कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी द्वारा दिल्ली में आयोजित भारत बचाओ रैली के दौरान वीर सावरकर को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमाई हुई है। शिवसेना ने जहाँ कॉन्ग्रेस सांसद को वीर सावरकर की किताब पढ़ने की सलाह दी है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत पर भी इसका असर देखने को मिला।
Nagpur: BJP MLAs including former Chief Minister Devendra Fadnavis arrive for assembly’s winter session wearing ‘I am Savarkar’ caps https://t.co/wNyohx585c pic.twitter.com/ZAtmdoglDx
— ANI (@ANI) December 16, 2019
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस सहित सभी भाजपा विधायक शीतकालीन सत्र में शामिल होने के लिए ‘मी पण सावरकर’ (मैं हूँ सावरकर) लिखी लाल रंग की टोपी पहनकर नागपुर पहुँचे। महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी राहुल गाँधी के सावरकर वाले बयान की निंदा की है। ठाकरे ने रविवार (दिसंबर 15, 2019) को नागपुर में सावकर को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं करने की बात कही। उन्होंने कहा कि महाअघाड़ी में शामिल पार्टियों के बीच समझौता विचारधारा पर नहीं, सिर्फ कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के आधार पर हुआ है।
Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray in Nagpur: Our government (Shiv Sena-Congress-NCP alliance) is working on the basis of Common Minimum Programme (CMP), not on the basis of ideology. Our stance on Savarkar is same as before. https://t.co/HZzeSFUshb
— ANI (@ANI) December 15, 2019
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार (शिवसेना-कॉन्ग्रेस-एनसीपी गठबंधन) न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत काम करती है, न कि किसी खास विचारधारा पर। सावरकर पर हमारी सोच अब भी पहले जैसी ही है।” वहीं नागरिकता संशोधन कानून पर उन्होंने कहा, “देखते हैं कि अदालत क्या फैसला करती है, इसके बाद हम अपना पक्ष रखेंगे।”
Union Minister Ramdas Athawale: Maharashtra me ye 2 mahina bhukamp wala hi hai. Ek baar Devendra Fadnavis ji aur Ajit Pawar ka bhukamp ho gya, uske baad Uddhav Thackeray ji ka hua aur abhi kaisa bhukamp hota hai hum dekhenge,lekin koi na koi bhukamp hone ki sambhavna hai. pic.twitter.com/pP8sO2zn5a
— ANI (@ANI) December 15, 2019
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने महाराष्ट्र में आने वाले राजनीतिक भूकंप की ओर इशारा करते हुए कहा, “महाराष्ट्र में ये दो महीना भूकंप वाला ही है। एक बार देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार का भूकंप हो गया, उसके बाद उद्धव ठाकरे का हुआ और अभी कैसा भूकंप होता है हम देखेंगे। कोई न कोई भूकंप होने की संभावना है।”
राहुल गॉंधी ने सावरकर को लेकर टिप्पणी शनिवार को रामलीला मैदान में कॉन्ग्रेस की रैली के दौरान की थी। ‘रेप इन इंडिया’ वाली टिप्पणी पर भाजपा माफी की मॉंग पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘संसद में शुक्रवार को भाजपा के लोगों ने कहा कि मैं अपने भाषण के लिए माफी मॉंगूॅं। मुझे कहते हैं कि सही बात बोलने के लिए माफी मॉंगो। मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है, मेरा नाम राहुल गॉंधी है। मैं सच्चाई के लिए कभी माफी नहीं मॉंगूॅंगा। मर जाऊँगा मगर माफी नहीं मॉंगूॅंगा और न कोई कॉन्ग्रेस वाला माफी मॉंगेगा।’’ राहुल का यह बयान बीजेपी के साथ ही शिवसेना को भी रास नहीं आया।
वहीं, वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने भी कहा है कि राहुल गाँधी के इस बयान के लिए उद्धव ठाकरे को राहुल गॉंधी की सार्वजनिक रूप से पिटाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “यह अच्छा है कि राहुल गॉंधी, राहुल सावरकर नहीं हैं। ऐसा होता हम सबको अपना मुॅंह छिपाना पड़ता। अब हम उम्मीद करते हैं कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपना वादा निभाएँगे। वे कई बार कह चुके हैं कि यदि किसी ने सावरकर का अपमान किया तो वे उसे सार्वजनिक रूप से पीटेंगे। मैं उम्मीद करता हूॅं कि शिवसेना ने सावरकर पर अपना स्टैंड नहीं बदला होगा।”
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