ली है। मुकेश दलाल सूरत लोकसभा सीट के भाजपा के उम्मीदवार हैं। यहाँ पर उनका कोई विरोधी उम्मीदवार नहीं है। इस तरह यह पार्टी की पहली जीत है। इस जीत के बाद उन्होंने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल से मुलाकात की है।

दरअसल, लोकसभा सीट से कॉन्ग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द हो गया था। इसके बाद बचे हुए 8 उम्मीदवारों ने भी अपने नाम वापस ले लिए हैं। इसके बाद बीजेपी यहाँ से निर्विरोध जीत हो गई है। इस जीत के साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा की जीत का खाता खुल गया है।

बता दें कि कॉन्ग्रेस की तरफ से निलेश कुम्भानी यहाँ मैदान में थे। चुनाव अधिकारी के समक्ष अपने तीन में से एक भी प्रस्तावक को वेे मौजूद नहीं रख पाए थे। इसके बाद चुनाव अधिकारी ने निलेश कुम्भानी का नामांकन फॉर्म रद्द कर दिया था। भाजपा ने निलेश कुम्भानी के फॉर्म में उनके तीन प्रस्तावकों के हस्ताक्षर को लेकर सवाल उठाए थे।

उधर कॉन्ग्रेस ने इन सबके लिए भाजपा को ही दोषी ठहरा दिया है। कॉन्ग्रेस ने कहा कि सरकार की धमकी के कारण सब डरे हुए हैं। पार्टी नेता और एडवोकेट बाबू मांगुकीया ने कहा, “हमारे तीनों प्रस्तावकों का अपहरण हुआ है। चुनाव अधिकारी को अभी फॉर्म पर हस्ताक्षर हुए हैं या नहीं, इसकी नहीं बल्कि अपहरण की जाँच करनी चाहिए।”

वहीं, निलेश कुम्भानी के प्रस्तावकों में उनके बहनोई जगदीश सावलिया, भाँजे ध्रुविन धामेलिया और भागीदार रमेश पोलरा के हस्ताक्षर होने का दावा किया गया था, लेकिन तीनों प्रस्तावकों ने चुनाव अधिकारी के सामने एफिडेविट देकर कहा था कि निलेश कुम्भानी के फॉर्म में उनके हस्ताक्षर नहीं हैं। इसके बाद से तीनों प्रस्तावक गायब हो गए।

चुनाव अधिकारी ने निलेश कुम्भानी के प्रस्तावकों का वीडियो रिकॉर्डिंग भी किया था। प्रस्तावकों के दावे के बाद चुनाव अधिकारी ने जवाब देने के लिए कॉन्ग्रेस उम्मीदवार निलेश कुम्भानी को एक दिन का समय दिया था। कुम्भानी अपने एडवोकेट के साथ जवाब देने पहुँचे थे, लेकिन तीनों प्रस्तावक वहाँ नहीं आए।

ऐसे में चुनाव अधिकारियों ने कॉन्ग्रेस उम्मीदवार निलेश कुम्भालिया का नामांकन खारिज कर दिया। कुम्भालिया का नामांकन खारिज होते ही अन्य 8 उम्मीदवारों ने भी अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद भाजपा प्रत्याशी का कोई विरोधी नहीं रहा और वे निर्विरोध चुनाव जीत गए। बता दें कि साल 1989 से सूरत लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है।

सूरत लोकसभा सीट पर निर्विरोध जीतने वाले मुकेश दलाल सूरत भाजपा के महासचिव हैं। मोढ वणिक समुदाय से आने वाले मुकेश दलाल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के विश्वस्त माने जाते हैं। वह वर्तमान में एसडीसीए समिति के सदस्य हैं। वह सूरत नगर निगम (एसएमसी) के स्थायी समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

इससे पहले मुकेश दलाल भाजपा युवा मोर्चा में प्रदेश स्तर पर काम कर चुके हैं। दलाल एसएमसी में 3 बार पार्षद और 5 बार स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे हैं। दलाल सूरत पीपुल्स कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष हैं। उन्होंने कॉमर्स में स्नातक और एमबीए फाइनेंस की पढ़ाई की है। उन्होंने LLB की पढ़ाई भी की है। दलाल 1981 से बीजेपी से जुड़े थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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