Wednesday, March 5, 2025
Homeराजनीति'जज साहब, मुझसे गलती हो गई': सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल ने माँगी माफी,...

‘जज साहब, मुझसे गलती हो गई’: सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल ने माँगी माफी, ध्रुव राठी के वीडियो को किया था रीट्वीट

अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि उन्होंने वीडियो को रीट्वीट करके गलती कर दी थी। ये वीडियो ध्रुव राठी द्वारा बनाया गया था, जिसमें फैक्ट्स की काफी गलतियाँ थी।

आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में माफी माँगी है। उन्होंने एक वीडियो शेयर किया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में कार्रवाई पर रोक लगाई है। अरविंद केजरीवाल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। अरविंद केजरीवाल ने ध्रुव राठी के वीडियो को एक्स (तब के ट्विटर) पर रीट्वीट किया था, जिसमें तमाम गलत फैक्ट्स के साथ बीजेपी को बदनाम करने की कोशिश की गई थी। इसी मामले में विकास सांस्कृत्यायन नाम के शख्स ने केस दर्ज कराया था।

ये मामला साल 2018 का है। तब अरविंद केजरीवाल ने अक्सर गलत तथ्यों के साथ वीडियो बनाने वाले यूट्यूबर ध्रुव राठी का एक वीडियो रीट्वीट किया था। इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर ‘आई सपोर्ट नरेंद्र मोदी’ नाम के पेज को चलाने वाले विकास सांस्कृत्यायन ने केस दर्ज कराया था। उन्होंने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केस दर्ज कराते हुए दावा किया था कि उस वीडियो में उनके (सांस्कृत्यायन) के खिलाफ अपमानजनक आरोप लगाए गए हैं, जिसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं। इस वीडियो की जाँच के बिना ही अरविंद केजरीवाल ने उसे शेयर किया, जिसकी वजह से उनकी (विकास सांस्कृत्यायन) की छवि को ठेस पहुँची।

सांकृत्यायन ने दावा किया कि ‘बीजेपी आईटी सेल पार्ट II’ शीर्षक वाला यूट्यूब वीडियो जर्मनी में रहने वाले राठी द्वारा प्रसारित किया गया था, जिसमें कई झूठे और अपमानजनक आरोप लगाए गए थे। इसी मामले में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कर रही है। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी गलती कबूल की है। सुप्रीम कोर्ट में सीएम केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘मैं इतना कह सकता हूं कि मैंने रीट्वीट करके गलती की।’ हालाँकि सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने निचली अदालत से 11 मार्च तक केजरीवाल से जुड़े मानहानि मामले की सुनवाई नहीं करने को भी कहा है।

इस मामले में निचली अदालत ने इसे मानहानिकारक माना था और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ समन जारी किया था। केजरीवाल ने इस समन के खिलाप सेशंस कोर्ट में अपील की थी, लेकिन वो खारिज कर दी गई थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका लगाई, लेकिन वहाँ भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। हाई कोर्ट के जस्टिस स्वर्णकांत शर्मा ने कहा था कि अपमानजनक सामग्री को रीट्वीट करना आईपीसी की धारा 499 के तहत दंडनीय अपराध है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पूरे परिवार के इस्लाम छोड़ने पर ₹20 हजार, गैर मुस्लिम लड़के से शादी पर ₹15 हजार… स्कूल-चर्चों की फंडिंग से ‘मिशन मोड’ में चल...

सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि मिशनरियाँ हवाला के जरिए मोटी रकम भेज रही हैं। चर्चों और बड़े स्कूलों से भी पैसा आ रहा है, जिससे ये गैंग ग्रामीण इलाकों में जाल बिछा रहे हैं।

‘मेरा समय खराब है, लेकिन मैं खुद समय हूँ’: कनाडा में बकैती करने पर सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना की ली क्लास, कहा- ओवरस्मार्ट...

जस्टिस सूर्यकांत ने चेतावनी देते हुए कहा, "ये लोग नहीं जानते कि सुप्रीम कोर्ट का क्षेत्राधिकार कहाँ तक है... सुधर जाओ वरना हम जानते हैं कि आपसे कैसे निपटना है।"
- विज्ञापन -