महाराष्ट्र में कोरोना की रफ्तार बेकाबू होती जा रही है। अपने राज्य में इसके रोकथाम से अलग दूसरी ओर उद्धव ठाकरे सरकार जानना चाहती है कि अन्य राज्यों (खासकर जहाँ चुनाव हो रहे हैं) में ऐसी स्थिति क्यों नहीं देखने को मिल रही है।
महाराष्ट्र के मंत्री असलम शेख ने कहा, ”हमने COVID-19 टास्क फोर्स से यह अध्ययन करने के लिए कहा है कि केवल महाराष्ट्र में कोरोना के मामले क्यों बढ़ रहे हैं और उन राज्यों में क्यों नहीं बढ़ रहे, जहाँ विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। कई मंत्री वहाँ बड़े पैमाने पर सभाएँ कर रहे हैं, लेकिन वहाँ COVID-19 मामलों में कोई बढ़ोतरी नहीं देखने को मिल रही।”
We’ve asked COVID19 Task Force to study why cases are increasing only in Maharashtra and not in states where elections are being held. Many ministers are campaigning with mass gatherings there but there is no surge in COVID cases there: Maharashtra Minister Aslam Sheikh pic.twitter.com/7ye7Oj45bT
— ANI (@ANI) April 11, 2021
उद्धव ठाकरे सरकार महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की स्थिति को संभालने में विफल रही है। वर्तमान में महाराष्ट्र में देश में COVID-19 के कुल एक्टिव केस का लगभग आधा हिस्सा है। राज्य में प्रतिदिन लगभग 50,000 नए कोरोना के केस मिल रहे हैं, जो चिंता का विषय है। मार्च 2021 की शुरुआत में महाराष्ट्र में कुल एक्टिव केस एक लाख से कम थे, लेकिन अब यह संख्या यहाँ 5 लाख के पार पहुँच गई है।
इसके उलट महाराष्ट्र के मंत्री ने देखा कि जिन राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान बड़े पैमाने पर सार्वजनिक रैलियाँ और रोड शो किए गए, वहाँ कोरोना के मामले कम दर्ज हुए हैं। असम में कोरोना के कुल एक्टिव केस लगभग 1500 हैं, जबकि पश्चिम बंगाल में 21,000 के करीब। केरल में लगभग 40,000 सक्रिय मामले हैं, वहीं तमिलनाडु में लगभग 38,000 मामले हैं।
Harsh Vardhan blames ordinary Indians for Covid-19 surge – ignoring BJP rally tweets on his own feed https://t.co/eUW2uKY4yz
— nikhil wagle (@waglenikhil) April 8, 2021
बीते दिनों कुछ विपक्षी दलों के नेता और वाम दल की मीडिया ने असम और पश्चिम बंगाल में केंद्रीय मंत्रियों द्वारा की जाने वाली चुनावी रैलियों के साथ महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना के मामलों को जोड़ने का प्रयास किया। नतीजा सामने है! अब महाराष्ट्र के मंत्री इस बात पर सहमत हो ही गए कि उनका राज्य कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में विफल रहा, जबकि जिन राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, वहाँ स्थिति महाराष्ट्र से कहीं अधिक बेहतर है।
हालाँकि, कोरोना वायरस के बारे में फर्जी खबरें फैलाने में कॉन्ग्रेसी नेता सबसे आगे हैं। शनिवार को महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने आरोप लगाया था कि उनके राज्य को सबसे कम वैक्सीन की डोज दी गई है, जबकि भाजपा शासित राज्यों को अधिक वैक्सीन की खुराक दी जाती है। हालाँकि यह एक सफेद झूठ है, क्योंकि महाराष्ट्र को वैक्सीन की सबसे अधिक डोज दी गई है। एक अन्य कॉन्ग्रेस शासित राज्य राजस्थान ने भी बड़ी संख्या में वैक्सीन की डोज प्राप्त की है, जो शीर्ष तीन वैक्सीन प्राप्त करने वाले राज्यों में से एक है।
बता दें कि महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में कोरोना की रफ्तार बेहद तेज हो गई है। आज मुंबई में कोरोना विस्फोट हुआ। यहाँ पिछले 24 घंटे में 9989 नए केस सामने आए हैं, वहीं 58 की मौत हो गई।